

रांची। रांची के एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) कोर्ट में मिले एक गुमनाम धमकीपूर्ण पत्र ने प्रशासन और पुलिस को सतर्क कर दिया है। पत्र में न केवल एनआईए के विशेष जज को एक महीने के भीतर हमले की धमकी दी गई है, बल्कि जेल ब्रेक की योजना का भी खुलासा किया गया है। इस संबंध में रांची के कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। यह घटना उस समय सामने आई है, जब देश के कई हिस्सों में आतंकवाद और नक्सलवाद से जुड़े मामलों में एनआईए सक्रिय भूमिका निभा रही है। पुलिस का मानना है कि यह पत्र किसी संगठित गिरोह की ओर से भेजा गया है, जो कानून-व्यवस्था को चुनौती देने की कोशिश कर रहा है। रांची पुलिस ने इस मामले को हाई प्राथमिकता देते हुए सीबीआई और अन्य केंद्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय बढ़ाया है। साथ ही, जेल प्रशासन को अलर्ट कर कैदियों की गतिविधियों पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं।
पत्र की विस्तृत जानकारी
- गुमनाम स्पीड पोस्ट: धमकी भरा पत्र शुक्रवार को स्पीड पोस्ट के जरिए एनआईए कोर्ट कार्यालय पहुंचा। इसे दो लिफाफों में रखा गया था, जिनपर भेजने वाले के अलग-अलग नाम लिखे थे।
- मोबाइल नंबर का उल्लेख: पत्र में एक मोबाइल नंबर भी दर्ज था, जिससे धमकी देने वालों की पहचान की जांच हो रही है।
- जेल ब्रेक की योजना: पत्र के मुताबिक, भाकपा माओवादी नेता शीला मरांडी और प्रशांत बोस को जेल से छुड़ाने के लिए शूटर्स को पैसा दिया गया है।
पुलिस की कार्रवाई
- एफआईआर और जांच: कोतवाली थाना प्रभारी इंस्पेक्टर आदिकांत महतो के बयान पर आईपीसी की धारा 506 (आपराधिक धमकी) और अन्य प्रावधानों के तहत केस दर्ज किया गया है।
- सुरक्षा बढ़ाई गई: एनआईए जज और संबंधित जेलों की सुरक्षा चाकचौबंद की गई है। साथ ही, पत्र में दिए गए नंबर और हस्तलेख से जुड़े सुरागों का पता लगाया जा रहा है।