4 दिवसीय विशेष सत्र संपन्न : झारखंड विधानसभा में 11,697 करोड़ का अनुपूरक बजट पारित


रांची। झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र के चौथे दिन वर्ष 2024-25 के लिए 11,697.45 करोड़ का द्वितीय अनुपूरक बजट ध्वनिमत से पारित हो गया। इसमें महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के लिए सबसे ज्यादा 6,390.55 करोड़ और ऊर्जा विभाग के लिए 2,577.92 करोड़ रु. आवंटित किए गए। वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने सदन को बताया कि आखिर द्वितीय अनुपूरक बजट क्यों लाना पड़ा। वित्त मंत्री ने विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि 1,697 करोड़ रु. सरकार के संकेत पर सरेंडर नहीं हुआ है। चुनावी वर्ष में जो विभाग राशि खर्च नहीं कर पाए तो सरकार ने उसे सरेंडर होने से बचाते हुए मंईयां सम्मान योजना और मुफ्त बिजली बिल के लिए इस्तेमाल किया। वित्त मंत्री ने कहा कि पूर्व की सरकारें भी ऐसा करती रहीं हैं। उन्होंने कहा कि चुनावी वर्ष में भी राज्य सरकार ने 42 प्रतिशत राजस्व का सृजन किया है, यह कुशल मैनेजमेंट का उदाहरण है।
जयराम महतो ने किया विरोध
जेएलकेएम विधायक जयराम महतो ने कहा कि आज की बहस का केंद्र बिंदु मंईयां सम्मान योजना रही। हम भी महिला सम्मान के पक्षधर हैं। मैं कहना चाहूंगा कि बहनों को स्कूल-कॉलेज जाने से पहले अगर आप पैसे देंगे, तो आप उन्हें निकम्मा बना देंगे। उन्हें स्कॉलरशिप के रूप में पैसे दिए जाने चाहिए। 18 से 30 साल की लड़कियों को 2500 रुपए देने से उनकी प्रतिभा नष्ट हो रही है। उनकी प्रतिभा नकारात्मक दिशा में जाएगी।
विधायकों को बस की सुविधा दी जानी चाहिए
जयराम ने कहा कि अगर मंईयां सम्मान योजना के तहत 2500 रुपए सम्मान राशि है, तो सभी विधायकों को बस की सुविधा दी जानी चाहिए। सभी माननीयों को ट्रेन से रांची आना चाहिए, सभी डीए भत्ता का त्याग करें। जांच हो कि माननीयों के बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं या गैर सरकारी स्कूलों में। अगर कसौटी में उतरते हैं, तब कहेंगे कि यह मंईयां सम्मान योजना है। जयराम महतो ने कहा कि सीजीएल का मामला आज भी गर्म है।