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रांची। 12 जून 2023 से झारखंड उच्च न्यायालय के नए भवन में सारे न्यायिक कार्य शुरू होंगे। डोरंडा स्थित पुराना हाईकोर्ट इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाएगा। डोरंडा स्थित पुराना हाईकोर्ट के इतिहास के पन्नों को खंगालेंगे। पटना उच्च न्यायालय की एक सर्किट बेंच की स्थापना 6 मार्च, 1972 को रांची में, जो उस उच्च न्यायालय के लेटर पेटेंट के क्लाउज 36 के तहत की गई थी। इस पीठ की स्थापना पूर्व बिहार राज्य के छोटानागपुर क्षेत्र के आदिवासी आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिए की गई थी। सर्किट पीठ को पटना हाईकोर्ट की स्थायी पीठ पटना उच्च न्यायालय (स्थायी पीठ रांची की स्थापना) अधिनियम, 1976 के अधिनियम संख्या-57/1976 द्वारा 8 अप्रैल, 1976 के प्रभाव से बनाया गया। बिहार और झारखंड के मौजूदा राज्य में, बिहार राज्य के पुनर्गठन के बाद 15 नवम्बर, 2000 को झारखंड उच्च न्यायालय अस्तित्व में आया।
सोमवार से नए हाई कोर्ट भवन में सुनवाई शुरू होगी
झारखंड हाईकोर्ट के नए भवन में सोमवार 12 जून से सुनवाई शुरू होगी। इस नए कोर्ट में पहले ही दिन हाईकोर्ट की संविधान पीठ बैठेगी, संविधान पीठ में चीफ जस्टिस समेत पांच जज शामिल है। जिसमें मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्र, न्यायाधीश रत्नाकर भेंगरा, न्यायाधीश अनुभा रावत चौधरी, न्यायाधीश दीपक रोशन और न्यायाधीश नवनीत कुमार। पीठ यह तय करेगी कि जेट के आदेश के खिलाफ अपील हाई कोर्ट की एकलपीठ में होगी या फिर खंडपीठ में, दर्शन झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में एकल पीठ में कई अपील की गई थी। इसके बाद एक पीठ ने अपने आदेश में कहा की जेट के आदेश के खिलाफ खंडपीठ में अपील की जाएगी, जबकि एक दूसरे मामले में बेंच ने कहा है कि एकल पीठ में ही अपील की सुनवाई होगी। दो अलग-अलग आदेश आने के बाद इस मामले को मुख्य न्यायाधीश के पास भेजा गया था। मुख्य न्यायाधीश ने संविधान पीठ में मामले को स्थानांतरित करते हुए सुनवाई के लिए 5 जजों के बेंच का गठन किया जिसकी सुनवाई 12 जून को होगी।
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