खूबसूरत वादियों में सफर का मजा | आज विस्टाडोम कोच वाली झारखंड की पहली इंटरसिटी एक्सप्रेस का उद्घाटन
रांची। झारखंड की विस्टाडोम कोच वाली पहली इंटरसिटी एक्सप्रेस का उद्धाटन मंगलवार को किया जाएगा। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि विस्टाडोम कोच वाली झारखंड की पहली इंटरसिटी एक्सप्रेस का उद्घाटन 12 सितंबर को किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ट्रेन न्यू गिरिडीह स्टेशन और रांची के बीच चलेगी, जो यात्रियों को पहाड़ियों और घने जंगल जैसी प्राकृतिक सुंदरता की झलक के साथ यात्रा का एक नया अनुभव प्रदान करेगी। अधिकारी ने बताया कि इंटरसिटी एक्सप्रेस को मंगलवार को पूर्व मध्य रेलवे के अंतर्गत न्यू गिरिडीह स्टेशन से हरी झंडी दिखाई जाएगी।
केंद्रीय मंत्री व सांसद करेंगे उद्घाटन
गिरिडीह में उद्घाटन समारोह में केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी, गिरिडीह सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी, स्थानीय विधायक केदार हाजरा और झारखंड भाजपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के शामिल होने की संभावना है। नई इंटरसिटी एक्सप्रेस में पारदर्शी छत वाला एक विस्टाडोम कोच होगा, जो यात्रियों को यात्रा का एक नया अनुभव देगा। वे बरकाकाना जंक्शन और मेसरा के माध्यम से मार्ग पर सुरम्य दृश्यों का आनंद ले सकते हैं। पूर्व मध्य रेलवे हाजीपुर जोन के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) बीरेंद्र कुमार ने बताया कि ट्रेन पहाड़ियों, चार सुरंगों और खूबसूरत परिदृश्य वाले कठिन इलाके से गुजरेगी। 12 सितंबर को यह विशेष रेलगाड़ी एक विस्टाडोम कोच के साथ रांची पहुंचेगी। इसे सुबह 10 बजे गिरिडीह में हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जाएगा। यह कोच बेहद खूबसूरत और सुखद अहसास कराने वाला होगा ।
रांची से ट्रेन सुबह 6.05 बजे खुलेगी
पर्सनल रिलेशन इंस्पेक्टर पुष्कर राज ने बताया कि ट्रेन सुबह 6.05 बजे रांची से खुलेगी और दोपहर 1 बजे न्यू गिरिडीह पहुंचेगी। वहां से दोपहर 2 बजे रवाना होगी और रात 9.30 बजे रांची पहुंचेगी। अधिकारी ने कहा कि इंटरसिटी एक्सप्रेस अपने निर्धारित बरकाकाना-मेसरा-तातीसिलवाई मार्ग के बजाय एक निश्चित अवधि के लिए बरकाकाना-मुरी-तातीसिलवाई मार्ग से चलेगी। पटना-रांची वंदे भारत एक्सप्रेस भी अगस्त के पहले सप्ताह से परिवर्तित मार्ग पर चल रही है, क्योंकि सिद्धवार (रामगढ़) और सांकी (रांची) के बीच भूस्खलन के बाद मेसरा के माध्यम से निर्धारित मार्ग यात्री ट्रेनों के लिए बंद कर दिया गया है। अधिकारी ने बताया कि मेसरा के रास्ते केवल मालगाड़ियां ही चल रही हैं।
गुंबद के आकार वाली ट्रेन से मनोरम परिदृश्यों को देखना
विस्टाडोम दो शब्द- विस्टा और डोम से मिलकर बना है। विस्टा का अर्थ होता है परिदृश्य और डोम का अर्थ होता है गुंबद के आकार का, जिसका मतलब होता है गुंबद के आकार वाली ट्रेन से मनोरम परिदृश्यों को देखना. विस्टाडोम कोच अधिकतर पर्वतीय क्षेत्रों के मनोरम दृश्यों का आनंद प्रदान करने के लिए लगाए जाते हैं, इस तरह की ट्रेनें अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होती हैं।
सीट 180 डिग्री पर घूम सकेगी
विस्टाडोम कोच में बड़े ग्लास की खिड़कियां हैं। इनमें छह पारदर्शी होंगी। यह यात्री को साइड के साथ ऊपर की तरफ के दृश्य देखने में मदद करेंगी। कोच का निर्माण आईसीएफ ने किया है। इस कोच में 42 से 44 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था की गई है। इसकी सबसे बड़ी खासियत होगी इसकी शानदार सीट 180 डिग्री पर घूम सकेगी। शानदार पुशबैक होगी।
ट्रेन का रूट ऐसा होगा
इस कोच के माध्यम से सरकार पर्यटकों को आकर्षित करने पर फोकस कर रही है। यह ट्रेन जमुआ, धनवार, महेशपुर, कोडरमा, हजारीबाग टाउन, बड़काकाना-मेसरा और टाटीसिल्वे होते रांची तक का सफर करेगी।