

रांची। प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में बुधवार को बड़ा हादसा हो गया। मौनी अमावस्या स्नान के दौरान संगम नोज घाट पर भगदड़ मचने से बड़ा हादसा हुआ। सुबह साढ़े सात बजे तक कॉल्विन अस्पताल स्थित मर्चरी में कई लाशें पहुंचाई जा चुकी थीं, लेकिन प्रशासन की ओर से मृतकों की संख्या की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। 200 से अधिक श्रद्धालुओं का उपचार चल रहा है। 40 से अधिक एंबुलेंस के माध्यम से घायलों और मृतकों को केंद्रीय अस्पताल लाया गया। परिजनों की चीख पुकार से संगम से लेकर महाकुंभ के केंद्रीय चिकित्सालय तक कोहराम मचा रहा। एंबुलेंस के सायरन पूरी रात गूंजते रहे। बेकाबू भीड़ को बैरिकेडिंग करके रास्ता रोकने के कारण हादसा होना बताया जा रहा है। मौके पर भारी पैमाने पर फोर्स तैनात कर दी गई है। फिलहाल स्नान जारी है। घटना से आक्रोशित अखाड़ों ने अमृत स्नान का बहिष्कार कर दिया है।
देर रात भगदड़ मची
महाकुंभ में मंगलवार को मौनी अमावस्या पर बड़ा हादसा हो गया। संगम नोज के पास देर रात भगदड़ मच गई और इसमें कई स्नानार्थियों की मौत हो गई। फिलहाल सुबह नौ बजे खबर लिखे जाने तक कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया जा सका था। घटना रात एक से दो बजे के बीच हुई। मर्चरी पहुंचे मृतकों के परिजनों ने बताया कि बड़ी संख्या में लोग स्नान के लिए संगम नोज की ओर बढ़ रहे थे। वह पोल नंबर 11 से 17 के बीच चल रहे थे तभी अचानक बहुत तेज गति में पीछे से भीड़ का रेला आया। कुछ लोग संभल नहीं सके और नीचे गिर पड़े तो भीड़ उन्हें रौंदते हुए निकल गई। अपनों को बचाने में कई और लोग भगदड़ की चपेट में आ गए। पुलिसकर्मी जब तक स्थिति नियंत्रित कर पाते तब तक दर्जनों लोग अचेत हो चुके थे, जबकि कुछ ऐसे भी लोग थे जो होश में तो थे लेकिन वह कुछ बोल पाने की स्थिति में नहीं थे।
सभी लोगों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना : अखिलेश
सपा के अखिलेश यादव ने कहा कि महाकुंभ में अव्यवस्थाजन्य हादसे में श्रद्धालुओं के हताहत होने का समाचार बेहद दुखद है। हमारी सरकार से अपील है कि गंभीर रूप से घायलों को एअर एंबुलेंस की मदद से निकटतम सर्वश्रेष्ठ हॉस्पिटलों तक पहुंचाकर तुरंत चिकित्सा व्यवस्था की जाए। मृतकों के शवों को चिन्हित करके उनके परिजनों को सौंपने और उन्हें उनके निवास स्थान तक भेजने का प्रबंध किया जाए। जो लोग बिछड़ गये हैं, उन्हें मिलाने के लिए त्वरित प्रयास किये जाएं। हैलीकाप्टर का सदुपयोग करते हुए निगरानी बढ़ाई जाए। सतयुग से चली आ रही ‘शाही स्नान’ की अखण्ड-अमृत परंपरा को निरंतर रखते हुए, राहत कार्यों के समानांतर सुरक्षित प्रबंधन के बीच ‘मौनी अमावस्या के शाही स्नान’ को संपन्न कराने की व्यवस्था की जाए। श्रद्धालुओं से भी हमारी अपील है कि वो इस कठिन समय में संयम और धैर्य से काम लें और शांतिपूर्वक अपनी तीर्थयात्रा संपन्न करें। सरकार आज की घटना से सबक लेते हुए श्रद्धालुओं के रुकने, ठहरने, भोजन-पानी व अन्य सुविधाओं के लिए अतिरिक्त प्रबंध करे। हादसे में आहत हुए सभी लोगों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना।