वक्फ एक्ट को लेकर हमारी पार्टी का स्टैंड मुस्लिम समुदाय के साथ : केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान
रांची। वक्फ संशोधन बिल 2024 को वापस लेने की मांग को लेकर सोमवार को केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान से मुस्लिम समुदाय के धर्मगुरू और समाजिक कार्यकर्ता मिले। इस दौरान उन्हें मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड द्वार प्रेषित मांग पत्र सौपा गया। प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि लोकसभा में पारित करने के लिए रखा गया वक्फ बिल संविधान की मूल भावना के साथ समानता के अधिकार और धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ है। वक्फ संपत्ति और वक्फ एक्ट को लेकर देश को गुमराह किया जा रहा है। वक्फ की संपत्ति अधिकतर मुस्लिम पूर्वज द्वारा दान किया गया है। जिसमें मस्जिद, मदरसा, ईदगाह, मजार, दरगाह, कब्रिस्तान, मुसाफिरखाना, शैक्षणिक संस्थान आदि है। वर्षों से स्थापित और सरकार व वक्फ बोर्ड द्वारा चिन्हित धार्मिक स्थलों पर बड़े माफियाओं की नजर है। सरकार द्वारा लाये गए संशोधन बिल वक्फ एक्ट, वक्फ बोर्ड और वक्फ ट्रिब्यूनल को कमजोर कर कलेक्टर के हाथों में शाक्ति देता है जो कही से न्याय उचित नही है। साथ ही लोकतांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ भी है। इसलिए वक्फ संशोधन बिल 2024 को वापस किया जाना चाहिए।
संविधान और न्याय की रक्षा अपने पिता के तरह करूंगा
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि देश में संविधान और न्याय की रक्षा अपने पिता के तरह करूंगा। किसी भी वर्ग समुदाय के साथ अन्याय नही होने दिया जाएगा। उन्होंन कहा कि वक्फ संशोधन एक्ट को लेकर हमारे पार्टी का स्टैंड मुस्लिम समुदाय के साथ है। इस मौके पर लोजपा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बीरेंद्र प्रधान, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रो यासिन कासमी, जमीयत उलेमा हिंद के प्रदेश महासचिव मौलान असगर मिस्बाही, मस्जिद जाफरिया के मौलान सैयद तहजबुल हसन रिज़वी, मजलिस उलेमा झारखंड के मौलान साबिर हुसैन मजहरी, मदरसा दारूल उलमा रातू के सदर मौलान जियाउल होदा, अल्पसंख्यक मामलो के जानकार एस अली, समाजिक कार्यकर्ता तनवीर अहमद, हसन अंसारी आदि शामिल थे।