खूंटी में पेलोल नदी पर पुल बुरी तरह टूटा | खूंटी-सिमडेगा संपर्क कटा | NDRF की टीम पहुंची


खूंटी में पेलोल नदी पर पुल टूटा, आवागमन ठप; तेज बारिश से जिले में हाहाकार
Jharkhand : खूंटी जिले में पेलोल नदी पर बना पुल दो हिस्सों में टूटकर बह गया है। इस घटना के चलते एक ट्रक ढलान में फंस गया और एक अन्य वाहन भी टूटे हुए पुल में अटक गया। पुल के पूरी तरह धंस जाने से खूंटी-सिमडेगा मुख्य मार्ग पर आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है। इसके कारण मार्ग पर गाड़ियों की लंबी कतारें लग गई हैं। इस हादसे की सूचना मिलते ही तोरपा पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की टीम घटनास्थल के लिए रवाना हो गई है। प्रशासन वैकल्पिक मार्ग से सिमडेगा जाने वाले वाहनों को भेजने की तैयारी में जुट गया है। रांची से NDRF की टीम भी खंटी पहुंच गई है। पेलोल पुल के टूटने से खूंटी, भाया, सिमडेगा, भाया और ओडिशा के साथ संपर्क पूरी तरह कट गया है। गौरतलब है कि इससे पहले 29 अगस्त 2022 को भी जिले में छह करोड़ रुपये की लागत से बना गिडुम पुल टूटा था, जिससे आवागमन प्रभावित हुआ था।
लगातार बारिश का कहर
खूंटी जिले में पिछले दो दिनों से लगातार भारी बारिश हो रही है। मंगलवार शाम से थमे बिना जमकर बारिश हुई है, जिसमें औसतन 98.8 मिमी वर्षा दर्ज की गई। बुधवार को 115 मिमी वर्षा हुई। लगातार बारिश के कारण जिले के खेत, तालाब, कुएं और नदियां पानी से लबालब भर गए हैं। खूंटी और आसपास की नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ गया है। मुरहू का पंचघाघ जलप्रपात अपना रौद्र रूप धारण कर चुका है। अन्य स्थानों के झरनों का भी जलस्तर बढ़ा हुआ है।
जीवन अस्त-व्यस्त
लगातार बारिश से शहरी क्षेत्रों में भी सड़कें नदियों में तब्दील हो गई हैं। बुधवार सुबह से झमाझम बारिश के कारण पूरे दिन कामकाज प्रभावित रहा। गुरुवार को भी बारिश ने कामकाज में बाधा डाली है। सड़कों पर लोगों की उपस्थिति बेहद कम है। प्रशासन ने तेज बारिश को देखते हुए स्कूल और कॉलेजों में छुट्टी दे दी है। हालांकि, सरकारी और निजी कार्यालयों में भी अधिकांश अधिकारी व कर्मचारी अनुपस्थित हैं।
मुख्य बिंदु पुन
- घटना: पेलोल नदी पर पुल दो हिस्सों में टूटकर बहा/धंसा।
- परिणाम:
- एक ट्रक और एक अन्य वाहन फंसा।
- खूंटी-सिमडेगा मुख्य मार्ग पर आवागमन पूरी तरह ठप।
- खूंटी, सिमडेगा, भाया और ओडिशा संपर्क कटा।
- गाड़ियों की लंबी कतारें।
- प्रशासनिक कार्रवाई:
- पुलिस-प्रशासन की टीम मौके पर रवाना।
- एनडीआरएफ की टीम पहुंची
- वैकल्पिक मार्ग से यातायात बहाल करने की कोशिश।
- पिछला उदाहरण: अगस्त 2022 में गिडुम पुल टूटा था (लागत: 6 करोड़)।
- कारण (भारी वर्षा):
- लगातार दो दिनों तक भारी बारिश (औसत 98.8 मिमी)।
- खेत, तालाब, कुएं, नदियां लबालब।
- नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर पर।
- पंचघाघ सहित झरने रौद्र रूप में।
- शहरों में सड़कें जलमग्न।
- प्रभाव (जनजीवन):
- बुधवार और गुरुवार को कामकाज ठप।
- सड़कों पर लोग नदारद।
- शैक्षणिक संस्थान बंद।
- कार्यालयों में अधिकारी/कर्मचारी अनुपस्थित।