

रांची। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान आयोग भारत सरकार के कार्यकारी अध्यक्ष प्रो शाहिद अख्तर और झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग के संयुक्त तत्वावधान में झारखंड प्रोजेक्ट भवन के कैबिनेट सभागार में शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों से जुड़े मुद्दों जैसे प्रमाणपत्र जारी करने, शिक्षकों की नियुक्ति और डिग्री मान्यता पर चर्चा हुई।
मुख्य बिंदु
- प्रमाणपत्र जारी करने में देरी पर नाराजगी
प्रोफेसर शाहिद अख्तर ने अल्पसंख्यक संस्थानों को प्रमाणपत्र जारी करने के लिए अभी तक नियमावली न बनाए जाने पर नाराजगी जताई। उन्होंने राज्य सरकार से इस दिशा में तुरंत कदम उठाने का आग्रह किया। प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने बताया कि इस संबंध में एक ड्राफ्ट तैयार कर कैबिनेट से स्वीकृति मांगी जाएगी। - उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति
अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष हिदायतुल्लाह खान ने उर्दू, बांग्ला और उड़िया शिक्षकों की नियुक्ति तथा नए मदरसों के पंजीकरण पर जानकारी मांगी। प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने सूचित किया कि जल्द ही 7,232 सहायक आचार्य (उर्दू) की भर्ती की जाएगी। - अलीम-फाजिल डिग्री की मान्यता
आयोग के उपाध्यक्ष शमशेर आलम ने झारखंड एकेडमी काउंसिल द्वारा जारी अलीम और फाजिल डिग्री की अन्य राज्यों में अमान्यता पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने मांग की कि इन डिग्रियों को विश्वविद्यालय स्तर से प्रमाणित किया जाए। शिक्षा विभाग ने इस मुद्दे को उच्चाधिकारियों के सामने उठाने का आश्वासन दिया। - अल्पसंख्यक प्रमाणपत्र प्रक्रिया में शिथिलता
आयोग की उपाध्यक्ष ज्योति सिंह माथारू ने अल्पसंख्यक विद्यालयों को प्रमाणपत्र जारी करने में विभागीय देरी पर असंतोष जताया। उन्होंने कहा कि एनओसी मिलने के बाद प्रमाणपत्र देने में कोई बाधा नहीं होनी चाहिए। - बीसी पोर्टल और नामांकन
उपाध्यक्ष प्राणेश सॉलोमन ने अल्पसंख्यक विद्यालयों में बीसी पोर्टल के माध्यम से नामांकन प्रक्रिया को पूर्ववत करने का सुझाव दिया, ताकि अधिक छात्र-छात्राएं लाभान्वित हो सकें।
मुख्य सचिव से मुलाकात
बैठक के बाद सभी प्रतिनिधियों ने मुख्य सचिव से मुलाकात कर चर्चा के मुद्दों पर विस्तार से बात की। मुख्य सचिव ने शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन देते हुए कहा कि अल्पसंख्यक शिक्षा से जुड़े मामलों को प्राथमिकता दी जाएगी।
केरल, टीएन जैसे राज्यों से सीखने पर जोर
प्रोफेसर शाहिद अख्तर ने केरल, तमिलनाडु, बिहार और पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा अल्पसंख्यक शिक्षा में किए गए सकारात्मक प्रयासों का उल्लेख करते हुए झारखंड को इन राज्यों के मॉडल से सीखने का सुझाव दिया।
कुछ प्रमुख प्वॉइंट्स
- झारखंड में अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों को प्रमाणपत्र जारी करने की मांग, नियमावली बनाने पर जोर
- अल्पसंख्यक आयोग ने शिक्षा विभाग की शिथिलता पर जताया असंतोष
- केरल-तमिलनाडु मॉडल अपनाने का सुझाव, झारखंड में अल्पसंख्यक शिक्षा को मिलेगी नई दिशा
- बीसी पोर्टल के जरिए नामांकन बढ़ाने का प्रस्ताव, अल्पसंख्यक छात्रों को मिलेगा लाभ
समापन
कार्यक्रम खत्म होने के बाद प्रोफेसर शाहिद अख्तर का झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग कार्यालय में स्वागत किया गया, जहां उन्होंने आयोग के कार्यों की प्रगति की समीक्षा की।