ग्रामीण विकास मंत्री का रिमांड आज हो रहा खत्म | कोर्ट से ईडी फिर मांगेगी रिमांड | विभाग में पैसाें के लिए कोडवर्ड का खेल जानें
रांची। झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम (Alamgir Alam) की छह दिनों की रिमांड बुधवार को खत्म हो रही है। अब ईडी (ED) आज मंत्री को पीएमएलए कोर्ट में पेश कर फिर से रिमांड मांगेगी। ईडी ने गिरफ्तार मंत्री से छह दिनों की रिमांड में ग्रामीण विकास विभाग में मची पैसों की लूट व कमीशन की जानकारी हासिल की है। इतना ही नहीं ईडी ने कोर्ट में बड़ा खुलासा किया है। ईडी ने कोर्ट को बताया कि कैसे ग्रामीण विकास विभाग में कोडवर्ड के जरिए भ्रष्टाचार किया जा रहा था। ईडी ने कोर्ट में यह भी बताया है कि जेल में बंद मंत्री के पीए संजीव लाल के नौकर जहांगीर के यहां से बरामद पैसे (करोड़ों) मंत्री आलमगीर आलम के हैं। ईडी ने जो खुलासे किए उसने इस विभाग की भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी और घोटालों की पोल खोल कर रखी दी है। ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री को पैसे देने के लिए कोड का इस्तेमाल किया जाता था।
15 मई को मंत्री को ईडी ने गिरफ्तार किया था
बता दें कि ईडी ने 6 मई 2024 को संजीव लाल व उनके नौकर जहांगीर आलम के घर पर रेड मारी थी। रेड के दौरान जहांगीर के फ्लैट से करोड़ों रुपए कैश बरामद किए गए थे। साथ ही कई सरकारी दस्तावेज भी मिले थे। वहीं, संजीव के घर से भी लाखों रुपए कैश व सरकारी दस्तावेज मिले थे। 6 मई की रात को संजीव लाल व उनके नौकर जहांगीर आलम को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था। ईडी के द्वारा पूछताछ के बाद मंत्री आलमगीर आलम का नाम सामने आया। फिर ईडी ने मंत्री को समन भेजा। पहले समन पर ही मंत्री ने ईडी कार्यालय आया। जहां 15 मई को उन्हें ईडी ने पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था।
डायरी में कोड M व H का इस्तेमाल
ग्रामीण विकास विभाग में ठेकों में रिश्वतखोरी को लेकर ईडी ने मंगलवार को कोर्ट में सौंपे दस्तावेज में बताया है कि मंत्री आलमगीर आलम के लिए रिश्वत की रकम की गणना के लिए किताब में कोड एम और एच का इस्तेमाल किया गया था। एम का मतलब मिनिस्टर और एच का मतलब ऑनरेबल मिनिस्टर था। ईडी ने कोर्ट में एक डायरी भी दाखिल की है, जो जहांगीर आलम के घर से बरामद हुई थी। डायरी में मंत्री के लिए एम लिखा है तो कई जगह एच के लिए कोड एच लिखा हुआ है। साथ ही एस का भी जिक्र है। ईडी ने सैंपल के तौर पर एक पेज कोर्ट को दिया है, प्रत्येक डिवीजन में किस कंपनी को ठेका दिया गया, इस कंपनी ने कितना भुगतान किया, साथ ही भुगतान का कितना हिस्सा मंत्री को मिला, इसका विवरण इस पृष्ठ पर उपलब्ध है। यहां एम कोड के साथ 123 लाख रुपए का जिक्र हैं, कुल कलेक्शन करीब 223.77 लाख रुपए रहा है.
मनीष व उमेश कौन
डायरी में हिसाब-किताब में M, H, S के अलावा मनीष और उमेश नाम के शख्स का भी जिक्र है। एक पन्ने में मनीष को 4.22 करोड़ और उमेश को 5.95 करोड़ रुपए देने का जिक्र है। ईडी इस बात की जांच कर रही है कि डायरी में जिन मनीष और उमेश नाम के लोगों का जिक्र है, वह कौन है।
जहांगीर के यहां मिले पैसे मंत्री के
ईडी ने मंगलवार को कोर्ट में यह भी दावा किया है कि मंत्री के लिए ग्रामीण विकास विभाग में जुटाए गए सारे पैसे और खुद से जुड़े दस्तावेज संजीव लाल के जरिए जहांगीर के फ्लैट में रखते थे। जहांगीर के घर से बरामद पूरे 32.20 करोड़ रुपए आलमगीर आलम के हैं, वहीं, ईडी ने कोर्ट को बताया है कि सरकारी दस्तावेज, हिसाब-किताब की डायरी समेत वहां जो भी चीजें मिलीं, उन्हें आलमगीर आलम के निर्देश पर संजीव लाल ने वहां रखा था।