हैवानियत: 12 साल की बच्ची के साथ दरिंदगी | प्राइवेट पार्ट्स में गंभीर चोट | खून से सनी अर्धनग्न मासूम ढाई घंटे तक सड़क पर भटकती रही
बच्ची ने पुलिस को बताया कि उसकी मां के साथ भी गलत काम हुआ है
रांची। मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में एक 12 साल की लड़की के साथ दरिंदगी का मामला सामने आया। उज्जैन शहर में एक सड़क पर 12 साल की एक लड़की खून से लथपथ पाई गई और उसकी मेडिकल जांच में पुष्टि हुई कि उसके साथ बलात्कार किया गया था। महाकाल थाना इलाके में बड़नगर रोड पर दांडी आश्रम के पास बच्ची सोमवार शाम घायल हालत में मिली थी। उसके कपड़े खून से सने थे। बच्ची आधे-अधूरे कपड़ों में सांवराखेड़ी सिंहस्थ बाइपास की कॉलोनियों में ढाई घंटे तक भटकती रही। इसके CCTV फुटेज पुलिस ने खोजे हैं। वह पूरे आठ किलोमीटर चलती गई। उसके प्राइवेट पार्ट्स में गंभीर चोटें हैं। उसने पुलिस को बताया कि उसकी मां के साथ भी गलत काम हुआ है, लेकिन उसकी मां कहां है और वह उज्जैन तक कैसे आई? इस बारे में कुछ भी नहीं बता पा रही है। ज्यादा खून बह जाने के कारण बच्ची को इंदौर के अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। वहां उसे खून चढ़ाया गया, बच्ची अब खतरे से बाहर है। डॉक्टरों ने रेप की पुष्टि भी की। कांग्रेस ने इस घटना को लेकर एक बार फिर बीजेपी सरकार को घेरा है। वहीं गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मामले की जांच के लिए SIT का गठन कर दिया गया है। एक संदिग्ध को हिरासत में लिया गया है।
ऑटो ड्राइवर हिरासत में
पुलिस ने जब CCTV फुटेज खंगाले तो उसमें एक ऑटो रिक्शा हाटकेश्वर मार्ग पर दिखाई दिया है, जिसमें एक व्यक्ति भी पीड़ित के साथ दिख रहा है। फुटेज की मदद से पुलिस ने मंगलवार रात को ऑटोवाले को खोज निकाला। हिरासत में लेकर उससे पूछताछ की जा रही है। पुलिस को ऑटो से खून के धब्बे मिले हैं। पुलिस अब बच्ची के ब्लड सैंपल लेकर मिलान करेगी। ऑटो ड्राइवर के मोबाइल में कई पोर्न वीडियो भी मिले हैं।
कुछ लोग मेरे पीछे लगे हैं
CCTV फुटेज में बच्ची सोमवार सुबह 5 बजकर 52 मिनट पर तिरुपति ड्रीम्स कॉलोनी में हड़बड़ाती हुई पैदल जाती दिखी है। इस दौरान सुबह कॉलोनी के एक वृद्ध ने उससे पूछा भी कि क्या हुआ है तो वह इतना ही बोली कि कुछ लोग मेरे पीछे लगे हैं। इसके बाद वह रुकी नहीं, तेजी से चलती गई। पुलिस संबंधित व्यक्ति तक भी पहुंची और बच्ची से हुई बातचीत के बारे में पता किया। इससे ये सामने आया कि वह दरिंदगी का शिकार होने के बाद जान बचाकर निकली और उसे समझ नहीं आ रहा था कि कहां जाए और किससे मदद मांगे। बस पैदल इस कॉलोनी से उस कॉलोनी चली जा रही थी।