About me

News Box Bharat
Welcome to News Box Bharat, your one-stop destination for comprehensive news coverage and insightful analysis. With a commitment to delivering reliable information and promoting responsible journalism, we strive to keep you informed about the latest happenings from across the nation and the world. In this rapidly evolving era, staying updated and making sense of the news is crucial, and we are here to simplify the process for you.

Recent Posts

+91 6205-216-893 info@newsboxbharat.com
Saturday, July 27, 2024
Newstechnology

Chandrayaan-3 Mission: सबसे आगे होंगे हिंदुस्तानी | ISRO ने कहा-तैयारी पूरी | मिशन तय समय पर

international news | international news latest news | international news latest hindi news | international news news box bharat
Share the post

कोई बाधा नहीं आती है तो भारत चंद्रयान-3 को चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करा लेगा

लैंडिंग से पहले 17 मिनट बेहद ही संवेदनशील

रांची। Chandrayaan-3 Mission अब अपने अंतिम पड़ाव पर है। दुनिया की नजर इस वक्त सिर्फ भारत देश पर है। चंद्रयान-3 बुधवार शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंड करेगा। लैंडिंग होते ही यह 41 दिन में 3.84 लाख किमी का सफर तय कर इतिहास रच देगा। चंद्रयान-3 कुछ ही घंटों में चांद की सतह पर लैंड करने वाला है। इसरो ने बताया कि, भारत का मिशन मून, चंद्रयान-3 शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चांद की दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करने वाला है। इसरो ने यह जानकारी अपने अधिकारिक X हैंडल से दिया। इसरो ने कहा, ‘मिशन तय समय पर है। सिस्टम की नियमित जांच चल रही है। मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स (एमओएक्स) ऊर्जा और उत्साह से भरा हुआ है! MOX/ISTRAC पर लैंडिंग ऑपरेशन का सीधा प्रसारण 17:20 बजे शुरू होगा। इसरो के वैज्ञानिकों के मुताबिक, चंद्रयान-3 के लैंडिंग से पहले 17 मिनट बेहद ही संवेदनशील होने वाले हैं, क्योंकि इस समय यान को चांद पर सॉफ्ट लैंडिग कराने के लिए प्लने सतह की जरूरत होगी। चांद पर छोटे से बड़े कई तरह के गड्ढे है, जो चंद्रयान के लिए चुनौती पूर्ण साबित हो सकते हैं। साथ ही लैंडर की गति भी एक चुनौती भरा रहने वाला है। लैंडर की गति, चांद पर स्थिति गड्ढे, तकनीकी खामी और गुरुत्वाकर्षण बल में कोई बाधा नहीं आती है तो भारत चंद्रयान-3 को आसानी से चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करा लेगा। जिससे दुनिया में भारत का नाम एक और उपलब्धि दर्ज हो जाएगा। अगर भारत दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने में सफल रहा तो हम पहले ऐसे देश होंगे जिसने मून की साउथ पोल पर सफलतापूर्वक यान को उतारा होगा।

लैंडिंग की पूरी प्रक्रिया समझें

 इसरो अधिकारियों समेत कई लोगों का कहना है कि लैंडिंग प्रक्रिया के 17 मिनट बेहद जोखिम भरे रहने वाले हैं क्योंकि इस दौरान पूरी प्रक्रिया ऑटोनॉमस होगी, लैंडर को अपने इंजनों को सही समय और ऊंचाई पर चालू करना होगा, सही मात्रा में ईंधन का इस्तेमाल करना होगा और आखिर में सतह छूने से पहले किसी भी बाधा या पहाड़ी या क्रेटर की जानकारी के लिए चंद्रमा की सतह को स्कैन करना बेहद ही जरूरी होगा। चांद पर लैंडिंग को लेकर इसरो के वैज्ञानिको का कहना है कि, लैंडिंग के लिए करीब 30 किलोमीटर की ऊंचाई पर लैंडर पॉवर बैंकिंग स्टेज में प्रवेश करेगा। उसके बाद स्पीड को धीरे-धीरे कम करके चांद की सतह तक पहुंचने के लिए अपने चार थ्रस्टर इंजनों को रेट्रो फायरिंग करके इस्तेमाल करना शुरू करेगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि लैंडर हादसे का शिकार न हो क्योंकि चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण भी काम करेगा।

6,048 किमी प्रतिघंटे की स्पीड से चंद्रमा की सतह की ओर बढ़ना शुरू करेगा

हवाई जहाज से दस गुना अधिक रफ्तार स्पेस एजेंसी इसरो के मुताबिक, 6.8 किलोमीटर की ऊंचाई पर केवल 2 इंजनों का इस्तेमाल किया जाना है, अन्य 2 इंजनों को बंद करने का उद्देश्य लैंडर को आगे की ओर उतरते समय उल्टा जोर देना है। फिर करीब 150 से 100 मीटर की ऊंचाई पर लैंडर अपने सेंसर और कैमरों का इस्तेमाल करके सतह को स्कैन करेगा। ताकि यह पता चल सके कि कहीं कोई रूकावट तो नहीं, इसके बाद यह सॉफ्ट-लैंडिंग करने के लिए नीचे उतरना शुरू कर देगा। इसरो द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, विक्रम लैंडर 1.68 किमी प्रति सेकंड के वेग यानी 6,048 किमी प्रतिघंटे की स्पीड से चंद्रमा की सतह की ओर बढ़ना शुरू करेगा। यह स्पीड एक हवाई जहाज से लगभग दस गुना अधिक होता है। लैंडिंग के बाद क्या? अगर चंद्रयान-3 की लैंडिंग सॉफ्ट लैंडिंग आसानी से हो जाती है तो लैंडर विक्रम में मौजूद प्रज्ञान रोवर 14 दिनों तक चांद पर सर्च ऑपरेशन चलाएगा। जिसमें चांद पर पानी, खनिज और वायुमंडल को लेकर जांच करेगा।





Leave a Response