
30-40 प्रति किलो की दर से काजू का फल बेचा जाता है
रांची। झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रविंद्रनाथ महतो के गृह क्षेत्र में कौड़ियों के भाव काजू की बिक्री होती है। यह कोई मजाक नहीं, बल्कि जमीनी हकीकत है। काजू की बहुतायत पैमाने पर खेती होने के कारण जामताड़ा के नाला प्रखंड को काजू नगरी के रूप में भी जाना जाता है। जिला मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नाला प्रखंड क्षेत्र में काजू का बगान फैला हुआ है। इसलिए इसे काजू नगरी भी कहा जाता है।
कच्चा फल ही ओने-पौने दाम पर किसान बेचने को मजबूर
इस काजू की नगरी में अधिक मात्रा में काजू की खेती होती है। लेकिन यहां कोई प्रोसेसिंग प्लांट नहीं है। इसलिए कच्चा फल हीं ओने-पौने दाम पर किसान बेचने को मजबूर है। फलों के सीजन में 30 से 40 प्रति किलो की दर से काजू का फल बेचा जाता है।
प्रोसेसिंग प्लांट लगाने की मांग
लंबे अरसे से यहां प्रोसेसिंग प्लांट लगाने की मांग किसानों के द्वारा की जा रही है। लेकिन ना इस पर प्रशासन गंभीर है और न सरकार दिलचस्पी दिखा रही है। यहां की जलवायु काजू की खेती के लिए उपयुक्त है, इसलिए यहां संभावनाएं भी अधिक है। काजू बगान के नजदीक ही मालंचा पहाड़ है, जहां 50 एकड़ में नए सिरे से काजू की खेती करवाने की बात विधानसभा अध्यक्ष रविंद्रनाथ महतो कह रहे हैं और प्रोसेसिंग प्लांट का आश्वासन भी दे रहे हैं। लेकिन इस दिशा में अब तक कोई ठोस पहल नहीं हुआ है, जो वाकई में सरकार और प्रशासन की बेपरवाही को बता रहा है।
