बीजेपी का सवाल: आज पूरा झारखंड हेमंत सोरेन से पूछ रहा- हमें तो नहीं मिला आपको “मिला क्या” | जेएमएम का जवाब : हेमंत ने भाजपा के षड्यंत्र का हर बार दिया करारा जवाब | आगे भी देंगे
रांची। झारखंड में होनेवाले आगामी विधानसभा चुनाव से पहले सरगर्मी तेज हो गई है। बीजेपी लगातार हेमंत सोरेन सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है, लेकिन इसमें कामयाब नहीं हो पा रही है। बीजेपी के हर चाल को सत्ता पक्ष बड़े ही आसानी से पार लगा रही है। भारतीय जनता युवा मोर्चा के आक्रोश रैली के राजनीति का पारा हाई है। एक दूसरे पर लगातार हमले हो रहे। झारखंड प्रदेश के चुनाव सह प्रभारी सह असम के मुख्यमंत्री हिमंता विश्व सरमा ने आज रांची में भाजपा द्वारा “मिला क्या” कैंपेन के लॉन्चिंग के बाद प्रेस से बात करते हुए हेमंत सोरेन पर जमकर हमला किया। प्रेस कांफ्रेस के दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी व नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने भी अपनी बात रखी। इसपर जेएमएम ने भी भाजपा को करारा जवाब दिया।
असम के मुख्यमंत्री हिमंता विश्व सरमा…
झारखंड प्रदेश के चुनाव सह प्रभारी सह असम के मुख्यमंत्री हिमंता विश्व सरमा ने कहा कि आज पूरा झारखंड हेमंत सोरेन से पूछ रहा है कि हमें तो नहीं मिला आपको मिला क्या ? हेमंत सोरेन ने युवाओं को हर साल 5 लाख नौकरी देने, नौकरी नहीं तो बेरोजगारी भत्ता देने और दोनों वादा पूरा नहीं करने पर राजनीति से संन्यास लेने की बात कही थी। ऐसा बीजेपी ने नहीं बोला और ना ही भाजपा ने इसके लिए आपको प्रेरित किया। आपने यह बात प्रण लेते हुए शहीद निर्मल महतो की समाधि स्थल पर बोला। वादा पूरा नहीं किया तो यह एक शहीद का भी अपमान है। सरमा ने भाजपा द्वारा “मिला क्या” कैंपेन के लॉन्चिंग के दौरान उक्त बातें कहीं। सरमा ने कहा कि मेरे पिताजी का कोई बड़ा परिचय नहीं है परंतु शिबू सोरेन एक बड़ी शख्सियत हैं। अगर उनका बेटा वचन पूरा नहीं करेगा तो भला कौन वचन पूरा करेगा। हेमंत सोरेन एक महीना का इंतजार कीजिएगा या एक-दो दिन में ही राजनीति से संन्यास ले लीजिएगा। 2 अक्टूबर या और कोई एक तिथि तय करके आप राज्य की जनता को बता दीजिए कि कब सन्यास ले रहे हैं। क्योंकि नवंबर में चुनाव होना है, सितंबर तक का ही समय आपके पास है।
सरकार राज्य के लोगों के साथ डकैती कर रही
सरमा ने कहा कि युवाओं के बेरोजगारी भत्ते का 15000 करोड़, महिलाओं के पेंशन का 3750 करोड़, महिलाओं को बिना गारंटी के ऋण का 2.5 लाख करोड़, चूल्हा भत्ता का 60000 करोड़, शादी के बाद महिलाओं के सोने के सिक्के का 300 करोड़ और हर परिवार को सालाना 72000 का 1.80 लाख करोड़ रुपए का क्या हुआ ? उन्होंने कहा कि हमने अभी खिजूरी विधानसभा में महिलाओं से पूछा कि बालू फ्री मिला क्या तो किसी ने भी हां नहीं कहा। इस सरकार ने पैसा देने का, नौकरी बांटने का और स्कीम देने का वादा किया था परंतु यह सरकार पैसा वसूली कर रही है। एक प्रकार से कहना उचित होगा कि यह सरकार राज्य के लोगों के साथ डकैती कर रही है। सीएम बोल रहे हैं कि बालू फ्री देंगे और माफिया बोल रहा है कि बालू फ्री नहीं लेने देंगे, अब बताइए माफिया बड़ा है या सीएम बड़ा ? घुसपैठ का मामला हम लोग उठाते हैं तो इसे सरकार राजनीति से प्रेरित बताती है परंतु यहां अलकायदा से जुड़े होने के आरोप में डॉक्टर की गिरफ्तारी हो जाती है, वह राज्य सरकार को नहीं दिखता।
हेमंत सोरेन मानो भगवान बन गए हों
सरमा ने कहा कि झारखंड के युवा सवाल भी नहीं पूछ सकते हैं। युवा आक्रोश रैली निकालते हैं तो उन्हें आंसू गैस, लाठी और बम मिलता है। हेमंत सोरेन मानो भगवान बन गए हों, वह ऐसा व्यवहार कर रहे हैं। उनकी मर्जी मानो किसी को कुछ देना होगा तो देंगे, कोई उनसे कुछ सवाल भी नहीं पूछ सकता है। असम के इलाके में आता हूं। वहां 30 साल से अल्फा से जूझ रहा हूं। आज तक ऐसी बैरिकैटिंग नहीं देखा। मोराबादी में बाबूलाल मरांडी की सभा संबोधन के दौरान सरकार का युवाओं के साथ जो बर्बर रवैया देखने को मिला, वह शर्मनाक है। सरमा ने कहा कि बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा, अमर बाउरी, संजय सेठ सहित 52 कार्यकर्ताओं पर एफआईआर किया गया, इस पर कोई आपत्ति नहीं है। इन लोगों को जेल भी जाना पड़ेगा तो कोई दिक्कत नहीं है परंतु 12000 अज्ञात पर केस करना गलत है। इस अज्ञात के माध्यम से इस सरकार ने ब्लैकमेलिंग का एक रास्ता खोल रखा है कि राज्य के किसी भी हिस्से में कोई युवा या अन्य इस सरकार से सवाल करेगा तो इसी केस में उसे गिरफ्तार कर लिया जायेगा। जलियांवाला बाग में भी ब्रिटिश शासन ने ऐसा एफआईआर नहीं किया होगा जैसा झारखंड सरकार ने किया है। लोकतंत्र में देश के किसी हिस्से में ऐसा फिर का दूसरा कोई उदाहरण नहीं मिल सकता है।
डीजीपी को दे डाली चेतावनी
डीजीपी को उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि तेल लगाना है तो लगाओ लेकिन इतना मत लगाओ। यह केस सुप्रीम कोर्ट में एक दिन भी नहीं टिकेगा। इस एफआईआर को लेकर कानून के दायरे में आकर हमलोग डीजीपी को कानून सिखा देंगे। डीजीपी साहब आपने गलत जगह हाथ लगा दिया है। जेएमएम वाले बोलते हैं कि 5000 आदमी अंदर थे तो फिर यह 12000 का आंकड़ा आपके पास डीजीपी साहब कहां से आया। भारत में संविधान का राज है। तीन दिनों में 12000 का आप नाम दीजिए अन्यथा हम लोग इसे कोर्ट में लेकर जाएंगे। अज्ञात के नाम पर ब्लैकमेलिंग का रास्ता मत खोलिए। आप पता कर लीजिए कि एफआईआर में रणधीर सिंह और कोचे मुंडा का अपने नाम दिया है तो वह रांची में थे या नहीं थे। उन्होंने चुनाव आयोग से आग्रह किया कि ऐसे डीजीपी के भरोसे झारखंड में चुनाव संपन्न नहीं हो सकता है। सरमा ने कहा कि भारत में आंदोलन करने से भला कौन रोक सकता है। हेमंत सोरेन की आज आपको बता दिया जा रहा है कि आपसे जवाब मांगने सितंबर में फिर हम लोग आ रहे हैं। हम लोग शहीद निर्मल महतो जी की समाधि पर भी जाएंगे वहीं से आपको आपके वादों को याद दिलाएंगे। आपको सभी वादों को निभाना ही होगा। आप भले अपने वादे भूल जाइएगा परंतु हम लोग आपको सोते-जागते इस वादे को भूलने नहीं देंगे। हम तो पूछेंगे ही, झारखंड का हर एक नागरिक पूछेगा कि आपको मिला क्या ?
जेएमएम के प्रवक्ता विनोद पांडेय का जवाब
झामुमो महासचिव सबह प्रवक्ता विनोद कुमार पाण्डेय ने कहा कि विभाजनकारी राजनीति करने वाली भाजपा को और करारा जवाब दिया जाएगा। झामुमो ने कहा कि हेमंत सरकार की उपलब्धियों की सूची इतनी लंबी और गहरी है कि भाजपा के नेता उसे न तो छुू पाएंगे न ही हल्की करने में कभी कामयाब हो पांएगे। भाजपा के नापाक मंसूबे झारखंड में कभी पूरे नहीं होंगे। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने भाजपा के ‘मिला क्या’ अभियान को हताश का परिणाम बताया है। प्रवक्ता विनोद कुमार पांण्डेय ने प्रेस बयान जारी कर कहा है कि पूर्व की भाजपा सरकारों की तुलना में हेमंत सरकार ने कई-कई गुना ज्यादा दिया है। भाजपा ने 20 साल तक सुनियोजित तरीके से जानबूझकर कर झारखंड को पिछड़ा रखने का काम किया। हेमंत जी के नेतृत्व में गठबंधन सरकार बनी तो सत्ता लोलुप भाजपा को खून के घूंट पीने पड़ गए। 2019 से लेकर अभी तक भाजपा के हर षड्यंत्र को हर बार करारा जवाब दिया है हेमन्त सोरेन जी ने, और आगे भी विभाजनकारी राजनीति करने वाली भाजपा को और करारा जवाब दिया जाएगा। राज्य में
हेमंत सरकार हर क्षेत्र में ऐतिहासिक कार्य कर रही है। प्रत्येक गांव और टोला को सारी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में काफी तेजी से काम हो रहा है।
भाजपा के नापाक मंसूबे झारखंड में कभी पूरे नहीं होंगे
केंद्र के असहयोग के बावजूद राज्य सरकार सभी गरीबों को अबुआ आवास राज्य के पैसे से दे रही है। हेमंत सोरेन सरकार ने भाजपा की तुच्छ और षड्यंत्रकारी राजनीति को बार-बार धूल चटवा कर लोगों को हमेशा अधिकार देने का काम किया। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार की उपलब्धियों की सूची इतनी लंबी और गहरी है कि भाजपा के नेता उसे न तो छुू पाएंगे न ही हल्की करने में कभी कामयाब हो पांएगे। भाजपा के नापाक मंसूबे झारखंड में कभी पूरे नहीं होंगे। हेमंत सरकार ने गांव-गांव, घर-घर पहुंचकर जन समस्याओं को सुलझाने का प्रयास किया है। हर वर्ग की जरूरतों को ध्यान में रखकर योजनाएं और नीतियां बनाई है और इसे धरातल पर उतारा है। झारखंड की सांस्कृतिक पहचान और झारखंडी अस्मिता को बचाए रखते हुए यहां की मिट्टी में रची-बसी परम्पराओं को पुनर्स्थापित करने का प्रयास किया है। सदियों से शोषित और वंचित झारखंड के आदिवासियों, पिछड़ों, दलितों को उनका हक-अधिकार दिलाकर उन्हें यह भरोसा दिलाया है कि झारखंड के विकास में उनकी भी बराबर की भागीदारी है। लेकिन इस विकास के रास्ते में कई चुनौतियां भी आई। उनकी सरकार गठन के तुरंत बाद कोरोना महामारी के प्रकोप ने जीवन और जीविका को बुरी तरह प्रभावित किया। इस भयंकर आपदा के कुप्रभाव से निकलने में हमें डेढ़ से दो वर्ष का समय लग गया। इतना ही नहीं निहित स्वार्थ से प्रेरित कुछ विकास विरोधी तत्वों द्वारा झारखंड के विकास के रास्ते में बार-बार परेशानियां खड़ी करने का कुत्सित प्रयास भी किया गया। लेकिन जनता के अटूट विश्वास और भरोसे की बदौलत हमने हर कठिनाई और बाधा का डटकर मुकाबला किया और विरोधी अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो सके। उन्हें पूरा विश्वास है कि अगर इरादों में मजबूती हो दिल में विश्वास हो और नियत में ईमानदारी हो तो दुनिया की कोई ताकत आपको झुका नहीं सकती।
2 लाख से ज्यादा निजी क्षेत्र में रोजगार दिया गया
विनोद पांडेय ने कहा कि झारखंड के युवाओं को राज्य में ही रोजगार के अवसर उपलब्ध कराकर उनके पलायन को रोकने के लिए हमारी सरकार द्वारा झारखण्ड राज्य के निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन अधिनियम, 2021 लागू किया गया है, जिसके तहत 40,000/- रुपए तक मासिक वेतन या मजदूरी पाने वाले पदों के विरुद्ध 75 प्रतिशत पद पर स्थानीय निवासियों की नियुक्ति की जानी है। राज्य सरकार द्वारा संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रम से लाभ लेकर अब तक 2 लाख से ज्यादा नौजवान युवा एवं युवती निजी क्षेत्र में रोजगार प्राप्त कर चुके हैं। झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों से भी पलायन को रोकना सरकार की प्राथमिकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी और पिछड़ापन को दूर करने में मनरेगा महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में मनरेगा अन्तर्गत 900 लाख अनुमोदित मानव दिवस के विरूद्ध अब तक 409 लाख मानव दिवस का सृजन करते हुए कुल 1411 करोड़ रुपए की राशि का व्यय किया जा चुका है।
अब झारखंड की फिजाएं बदल गई हैं
मानव दिवस सृजन में महिलाओं की भागीदारी 48 प्रतिशत है। मनरेगा एवं अन्य योजनाओं के अभिसरण के माध्यम से संचालित बिरसा हरित ग्राम योजना, नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना, वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना, दीदी बाड़ी योजना, दीदी बगिया योजना तथा बिरसा सिंचाई कूप संवर्धन योजना से भी ग्रामीण क्षेत्र में खुशहाली आयी है। लगभग ढाई लाख सखी मंडलों का गठन कर 32 लाख परिवारों को सखी मंडल में जोड़ा जा चुका है तथा इन्हें 445 करोड़ रुपये चक्रीय निधि के रूप में, 1803 करोड़ सामुदायिक निवेश निधि के रूप में एवं 11,224 करोड़ रुपए क्रेडिट लिंकेज के रूप में उपलब्ध कराया गया है। विनोद पांडेय ने कहा कि हक-अधिकार और मान-सम्मान की रक्षा के लिए संघर्ष करना तो हमारी परम्परा रही है। अब झारखंड की फिजाएं बदल गई हैं। झारखंड के गरीब, किसान, मजदूर, पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक अब खुद को मजबूर और असहाय महसूस नहीं करते, बल्कि उनमें एक नई ऊर्जा और आत्मविश्वास का संचार हुआ है। हर चेहरे पर उम्मीद की नई किरणें दिख रही हैं। हम जनता से किये हर वादे को पूरी संजीदगी से निभाने का प्रयास कर रहे हैं।
अक्टूबर तक 35 हजार की नियुक्ति होगी
उन्होंने कहा कि राज्य के युवाओं को रोजगार से जोड़ना हमारे सरकार की पहली प्राथमिकता रही है। राज्य के होनहार युवाओं को पोस्ट ग्रेजुएट प्रशिक्षित शिक्षकों, चिकित्सक, असिस्टेंट टाउन प्लानर, सहायक अभियंता, कृषि पदाधिकारी, उद्यान पदाधिकारी, पशु चिकित्सक, लिपिक, पंचायत सचिव, अकाउंटेंट, प्रयोगशाला सहायक, ए ग्रेड नर्स, कनीय अभियंता, दन्त चिकित्सक आदि पदों पर हजारों की संख्या में नियुक्तियां की गई है। वहीं झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से 35 हजार पदों पर नियुक्ति प्रक्रियाधीन है, जिसे अक्टूबर, 2024 तक पूर्ण कर लिया जायेगा। इसमें मुख्य रूप से उत्पाद सिपाही, आरक्षी, सहायक आचार्य, महिला पर्यवेक्षिका आदि पदों पर नियुक्ति की जानी है। झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा 11-13 वीं सिविल सेवा परीक्षा की प्रक्रिया भी अंतिम चरणों में है, जल्द ही 342 पदों पर नियुक्ति के लिए परीक्षाफल प्रकाशित किए जाएंगे। जो युवा स्वरोजगार करना चाहते हैं उन्हें आर्थिक मदद उपलब्ध कराई जा रही है। मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के माध्यम से स्वयं का रोजगार शुरू करने के लिए अनुदानित दर पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। इस योजना के तहत् कुल 12,417 आवेदन स्वीकृत किए गए हैं और लाभुकों के बीच 262 करोड़ रु. का ऋण वितरित किया गया है। राज्य के युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के निमित मुख्यमंत्री सारथी योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत लाखों युवाओं को बिरसा केन्द्रों में कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के साथ-साथ युवाओं को प्रतिमाह 1000 /- रुपये तथा युवतियों एवं दिव्यांगजनों को 1500/- रुपये प्रतिमाह रोजगार प्रोत्साहन भत्ता दिया जा रहा है।
झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना की शुरुआत
विगत साढ़े चार वर्षों में झारखंड में महिला समूह से जुड़ी लाखों दीदी-बहनों को झारखंड की अबुआ सरकार ने 10 हजार करोड़ से अधिक की राशि बैंक क्रेडिट/ लिंकेज के तहत भी प्रदान की है, जिससे वह अपनी आजीविका बढ़ा रही हैं। इससे हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी सुदृढ हो रही है। पूर्व की भाजपा सरकारों की तुलना में यह राशि 12 गुना ज्यादा है। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना सरकार की प्राथमिकता है। फूलो झानों आशीर्वाद अभियान, दीदी बाड़ी योजना, दीदी बगिया योजना से महिलाओं को आजीविका का सम्मानजनक विकल्प उपलब्ध कराया जा रहा है। सखी मंडल और पलाश ब्रांड के जरिए ग्रामीण महिला श्रम शक्ति को सम्मान मिला है। सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना के अन्तर्गत 8 लाख से अधिक किशोरियों को उनकी शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता प्रदान किया जा रहा है। इस दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुए हेमंत सरकार ने एक नई और महत्वाकांक्षी योजना झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना की शुरूआत की है। इस योजना से झारखंड की 48 लाख महिलाओं को लाभान्वित किए जाने का लक्ष्य है। बड़ी संख्या में महिलाओं को इसकी पहली किश्त मिल चुकी है।
जरूरतमंदों को आवास और किसानों का कर्ज माफ
गठबंधन सरकार “अबुआ आवास योजना” के माध्यम से गरीबों को तीन कमरों का पक्का मकान उपलब्ध करा रही है। 35 लाख जरूरतमंद को पेंशन, 20 लाख अतिरिक्त लोगों को राशन और 57 लाख से अधिक लोगों को वर्ष में दो बार वस्त्र प्रदान कर रही है। ऋण के बोझ से दबे अन्नदाता किसानों को झारखंड कृषि ऋण माफी योजना के माध्यम से सरकार राहत पहुंचा रही है। अब इस योजना के तहत हमने 2 लाख रुपए तक का कृषि ऋण माफ किए जाने का निर्णय लिया है। बिरसा हरित ग्राम योजना और मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाकर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा रहा है। झारखंड राज्य फसल राहत योजना के माध्यम से फसल नुकसान होने की स्थिति में किसानों को उसकी क्षतिपूर्ति के रूप में आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है।
पुलिस को उकसाने के लिए पहले से तैयारी करके आए थे
भाजपा के नेता आक्रोश रैली में पुलिस को उकसाने के लिए पहले से तैयारी करके आए थे। ताकि बलपूर्वक कार्रवाई की जाए और फिर भाजपा के नेता इस तरह के फुटेज का इस्तेमाल अपनी राजनीति चमकाने के लिए कर सकें। राज्य सरकार को हरेक नागरिक की सुरक्षा की चिंता है। किसी को कानून अपने हाथ में नहीं लेने दिया जा सकता। पुलिस ने भाजपा नेताओं के उग्र होने के बाद ही उन्हें नियंत्रित करने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जनहित में कार्रवाई की है।
भाजपा अपने 20 साल के शासनकाल का जवाब दे
विनोद पांडेय ने कहा कि पहले इन्हें बताना चाहिए कि भाजपा ने अपने 20 साल के शासनकाल में राज्य को गरीबी, भुखमरी, अशिक्षा, सांप्रदायिकता के अलावा दिया क्या है। बगैर नाम लिए कहा कि कुछ हवा-हवाई नेता झारखंड की जमीनी स्थिति से अवगत नहीं हैं। चुनाव के बाद वे यहां नहीं दिखेंगे। वे चुनावी पिकनिक पर आ रहे हैं। उन्हें राज्य से कुछ लेना-देना नहीं है। इनके एक नेता ने आदिवासियों की जमीन के सुरक्षा कवच सीएनटी एक्ट में संशोधन करने का प्रयास किया। आदिवासियों से उनके हक-अधिकार छीने गए। आरंभ में ये हिन्दू-मुस्लिम की बातें कर सांप्रदायिकता फैलाना चाहते थे। इसकी हवा निकल गई तो अब ये नया जुमला लेकर आए हैं। इसकी भी हवा निकल जाएगी, जब वे हेमंत सरकार के उपलब्धियों की लंबी सूची देखेंगे। हेमंत सरकार के कामकाज और लोकप्रियता को देखकर पूरी भाजपा हताशा में है।