बड़ी खबर : सुप्रीम कोर्ट से अरविंद केजरीवाल को 1 जून तक मिली अंतरिम जमानत | हेमंत सोरेन को राहत नहीं
रांची। सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को 1 जून तक अंतरिम जमानत मिल गई है। वहीं, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका पर फिलहाल राहत नहीं मिली है। केजरीवाल को 2 जून को सरेंडर करना होगा। यानी 20 दिनों तक वे बाहर रहेंगे। लोकसभा चुनाव 2024 में केजरीवाल भाग ले सकते हैं। केजरीवाल आज ही जेल से छूट सकते हैं। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल चुनाव प्रचार पर कोई रोक नहीं रहेगा। लेकिन वे केस के बारे में बात नहीं करेंगे। बता दें कि दिल्ली के सीएम शराब नीति मामले में 40 दिन से तिहाड़ जेल में बंद है। आज देर रात तक वे बाहर आ सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र और उपराज्यपाल को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि दिल्ली सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों के बिलों का भुगतान हो जाए।
हेमंत मामले पर कोर्ट ने सुनवाई करने से इंकार किया
वहीं, झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की अंतरिम राहत पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करने से इंकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। अब उसके खिलाफ आप अगले वीक बहस करें। बता दें कि हेमंत सोरेन ने 29 फरवरी को बहस पूरी होने के बावजूद फैसला सुनाने में हाईकोर्ट की देरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने 3 मई को फैसला सुनाते हुए ईडी की गिरफ्तारी को गई चुनौती वाली याचिका खारिज कर दी थी।
ईडी ने गुरुवार को कड़ा विरोध किया था
ईडी ने गुरुवार (10 मई) को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आगामी लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत देने के सुप्रीम कोर्ट के सुझाव का कड़ा विरोध किया था। दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 21 मार्च 2024 को ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद केजरीवाल फिलहाल तिहाड़ जेल में हैं। सुप्रीम कोर्ट दिल्ली आबकारी नीति मामले के संबंध में ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर सुनवाई कर रहा था। दिल्ली उच्च न्यायालय ने पहले उनकी याचिका को खारिज कर दिया था, जिसके कारण शीर्ष अदालत के समक्ष वर्तमान अपील हुई।
7 मई को जमानत देने का संकेत दिया था
7 मई को अपील की सुनवाई के दौरान, शीर्ष अदालत ने केजरीवाल को आगामी लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करने में सक्षम बनाने के लिए अंतरिम जमानत देने का संकेत दिया था। हालांकि, इसने यह भी कहा था कि यदि अंतरिम जमानत दी जाती है, तो केजरीवाल को मुख्यमंत्री के रूप में कोई भी आधिकारिक कर्तव्य निभाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
क्या है पूरा मामला
केजरीवाल के खिलाफ ईडी की मनी लॉन्ड्रिंग जांच दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना की शिकायत पर 2022 में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज एक मामले से उपजी है। आरोप है कि केजरीवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और अन्य सहित आप नेताओं द्वारा कुछ शराब विक्रेताओं को लाभ पहुंचाने के लिए 2021-22 की दिल्ली आबकारी नीति में खामियां पैदा करने की आपराधिक साजिश रची गई थी। केजरीवाल को 21 मार्च को ईडी ने गिरफ्तार किया था और फिलहाल वह तिहाड़ जेल में बंद हैं। ईडी ने पहले कहा था कि केजरीवाल के साथ किसी अन्य अपराधी से सिर्फ इसलिए अलग व्यवहार नहीं किया जा सकता क्योंकि वह एक राजनेता हैं। केजरीवाल के वकील ने बाद में जवाब दिया कि हालांकि मुख्यमंत्री होने के नाते केजरीवाल अभियोजन से मुक्त नहीं हैं, लेकिन उनके अधिकार किसी अन्य व्यक्ति के अधिकारों से कम नहीं हैं। इससे पहले की सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने 2024 के भारतीय आम चुनावों से पहले केजरीवाल की गिरफ्तारी के समय पर ईडी से सवाल किया था।