सिल्ली कुआं हादसा : गुरुवार रात से लेकर शुक्रवार दिन तक एनडीआरएफ ने चलाया रेसक्यू ऑपरेशन | कुएं से 6 शव बाहर निकाले गए


रांची। रांची जिला के सिल्ली में 21 घंटे से चले रेसक्यू ऑपरेशन के बाद एनडीआरएफ की टीम ने कुंए में दबे सभी 6 शव को बाहर निकाल लिया। एक की इसमें जान बच गई। गाय के बछड़े को बचाने के चक्कर में 6 लोगों की मौत कुंए में दबने दम घुटने से हो गई। वहीं, एक व्यक्ति को जिंदा बचाया जा सका। गुरुवार से रेसक्यू ऑपरेशन शुरू हुआ जो शुक्रवार दिन तक चलता रहा। बता दें कि सिल्ली के पिस्का गांव में यह घटना घटी, जहां एक मवेशी कुएं में गिर गया था। इसे बचाने के लिए 4 लोग कुंए के अंदर घुस थे। बाकि तीन लोग बाहर थे। कुंए में घुसते ही मिट्टी धंस गई, इसके बाद अंदर सभी दब गए। गुरुवार को 2 शव को बाहर निकाला गया था। वहीं, शुक्रवार को 3 शव निकाला गया। एनडीआरएफ की टीम ने कुएं के बगल से रास्ता बनाकर शव को निकाला। इसमें टीम को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
रात भर चला ऑपरेशन
घटना गुरुवार दिन के 4:30 घटी, इसके बाद राहत व बचाव का कार्य चलाया गया शाम 7:20 बजे तक कुंआ में दबे मंटु मांझी (52) को अचेता अवस्था में निकाला गया जिनकी सिल्ली अस्पताल में मौत हो गई। एक अन्य विष्णु बेदिया (55) का शव शाम 7:55 में निकाला गया। रात आठ बजे एनडीआरएफ की टीम भी घटना स्थल पहुंची मगर 40 फीट गहरा कुंआ में मिटी और पत्थर के भर जाने से राहत कार्य में परेशानी हुई। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सिल्ली के पिस्का गांव के कुंए में 6 लोगों की मरने की खबर को दुखद बताया। उन्होंने ट्विट करते हुए लिखा.. मन व्यथित है। परमात्मा दिवगंत आत्माओं को शांति प्रदान कर शोकाकुल परिवारजनों को दुःख की यह विकट घड़ी सहन करने की शक्ति दे। वहीं, सिल्ली के विधायक सुदेश महतो ने कहा मैं सरकार से मांग करता हूं कि इस हादसे में मारे गये लोगों को सहायता का ऐलान करें। मारे गये लोगों के परिजनों को मुआवजा मिलना चाहिए और रोजगार का भी ध्यान सरकार को देना चाहिए। आपको बता दें कि सुदेश महतो को खबर मिलते ही वे गुरुवार रात से ही घटनास्थल पर डटे रहे।
बैल बचाने कुएं में उतरे थे 7 सात लोग
सिल्ली के पिस्का गांव में गुरुवार देर शाम एक बैल के कुएं में गिरने के बाद चार लोग कुएं में उतरे थे। जबकि तीन लोग कुएं के बाहर रस्सी से उन्हें उतरने में मदद कर रहे थे। बारिश की वजह से नर्म हो चुकी मिट्टी अचानक धंस गई और सात लोग उसमें दब गए। ग्रामीणों ने सबसे पहले इस हादसे में लोगों को बचाने की कोशिश की। छह लोगों की मौत दम घुटने से हो गयी।