
रांची। विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर 32 आदिवासी समूहों की ओर से धुमकुड़िया भवन, करमटोली चौक चौक से जेल चौक तक रीझ-रंग रैली ने समां बांध दिया। चलना ही नृत्य है, बोलना ही संगीत है, ऐसी अद्भुत संस्कृति का परिचय कराती रीझ रंग रसिका का कारवां बढ़ता हुआ अपने गंतव्य की ओर पहुंच गया।आदिवासी आन बान और शान के मनमोहक 32 जनजातीय वाद्ययंत्रो की ताल पर थिरकते झारखण्डवासियों ने लोगों का दिल जीत लिया। अपनी आदिवासी संस्कृति और पहचान को समेटे जनजातियों की “रीझ-रंग रसिका रैली” हर्षोल्लास के साथ बिरसा मुण्डा स्मृति उद्यान पहुंचा। मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन व सीएम हेमंत सोरेन का पाईका नृत्य समूहों की ओर से स्वागत किया गया। इसके बाद पारंपरिक लोटा-पानी से स्वागत हुआ। मुख्य अतिथि व सीएम ने यहां लगे विभिन्न शिविरों का उद्घाटन किया। झारखण्ड के वीर आदिवासी क्रांतिकारियों की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर नमन किया गया साथ ही उनकी महान गाथाओं को याद किया गया।
2 दिनों तक चलेगा कार्यक्रम
आज व कल शहर से लेकर गांव तक की एक अलग पहचान बनेगी। इसे भव्य बनाने को लेकर झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार कोई कसर नहीं छोड़ी। शहर के चप्पे-चप्पे पर विश्व आदिवासी दिवस की धूम दिखाई दे रही। बड़े-बड़े पोस्टर व होर्डिंग्स से रांची शहर पट गया है। झारखंड सरकार रांची में विश्व स्तरीय भव्य कार्यक्रम का आयोजन कर रही है। रांची के पुराना जेल परिसर यानी बिरसा मुंडा संग्रहालय में 9 और 10 अगस्त को इसका आयोजन हो रहा। इस आयोजन में देश और दुनिया के आदिवासी कला संस्कृति, खान-पान की झलकियां दिखेंगी। यहां पूरा झारखंड जनजातीय वाद्य यंत्रों की धुन पर थिरकेगा। विश्व आदिवासी दिवस के कार्यक्रम की तैयारियां जोरो शोरो से चल रही है। कार्यक्रम का आयोजन 9 और 10 अगस्त को होना है।
कई राज्यों की संस्कृति की झलकियां देखने को मिलेंगी
दो दिनों तक होने वाले इस कार्यक्रम में बिरसा मुंडा संग्रहालय में आदिवासी कलाकृतियों का नजारा देखने को मिलेगा। जिसमें झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ के अलावा अरुणांचल प्रदेश, आसाम, ओडिशा और राजस्थानी की जनजातीय समुदाय की परंपरा और संस्कृति की झलकियां देखने को मिलेंगी। साथ ही नागपुरी, सरायकेला छऊ, डोमकच, पायका सहित अन्य नृत्य की प्रस्तुति होगी।
32 जनजातीय वाद्य यंत्रों का आपको संगम दिखेगा
झारखंड सरकार के इस विश्व स्तरीय आयोजन में 32 जनजातीय वाद्य यंत्रों का आपको संगम दिखेगा साथ ही असुर, बैंगा, बथुरी, बेदिया, बिंझिया, बिरहोर, बिरजिया, चेरो, चिक बराइक, गोंड सहित सभी जनजातीय समुदायों का समागम भी देखने को मिलेगा। झारखंडी खानपान, परिधान, फैशन शो, आदिवासी व्यंजन के स्टॉल के साथ, विविध जनजातीय सांस्कृतिक संध्या का आयोजन भी दिखेगा। झारखंड आदिवासी महोत्सव 2023 के इस भव्य आयोजन में कला संस्कृति के साथ आदिवासी आन बान शान का गौरवशाली इतिहास और आदिवासी भव्यता भी प्रदर्शित की जाएगी।
72 स्टॉल लगाए गए
विश्व आदिवासी दिवस के इस कार्यक्रम में कुल 72 स्टॉल लगाए जाएंगे। हर स्टॉल में आपको अलग-अलग आदिवासी झलकियां देखने को मिलेंगी। जिला प्रशासन आवागमन को सुगम बनाए रखने के लिए जिला परिवहन अधिकारी निरीक्षण कर रहे। रांची में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस का आयोजन दो दिनों तक चलेगा। इस आयोजन के जरिए आदिवासी परंपरा उसके खानपान की संस्कृति को विश्व पटल पर दर्शाने की पूरी कोशिश में प्रशासन जुटा है, ताकि हमारी आदिवासी परंपरा को विश्व स्तर पर एक नई पहचान मिल सके।
