JMM में ऐतिहासिक नेतृत्व परिवर्तन : शिबू सोरेन संस्थापक संरक्षक व हेमंत सोरेन केंद्रीय अध्यक्ष


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रांची। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के इतिहास में 15 अप्रैल 2025 का दिन एक नए युग का सूचक बना। पार्टी के 13वें महाधिवेशन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सर्वसम्मति से केंद्रीय अध्यक्ष चुना गया, जिससे 38 वर्षों तक संस्थापक नेता शिबू सोरेन के नेतृत्व वाली पार्टी में पीढ़ीगत परिवर्तन का आगाज हुआ।
1. नया नेतृत्व एवं महाधिवेशन
- 15 अप्रैल 2025 को झामुमो के 13वें महाधिवेशन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सर्वसम्मति से केंद्रीय अध्यक्ष चुना गया।
- यह निर्णय 38 वर्षों तक पार्टी का नेतृत्व करने वाले संस्थापक शिबू सोरेन के स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों और हेमंत के प्रभावी नेतृत्व को ध्यान में रखते हुए लिया गया।
- शिबू सोरेन को संस्थापक संरक्षक घोषित किया गया। इस प्रस्ताव को नलिन सोरेन द्वारा रखा गया और मथुरा महतो के समर्थन से सर्वसम्मति से पारित किया गया।
2. संगठनात्मक बदलाव
- 284 सदस्यीय केंद्रीय समिति का गठन किया गया, जिसमें विधायकों, पूर्व सांसदों और क्षेत्रीय नेताओं को प्रतिनिधित्व मिला।
- गुरुजी शिबू सोरेन ने औपचारिक रूप से हेमंत सोरेन को नया अध्यक्ष घोषित किया। इसके बाद पार्टी नेताओं ने हेमंत को माल्यार्पण कर बधाई दी।
3. झामुमो का ऐतिहासिक सफर
- पार्टी की स्थापना 1972 में आदिवासी अधिकारों और ‘जल-जंगल-जमीन’ के संघर्ष के साथ हुई।
- शिबू सोरेन के नेतृत्व में झामुमो झारखंड की राजनीति में क्षेत्रीय शक्ति बनी।
- 2015 में शिबू सोरेन के स्वास्थ्य कारणों से हेमंत को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया।
4. हेमंत सोरेन की उपलब्धियां
- 2019 और 2024 के विधानसभा चुनावों में क्रमशः 30 और 34 सीटें जीतकर पार्टी ने ऐतिहासिक सफलता हासिल की।
- 2024 में झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 81 में से 56 सीटों पर जीत दर्ज की।
- जन-कल्याण योजनाएं
- ‘अबुआ आवास योजना’ के माध्यम से ग्रामीण वर्ग को लाभ।
- महिला सशक्तिकरण और बदलाव यात्रा जैसे अभियानों से जमीनी संपर्क मजबूत किया।
5. चुनौतियां और विवाद
- जनवरी 2024 में ED द्वारा गिरफ्तारी के बाद हेमंत को मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा।
- हालांकि, जमानत के बाद चुनावी वापसी शानदार रही और उन्होंने राजनीतिक दृढ़ता साबित की।
6. भविष्य की रणनीति
- राष्ट्रीय विस्तार: ओडिशा, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल जैसे आदिवासी बहुल राज्यों में पार्टी का विस्तार करने का लक्ष्य।
- विचारधारा का आधुनिकीकरण: पार्टी की मूल अवधारणाओं को वर्तमान संदर्भों के साथ जोड़ना।
- शिबू सोरेन की विरासत को संजोते हुए झामुमो को राष्ट्रीय स्तर पर प्रासंगिक बनाना।
7. हेमंत सोरेन का राजनीतिक रिकॉर्ड
जनाधार और परिपक्वता के बल पर राज्य की राजनीति में नए अध्याय की शुरुआत करने की तैयारी।
चार बार झारखंड के मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड।
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