आदिवासी हित में बड़े फैसले : पर्यटन क्षेत्रों में होटल-दुकानों और ईचा डैम को दी हरी झंडी


रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल (टीएसी) की बैठक बुधवार, 21 मई 2025 को झारखंड सचिवालय में आयोजित हुई। करीब तीन घंटे तक चली इस बैठक में भाजपा के दो विधायकों—बाबूलाल मरांडी और चंपाई सोरेन—को छोड़कर अन्य 17 सदस्य मौजूद रहे। बैठक में आदिवासी हितों से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा हुई, जिन पर सरकार द्वारा शीघ्र निर्णय लेने का संकेत दिया गया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भाजपा विधायकों के बहिष्कार पर कहा, “विपक्ष हमेशा सरकार का विरोध करेगा, लेकिन हम आदिवासी हितों के लिए काम करते रहेंगे।” उन्होंने बताया कि टीएसी के सुझावों पर संबंधित विभाग मसौदा तैयार करेंगे, जिसके बाद अंतिम निर्णय लिए जाएंगे। बैठक में आदिवासियों के जाति एवं निवास प्रमाणपत्र जारी करने में आ रही समस्याओं के समाधान पर भी जोर दिया गया।
प्रमुख निर्णय और चर्चा के बिंदु
- पर्यटन और विकास पर स्वीकृति:
- 50% से अधिक आदिवासी आबादी वाले ग्राम पंचायत क्षेत्रों में, जिन्हें पर्यटन क्षेत्र घोषित किया गया है, वहां खुदरा दुकानों, होटल, रेस्तरां और बार खोलने की मंजूरी दी गई। यह निर्णय पर्यटन और राजस्व बढ़ाने के उद्देश्य से लिया गया।
- ईचा डैम परियोजना:
- पश्चिम सिंहभूम की खरकाई नदी पर प्रस्तावित ईचा डैम के निर्माण को पुनर्जीवित करने पर चर्चा हुई। इस परियोजना को लेकर विभागीय स्तर पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
- ललपनिया के धार्मिक स्थल की सुरक्षा:
- बोकारो जिले के ललपनिया स्थित आदिवासी धार्मिक स्थल लगुबुरु को डीवीसी (DVC) की पनबिजली परियोजना से बचाने के लिए राज्य सरकार ने केंद्र और डीवीसी को पत्र भेजकर परियोजना रोकने का अनुरोध किया है।
- वनपट्टा वितरण:
- ‘अबुआ बीर दिशोम’ योजना के तहत हर दो महीने में वनपट्टा वितरण अनिवार्य किया जाएगा। आवेदनों की स्वीकृति प्रक्रिया तेज करने का भी निर्णय लिया गया।
- सीएनटी एक्ट में स्पष्टता:
- छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम (सीएनटी) की धारा 46 के तहत “थाना क्षेत्र” की परिभाषा को स्पष्ट करने के लिए एक आयोग गठित किया जाएगा। यह आयोग 6 महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट टीएसी को सौंपेगा।
अन्य अहम बिंदु:
- राजस्व और पुलिस थाना क्षेत्र: इनकी सीमाओं को लेकर विभागीय रिपोर्ट मांगी गई।
- 16 नवंबर 2023 की बैठक की समीक्षा: पिछली बैठक के प्रस्तावों पर प्रगति का आकलन किया गया।
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