![Jharkhand districts news | jharkhand latest news | jharkhand latest hindi news | jharkhand news box bharat](https://newsboxbharat.com/wp-content/uploads/2023/11/876-750x450.jpg)
सरकार द्वारा अधिसूचना जारी होते ही यह कानून का रूप ले लेगा
![Governor approves bill to stop paper leak and copying of competitive exams in Jharkhand](https://newsboxbharat.com/wp-content/uploads/2023/11/876-1024x576.jpg)
कम से कम 10 साल और अधिकतम आजीवन कारावास की सजा
रांची। झारखंड में प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक और नकल रोकने के लिए विधेयक को राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने मंजूरी दे दी। झारखंड विधानसभा से बीते अगस्त महीने में इस विधेयक को पारित किया गया था। राज्य सरकार द्वारा अधिसूचना जारी होते ही यह कानून का रूप ले लेगा। इस कानून में प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक करने पर कम से कम 10 साल और अधिकतम आजीवन कारावास की सजा से लेकर 10 करोड़ रुपए तक का जुर्माना लगाने जैसे सख्त प्रावधान हैं। इस कानून का नाम झारखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम निवारण के उपाय) अधिनियम, 2023 होगा। इसमें प्रावधान किया गया है कि प्रतियोगी परीक्षा में कोई अभ्यर्थी पहली बार नकल करते हुए पकड़ा जाता है तो उसे एक वर्ष की जेल होगी और 5 लाख रुपए का जुर्माना लगेगा। दूसरी बार पकड़े जाने पर तीन साल की सजा और 10 लाख जुर्माना का प्रावधान है। न्यायालय द्वारा सजा होने पर संबंधित अभ्यर्थी 10 वर्षों तक किसी प्रतियोगी परीक्षा में सम्मिलित नहीं हो सकेंगे। बता दें कि इस विधेयक को लेकर विधानसभा में जबर्दस्त हंगामा हुआ था, विपक्ष के विधायकों ने इसकी प्रतियां फाड़ दी थीं और भाजपा ने इसे काला कानून की संज्ञा दी थी। विपक्ष के विधायकों के बहिष्कार के बीच यह विधेयक पारित किया गया था।
भ्रामक जानकारी प्रचारित-प्रसारित करने वाले भी इस कानून के दायरे में आएंगे
पेपर लीक और नकल से जुड़े मामलों में बगैर प्रारंभिक जांच के एफआईआर और गिरफ्तारी का भी प्रावधान किया गया है। पेपर लीक और किसी प्रतियोगी परीक्षाओं के बारे में भ्रामक जानकारी प्रचारित-प्रसारित करने वाले भी इस कानून के दायरे में आएंगे। यह कानून राज्य लोक सेवा आयोग, राज्य कर्मचारी चयन आयोग, भर्ती एजेंसियों, निगमों और निकायों द्वारा आयोजित होने वाली परीक्षाओं में लागू होगा। पेपर लीक से जुड़े मामलों को लेकर इस कानून में सबसे सख्त प्रावधान किए गए हैं। इसमें परीक्षाओं के संचालन से जुड़े व्यक्ति, एजेंसियां, प्रिंटिंग प्रेस एवं षड्यंत्र में शामिल लोग दायरे में आएंगे।