दो प्यार करने वालों के बीच में अडंगा लगाने वाले तीसरे व्यक्ति के टुकड़े-टुकड़े कर दिए | पढ़े मर्डर का प्लान कैसे बनाया गया


मांडर पुलिस ने हत्या करने वाले प्रेमी जोड़े को गिरफ्तार किया
रांची। प्यार में लोगों के जीने मरने की कसमें तो बहुत सुनी होगी, लेकिन जब दो प्यार करने वाले के बीच में कोई तीसरा आ जाता है तो यह इन प्रेमियों में नफरत कहां तक जा सकती है, इसका अंदाजा कोई नहीं लगा सकता। जब दो प्रेमी के बीच में अड़ंगा लगाने वाला हद पार करने लगता है तो फिर अंजाम का पता उसे भी नहीं चल पाता। कुछ ऐसा ही वारदात रांची जिले के मांडर थाना क्षेत्र के हातमा जंगल में हुआ। दोनों प्रेमी ने ऐसा प्लान बनाया की इनके प्यार में रोड़ा बन रहे तीसरे युवक की टुकड़े-टुकड़े कर दिए गए। शरीर को तीन हिस्से में काटकर अलग-अलग जगह फेंक दिए गए। ताकि किसी को कुछ पता ही नहीं चले। लेकिन अपराधी कितना भी चालाक हो वो कानून के हाथ से बच नहीं सकता।
हातमा जंगल में लाश का सिर व कमर के नीचे के भाग नहीं था
27 जून को पुलिस को सूचना मिली कि हातमा जंगल के पास एक व्यक्ति का शव पड़ा हुआ है। इसके बाद एसएसपी रांची कौशल किशोर ने ग्रामीण एसपी नौशाद को आवश्यक कार्रवाई हेतू निर्देश दिए। ग्रामीण एसपी ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उपाधीक्षक खलारी के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया। टीम ने तुरंत हातमा जंगल पहुंचे। पुलिस ने जब लाश को देखा तो भौचक हो गए। क्योंकि लाश का सिर व कमर के नीचे का भाग नहीं था। पुलिस के द्वारा शव का पहचान किया जा रहा था कि 29 जून को सूचना मिली की ग्राम मलती के कुआं में एक व्यक्ति का सिर तैर रहा है। इसके बाद पुलिस ने कुआं से सिर को बाहर निकाला। सिर के आधार पर शव की पहचान सोहन भगत (45 वर्ष) के रूप में की गई। पुलिस को मिली गुप्ता सूचना के आधार पर मलती गांव से अल्बर्ट एक्का व महिला चरिया उरांव उर्फ चरिया तिग्गा को गिरफ्तार किया गया। कड़ाई व सख्ती से जब पुलिस ने इन दोनों से पूछताछ की तो बताया कि हत्या हम दोनों ने मिलकर सोहन भगत का किया था। मर्डर के दौरान शरीर के 3 टुकड़े कर दिए गए थे। सिर को कुआं में व धड़ को जंगल में फेंक दिया था। शरीर के एक हिस्से को साइकिल में बोरा में रखकर फेंका गया था। हत्या में टांगी व लाठी का उपयोग किया गया था।
सोहन भगत की क्यों हत्या हुई
ग्रामीण एसपी नौशाद ने बताया कि आरोपी अल्बर्ट एक्का से जब पूछताछ की गई तो उसने बताया कि 5 साल पहले ब्रांबे की रहने वाली चरिया उरांव का पति गुम हो गया था। उसके बाद से चरिया उरांव व अल्बर्ट एक्का साथ-साथ रहने लगे। एक तरह से दोनों पति-पत्नी के रूप में दिन गुजारने लगे। चरिया ने अल्बर्ट एक्का को पहले बताया था कि जब वो घर में नहीं रहते हैं तो सोहन भगत मेरे साथ गलत काम करता है। 25 जून को भी सोहन भगत गलत नियत से चरिया के घर आया था। फिर उसी दिन अल्बर्ट एक्का व चरिया उरांव ने सोहन भगत का हत्या करने का प्लान बना लिया। इसके बाद सोहन भगत को दोनों ने टांगी व डंडा से मारकर हत्या कर दिया। शव को छुपाने की नियत से 3 टुकड़े कर दिए। ताकि किसी को पता नहीं चल सके की शव किसका है। शव को 3 टुकड़े में करके तीन-तीन अलग-अलग स्थानों पर साइकिल से ले जाकर फेंक दिया। फिर पुलिस ने अल्बर्ट एक्का व चरिया के निशानदेही के आधार पर पतराकोना बाजारटाड़ मांडर से मृत सोहन भगत के कमर के नीचे का भाग बोरे से भरा हुआ अवस्था में बरामद किया गया। शव की पहचान मृतक के परिजन द्वारा कपड़े के आधार पर की गई।
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