रांची। पश्चिमी सिंहभूम जिले के टोंटो में सुरक्षा बलों और उग्रवादियों के बीच मुठभेड़ में शहीद झारखंड जगुआर के पुलिस सब इंस्पेक्टर अमित तिवारी और हवलदार गौतम कुमार के पार्थिव शरीर पर राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन व मख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित किया। इस दौरान सभी की आंखें नम हो गई। मुख्यमंत्री ने जवान शहीदों के शोक संतप्त परिजनों का ढाढ़स बंधाया। उन्होंने कहा कि शहीदों के परिजनों /आश्रितों के साथ सरकार सदैव साथ रहेगी। गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार और पुलिस महानिदेशक अजय कुमार सिंह समेत कई वरीय पुलिस पदाधिकारियों ने शहीद जवानों के पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण कर उनकी शहादत को नमन किया। ज्ञात हो कि झारखंड जगुआर के शहीद सब इंस्पेक्टर अमित तिवारी का पैतृक आवास पलामू जिले के रेहला प्रखंड के तोलरा गांव में है। उन्हें एक बेटी और बेटा है। जबकि, शहीद गौतम कुमार के परिजन बिहार के भोजपुर जिला के शाहपुर प्रखंड के रंधाडीह गांव में रहते हैं। दिवंगत गौतम कुमार अविवाहित थे और उनके घर में मां, एक बहन तथा तीन भाई हैं।
उग्रवादी हताशा में ऐसी घटनाओं को दे रहे अंजाम
मुख्यमंत्री ने कहा कि दरअसल राज्य में उग्रवादी घटनाएं अब अंतिम सांसें गिन रही है। उग्रवादियों के खिलाफ पुलिस को लगातार कई बड़ी सफलताएं मिल रही है । ऐसे में हताशा में उग्रवादियों द्वारा पुलिस को निशाना बनाने की कोशिश हो रही है। दो वीर जवानों की शहादत कहीं ना कहीं उग्रवादियों के हताशा में किए गए हमले का ही परिणाम है। दो जवानों का शहीद होना हमारे लिए बहुत ही दुखद है। लेकिन, उग्रवादियों के खिलाफ पुलिस का अभियान और शक्ति के साथ लगातार जारी रहेगा । मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि झारखंड जगुआर से संबंधित कुछ समस्याएं संज्ञान में आई है और इसका जल्द निराकरण होगा।
सोमवार रात हुई थी नक्सलियों से मुठभेड़
सोमवार रात चाईबासा में पुलिस व नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में झारखंड जगुवार के 2 जांबाज शहीद हो गए। भाकपा के माओवादी मिसिर बेसरा के दस्ते के साथ हुई इस मुठभेड़ में सब इंस्पेक्टर अमित तिवारी और हवलदार गौतम कुमार शहीद हो गए हैं। शहीद अमित तिवारी 2012 बैच के सब इंपेक्टर थे, वह पलामू के रहने वाले थे। झारखंड जगुआर की एक टीम नक्सलियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन कर वापस लौट रही थी। इसी दौरान घात लगाकर नक्सलियों ने टीम पर फायरिंग कर दी। इस फायरिंग में इंस्पेक्टर अमित तिवारी और गौतम कुमार को गोली लग गई। नक्सलियों का हमला इतना घातक था कि दोनों मौके पर ही शहीद हो गए। पुलिस ने जवाबी फायरिंग शुरू की तब नक्सली जंगल का फायदा उठाकर फरार हो गए।
शहीद इंस्पेक्टर का 3 दिन पूर्व ही बेटे का जन्म हुआ नक्सलियों के हाथों शहीद हुए इंस्पेक्टर अमित तिवारी पलामू के रहने वाले थे। 3 दिन पूर्व ही उनके बेटे का जन्म हुआ था। अभियान खत्म कर अमित तिवारी घर लौटने वाले थे, ताकि अपने बेटे को देख सकें। लेकिन नक्सलियों के द्वारा किए गए कायरतापूर्ण हमले में वह शहीद हो गए। अमित तिवारी के परिवार का अधिकांश सदस्य पुलिस विभाग में ही कार्यरत है। शहीद हुए हवलदार गौतम कुमार को अपने पिता के मौत के बाद अनुकंपा पर नौकरी मिली थी।
4 दिन पहले ही सीआरपीएफ का हवलदार शहीद हुआ थाझारखंड के चाईबासा में नक्सलियों का तांडव लगातार जारी है। इससे पहले 11 अगस्त 2023 को चाईबासा के ही टोंटो थाना इलाके में भी नक्सलियों के साथ सुरक्षाबलों की मुठभेड़ हुई थी। घने जंगल में एक करोड़ के इनामी नक्सली मिसिर बेसरा के बंकर को सुरक्षाबलों ने ढूंढ निकाला था और उसपर कब्जा कर लिया था। एसपी आशुतोष शेखर के नेतृत्व में बंकर में मौजूद सामान वापस लाने के लिए सुरक्षाबल जा रहे थे। तभी माओवादियों ने फायरिंग शुरू कर दी थी, जिसमें सीआरपीएफ के हवलदार सुशांत कुमार खुंटिया शहीद हो गए थे।