

झारखंड अबुआ बजट पर परिचर्चा
रांची। झारखंड कांग्रेस के प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने अबुआ बजट पर परिचर्चा की। इसमें आला कांग्रेस के नेता शामिल हुए। अबुआ बजट पर कांग्रेस की इस बैठक में नेताओं ने अपने-अपने सुझाव दिए। अबुआ बजट पर राज्य के वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं के साथ परिचर्चा के बाद प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने मीडिया से जानकारी साझा करते हुए कहा कि एक महीने के अंदर झारखंड का बजट आना है, उसको कैसे जन उपयोगी बनाया जाए इस पर अपने आला नेताओं से बात की है। जो हमारे चुनावी वादे थे, इसके अलावा भी जो विभागीय अलग-अलग मामले होते हैं, उन सभी विषयों पर चर्चा हुई है। गुलाम अहमद मीर ने कहा कि आज की परिचर्चा में जो भी विचार आए हैं, उन सभी को मुख्यमंत्री के पास रखा जाएगा और फिर उसपर सरकार फैसला लेगी। इस बार के बजट में हम किन-किन चीजों को लेकर आगे बढ़ सकते हैं और आने वाले दिनों में किन-किन बातों को हम अपनी प्राथमिकता में रखेंगे, इसको लेकर भी आज चर्चा हुई है। उन्होंने कहा कि कुछ अच्छे सुझाव आए हैं।
बजट में झारखंड का नाम नहीं
मीर ने कहा कि आपने देखा है कि भारत सरकार ने लगातार झारखंड की अपेक्षा की है। शनिवार को पेश किए गए केंद्रीय बजट में 64 पन्नों के भाषण में गलती से भी कहीं झारखंड स्टेट का नाम नहीं था और यही मैंने पिछले 11 साल में देखा है। झारखंड का बकाया 136000 करोड़ से बढ़कर 1 लाख 40 हजार करोड़ रुपए हो गया है, इसका जिक्र केंद्रीय बजट में नहीं है। केंद्र की स्कीम की राशि भी राज्य को नहीं दी जा रही है। राज्य की सरकार को अपने संसाधनों से जनकल्याणकारी कार्यों को चलाना पड़ रहा है। इस परिचर्चा में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश, खूूंटी से सांसद कालिचरण मुंडा, विधायक दल के नेता प्रदीप यादव, विधायक दल के उपनेता राजेश कच्छप, वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर, कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की, विधायक ममता देवी, निशात आलम, भूषण तिर्की, अनूप सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, पूर्व सांसद फुरकान अंसारी, पूर्व मंत्री रामेश्वर उरांव, पूर्व मंत्री बादल पत्रलेख, धीरज साहु, प्रदीप बलमुचू, , पूर्व विधायक अंबा प्रसाद सहित कई नेताओं ने शिरकत की।