

एक लीबियाई शख्स हाजी अमीर अल-महदी के साथ एक चौंकाने वाली घटना घटी। यह वह खुशकिस्मत शख्स है, जिसका इरादा इतना पक्का और दिल इतना सच्चा था कि उसे हज की बरकत देने के लिए दो बार विमान को वापस मोड़ दिया।
Hajj 2025 : कहते हैं कि जब अल्लाह अपने दरबार में बुलाता है, तो दुनिया की कोई ताकत उसे रोक नहीं सकती। लीबिया के युवक अमीर अल महदी मंसूर अल गद्दाफी के साथ हुआ यह करिश्माई वाकया इसी बात को सच साबित करता है। अमीर ने इस साल हज करने की ठानी थी। अल्लाह पर उनका अटूट विश्वास ही था जो उन्हें मक्का-मदीना पहुंचाने वाला था। अमीर अपने ग्रुप के साथ हज यात्रा पर जाने के लिए एयरपोर्ट पहुंचे। लेकिन इमिग्रेशन पर ही उनके नाम को लेकर विवाद खड़ा हो गया। उनके उपनाम में “अल गद्दाफी” जुड़ा होने के कारण, सुरक्षा कारणों से उन्हें रोक लिया गया। उनके साथ के सभी लोग विमान में बैठ गए, मगर अमीर को चेक-इन काउंटर पर ही रोककर रखा गया। उनकी कितनी भी गुहार लगाने के बावजूद, फ्लाइट कैप्टन ने सुरक्षा अनिश्चितता और शेड्यूलिंग में बाधा का हवाला देते हुए, अमीर को बिना लिए ही विमान रवाना कर दिया, पर अमीर का दृढ़ निश्चय अडिग था – वे हज पर जाकर ही रहेंगे। अमीर ने ठान लिया, “मैं यहां से हटने वाला नहीं हूं!” वे एयरपोर्ट कर्मियों से बहस करते रहे। तभी अचानक एक अद्भुत घटना घटी
विमान में तकनीकी खराबी आ गई और उसे वापस लौटना पड़ा
थोड़ी मरम्मत के बाद विमान ने दोबारा उड़ान भरी, मगर कुछ देर बाद ही फिर से तकनीकी समस्या आई और उसे दोबारा एयरपोर्ट लौटना पड़ा। तीसरी बार उड़ान भरने की कोशिश हुई। यात्रियों और क्रू मेंबर्स के अनुसार, दूसरी आपातकालीन लैंडिंग के बाद कैप्टन ने स्पष्ट घोषणा कर दी: “मैं कसम खाकर कहता हूं, जब तक आमिर इस विमान में हमारे साथ नहीं होगा, मैं इसे उड़ाऊंगा नहीं!” इसके बाद अधिकारियों ने तुरंत अमीर को यात्रा की मंज़ूरी दे दी। जब तीसरी बार विमान अमीर को साथ लेकर रवाना हुआ, तो वह बिना किसी दिक्कत के अपनी मंज़िल की ओर चला गया! यह कहानी सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गई। लोगों ने इसे अल्लाह की मर्जी और करिश्मा बताया। बाद में मीडिया से बात करते हुए अमीर ने कहा: “मैं हज पर जाना चाहता था। मुझे पूरा यकीन था कि अगर यह मेरी किस्मत में लिखा है, तो दुनिया की कोई भी ताकत मुझे रोक नहीं सकती।”
