केंद्र की योजनाओं में धांधली का खुलासा | झारखंड में राजनीति शुरू | मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा-देशव्यापी जन आंदोलन होगा


CAG की रिपोर्ट: योजनाओं में हो रही गड़बड़ियों को उजागर किया गया था
रांची। कुछ दिनों पहले Comptroller and Auditor General (CAG) यानी देश के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने एक रिपोर्ट जारी कर केंद्र सरकार की ओर से चलाई जाने वाली कई योजनाओं में हो रही गड़बड़ियों को उजागर किया गया था। हालांकि ये रिपोर्ट 16 अगस्त को ही जारी की गई थी। अब CAG के इस रिपोर्ट के बाद झारखंड में सियासत गरमा गई है। केंद्र की किन योजनाओं में धांधली हो रही है और कैसे इसपर अब सियासत चकमाने की कोशिश की जा रही है। यह मामला अब पूरी तरह से नेताओं को भुनाने का मौका मिल गया है। 2024 चुनाव से पहले कांग्रेस इस पर हमलावार हो गई है।
हरियाणा से दिल्ली तक बन रहे द्वारका एक्सप्रेस-वे में करोड़ों की गड़बड़ी
केंद्र सरकार की ओर से चलाई जाने वाली योजनाओं में हो रहे घोटाले और धांधलियाें को खुलासा CAG की रिपोर्ट में किया गया। दरअसल, CAG की रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा से दिल्ली तक बन रहे द्वारका एक्सप्रेस-वे में गड़बड़ियों हो रही है। कैग के मुताबिक सरकार ने 18 करोड़ रुपए में इसे बनाने की अनुमति दी थी, लेकिन NHAI एक्सप्रेस-वे के निर्माण में 250 करोड़ रुपए का खर्च कर रहा है ।
मरे हुए मरीजों के इलाज पर 6.97 करोड़ रु.का भुगतान किया गया
CAG रिपोर्ट में आयुष्मान योजना में हुई धांधली को भी उजागर किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक आयुष्मान योजना के तहत मरे हुए मरीजों का भी इलाज किया गया है। मरे हुए 3,446 मरीजों के इलाज पर 6.97 करोड़ रुपे का भुगतान किया गया है। अयोध्या विकास को लेकर बनाए जा रहे स्वदेश दर्शन योजना में भी गड़बड़ी हुई है। कैग के मुताबिक परियोजना में ठेकेदारों को 19.73 करोड़ रुपए का अनुचित लाभ मिला है। हालांकि कैग की रिपोर्ट कुछ दिन पहले जारी हुई है। लेकिन झारखंड में अब इसको लेकर सियासत गरमा गई है। जहां कांग्रेस JDU और RJD सभी एक सुर में केंद्र सरकार पर सवाल खड़े कर रही है। कांग्रेस ने तो प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र पर जमकर निशाना साधा। तो वहीं, JMM ने रिपोर्ट पर PMO की चुप्पी पर सवाल खड़े किए हैं।
प्रधानमंत्री करवाई करे अन्यथा देशव्यापी जन आंदोलन होगा: बन्ना गुप्ता
जमशेदपुर परिसदन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित करते हुए सूबे के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि संसद के मानसून सत्र में पेश नियंत्रक और महालेखा परीक्षा (CAG कंग) की रिपोर्ट में मोदी सरकार में हुए घपले-घोटालों को खुलासा हुआ है। देश की लाखों करोड़ रुपS की अनियमितता उजागर हुआ है। मैं देश के प्रधानमंत्री से मांग करता हूं कि घोटालों एंव अनियमितता में शामिल मंत्रालयों के खिलाफ मामला दर्ज कर करवाई करें।अन्यथा कांग्रेस पार्टी देशव्यापी जन आंदोलन करने को विवश होगी। मंत्री बन्ना गुप्ता ने बताया कि भारतमाला की परियोजनाओं की निविदा प्रक्रिया में कैग ने त्रुटियां पायी है। इस परियोजना में निर्माण लागत 15.37 करोड़ रूपया प्रति कि.मी. थी. जिसे बढ़ाकर 32 करोड़ रुपया प्रति कि.मी. कर दिया गया। उक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में जिला अध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे, मनोज झा,संजय तिवारी समेत दर्जनों कांग्रेस के नेता एंव कार्यकर्ता मौजूद थे।
आयुष्मान भारत हेल्थ स्कीम ने तो घपलों की सारी हदे ही पार कर दी
मंत्री बन्ना गुप्ता ने प्रेस को सम्बोधित करते हुए कहा कि द्वारका एक्सप्रेस-वे सड़क निर्माण जिसकी निर्माण लागत 18 करोड़ रुपए प्रति किलोमीटर कैबिनेट से मंजूर थी, उसे बढ़ाकर 250 करोड़ रूपया प्रति कि.मी. कर दिया गया। मोदी सरकार की बहुप्रचारित आयुष्मान भारत हेल्थ स्कीम ने तो घपलों की सारी हदे ही पार कर दी। 7.5 लाख लाभुकों का एक ही मोबाईल नम्बर 9999999999 पर निबंधन पाया गया। ऐसे ही अन्य कई फर्जी नम्बर यथा 8888888888 पर भी हजारों लाभुक निबंधित पाये गये, जिसका कैग की ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा है। आयुष्मान भारत हेल्थ योजना में एक और अदभूत रिकार्ड बनाया। मोदी जी की सरकार ने मृत व्यक्तियों के नाम पर आयुष्मान स्कीम अन्तर्गत ईलाज दिखाकर राशि की निकासी कर ली गयी। ऐसे 88670 मृत व्यक्ति थे, जिनके नामों का इस्तेमाल कर फर्जीवाड़ा को अंजाम दिया गया।
टोल प्लाजा के नियमों में भारी गड़बड़ी हुई
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि सिर्फ 5 टोल प्लाजा की रैंडम ऑडिट पर कैग ने पाया कि सड़क उपयोग करने वाली जनता से 132 करोड़ रूपए ज्यादा वसूली कर ली गयी। यह तो जनता की पॉकेटमारी थी। टोल प्लाजा के नियमों का एनएचएआई (NHAI) ने इस घपले को अंजाम दिया। स्वदेशी दर्शन योजना अंतर्गत 14 परियोजनाएं थीं, जिसमें 8 प्रोजेक्ट में 22 माह से 47 माह तक का विलम्ब हुआ 6 परियोजनाएं अभी भी बाकी है। कैग की रिपोर्ट के मुताबिक 2014-15 से 2018-19 की अवधि में 76 प्रोजेक्ट के लिए 5.45,569 करोड़ रूपए थे। ये प्रोजेक्टस योजना आयोग वित्त मंत्रालय की आपत्ति के बावजूद शुरू कर दिए गए।
पर्यटन मंत्रालय ने कैबिनेट की मंजूरी के बगैर ही फंड मंजूर कर दिया
पर्यटन मंत्रालय ने कैबिनेट की मंजूरी के बगैर ही फंड मंजूर कर दिया, जबकि 1000 करोड़ रूपया से अधिक के प्रोजेक्ट कैबिनेट की स्वीकृति लेना जरूरी होता है। इस योजना में 15 पर्यटन सर्किटों की पहचान की गयी थी, जिसके विकास के लिए 76 प्रोजेक्ट मंजूर किए गए।
कोयला खदानों की नीलामी में भारी अनियमितताएं
बन्ना गुप्ता ने आगे कहा कि कोयला खदानों की नीलामी में भारी अनियमितताएं बरती गयी।कोयला खदानों की नीलामी प्रक्रिया की ऑडिट करने पर कैग ने पाया कि इसमें पब्लिक मनी की लूट और बंदरबाट हुई है। कोयला खदानों की नीलामी में प्रतिस्पर्धा (Competition) होना चाहिए था वह नहीं हुआ। ऐसा कारपोरेट्स और उनकी सहायक कम्पनियों के घालमेल से मैनेज हुआ। नीलामी की गई खदानों के मूल्यांकन (मूल्य असेसमेंट) में त्रुटियां और विसंगतियां थी, जिससे सरकार को राजस्व का भारी नुकसान हुआ। पहले दो चरण में नीलाम की गयी 11 कोयला खदानों की नीलामी बोली में कम्पटीशन का संभावित स्तर हासिल नहीं पाया गया। कैग ने HAL हिन्दुस्तान ऐरोनाटिक्स द्वारा इंजन की डिजाईन में की गयी त्रुटियों के कारण 159 करोड़ रुपया का नुकसान सरकार को हुआ ।