वक्फ बिल पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर ! मोदी सरकार ने इतना बुल्डोजर चलाया है कि मुस्लिमों का भला नहीं होगा: JMM


– वक्फ संशोधन बिल मुस्लिम हितों के लिए खतरा : विपक्ष
– JDU के दो नेताओं ने बिल के समर्थन के विरोध में पार्टी छोड़ी
रांची। गुरुवार को राज्यसभा में वक्फ संशोधन बिल पर चर्चा जारी है, जिसे लोकसभा ने बुधवार को मंजूरी दी थी। नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बहस के दौरान तीखा स्वर अपनाते हुए कहा, “मेरी किस्मत अच्छी है कि गृहमंत्री यहां मौजूद हैं, लेकिन वे गुफ्तगू में व्यस्त हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि यह बिल अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने के लिए लाया गया है। खड़गे ने कहा, “1995 के एक्ट में जरूरी बदलाव होते तो हम मान लेते, लेकिन इसमें अनावश्यक प्रावधान जोड़े गए हैं। वहीं, झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) सांसद सरफराज अहमद ने कहा कि इस सरकार ने इतना बुल्डोजर चलाया है कि मुस्लिमों का भला नहीं होगा। वक्फ बिल से मुस्लिमों का भला नहीं होगा। उनका भला शिक्षा, रोजगार से होगा। वक्फ किसी की जमीन नहीं हड़पता है। वक्फ की जमीनों पर बहुत कब्जा हुआ है। सरकार नहीं बताती है कि वक्फ की जमीन कहां कहां कब्जा हुआ है। सरकार उसे छुड़ाने की बात नहीं करती है। उन जमीनों पर मॉल, सिनेमा तक बन गए हैं। उन्होंने सवाल किया कि बिल को लेकर कितने सजेशन आए, उसके बारे में सरकार ने नहीं बताया है। कौन-कौन से सजेशन को रखा गया है, किन पर इम्प्लीमेंट किया गया है, इसकी चर्चा होनी चाहिए। जिन चीजों को प्रैक्टिकली नहीं किया जा सकता, उन बातों को इस बिल में रखा गया है। सरकार का तीर कहीं और है और निशाना कहीं और है।
दलों का रुख
- बीजद (BJD) ने स्पष्ट किया कि उसने अपने सांसदों को बिल पर मतदान के लिए व्हिप जारी नहीं की है और सदस्यों को “अंतरात्मा की आवाज” सुनने को कहा है।
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, “हमने UPA सरकार के मुकाबले वक्फ मामलों में गंभीरता दिखाई है।”
- भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने वक्फ बोर्ड के इतिहास का जिक्र करते हुए दावा किया, “वक्फ ने एक बार ताजमहल पर भी दावा ठोका था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया।”
विवाद और आरोप-प्रत्यारोप
बुधवार को भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर के कर्नाटक में वक्फ जमीन घोटाले में खड़गे के नाम लेने पर राज्यसभा में हंगामा हुआ। खड़गे ने जवाब दिया, “ठाकुर सबूत पेश करें या इस्तीफा दें। उनके परिवार के पास वक्फ की एक इंच जमीन भी नहीं है।”
मुस्लिम नेताओं की चिंताएं
- कांग्रेस के इमरान प्रतापगढ़ी ने बिल को “मुसलमानों के लिए नई उम्मीद नहीं” बताया और आरोप लगाया कि सरकार अमेरिकी टैरिफ जैसे मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहती है।
धर्मनिरपेक्षता और कानूनी पहलू:
- निर्दलीय सांसद कपिल सिब्बल ने संपत्ति दान के नियमों पर सवाल उठाते हुए कहा, “PM ‘वन नेशन वन लॉ’ की बात करते हैं, लेकिन यह बिल केवल मुसलमानों पर लागू होता है। हिंदू मंदिरों की लाखों एकड़ जमीन के प्रबंधन में सुधार क्यों नहीं?”
- शिवसेना (UBT) के संजय राउत ने व्यंग्य किया, “जिन्ना की आत्मा रिजिजू में समाई है! बेरोजगारी-महंगाई छोड़कर सरकार को अचानक मुसलमानों की चिंता क्यों हुई?”
पार्टियों में असंतोष
- बिहार में JDU के दो नेताओं ने बिल के समर्थन के विरोध में पार्टी छोड़ दी।
- AAP के संजय सिंह ने आरोप लगाया, “यह बिल धार्मिक संपत्तियों को कॉरपोरेट घरानों को देने की साजिश है। राम मंदिर घोटाले की तरह यहां भी चंदा चोरी होगी।”
समर्थन में आवाजें
- जनता दल (सेक्युलर) के एचडी देवेगौड़ा ने बिल का समर्थन करते हुए कहा, “1.2 लाख करोड़ की वक्फ संपत्ति का दुरुपयोग रोकने के लिए यह जरूरी कदम है।”
निष्कर्ष:
चर्चा के दौरान विपक्ष ने बिल को “राजनीतिक एजेंडा” और “अल्पसंख्यक विरोधी” बताया, जबकि सरकार ने इसे पारदर्शिता और जवाबदेही का माध्यम बताया। अब बिल की किस्मत राज्यसभा की मुहर पर निर्भर है।