ईद | सरहुल व रामनवमी में शांति के लिए झारखंड पुलिस अलर्ट : ड्रोन-सीसीटीवी से होगी निगरानी


त्योहारी माहौल को खराब करने वालों पर सख्ती
रांची। झारखंड के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अनुराग गुप्ता ने आगामी त्योहारों ईद, सरहुल और रामनवमी के दौरान कानून-व्यवस्था और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर मंगलवार को एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में पुलिस मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों (एसपी) को वीडियो कॉन्फ्रेंस (वीसी) के माध्यम से जोड़ा गया। डीजीपी ने त्योहारों के दौरान शांति सुनिश्चित करने हेतु कड़े निर्देश जारी किए और निम्नलिखित बिंदुओं पर गहन समीक्षा की गई। डीजीपी गुप्ता ने जोर देकर कहा कि “असामाजिक तत्वों पर नजर रखते हुए उन्हें किसी भी अराजकता फैलाने का मौका न दिया जाए।” साथ ही, उन्होंने अधिकारियों से त्योहारों के दौरान 24×7 नियंत्रण कक्ष सक्रिय रखने और वीआईपी मूवमेंट में सुरक्षा चाकचौबंद करने को कहा। इस बैठक में सभी रेंज के आईजी और डीआईजी ने अपने-अपने क्षेत्रों की तैयारियों का रोड मैप प्रस्तुत किया, जिसमें अखाड़ा समितियों के साथ समन्वय, जुलूस मार्गों के सर्वेक्षण और स्थानीय नेताओं के साथ संवाद जैसे उपाय शामिल थे।
प्रमुख समीक्षा बिंदु
सांप्रदायिक घटनाओं के मामलों की स्थिति : पिछले सांप्रदायिक दंगों और घटनाओं से जुड़े मामलों के निष्पादन की नवीनतम जानकारी।
- निवारक कार्रवाई : त्योहारों के दौरान संभावित उपद्रवों को रोकने के लिए पूर्व-तैयारी, जिसमें संवेदनशील इलाकों में पुलिस बलों की तैनाती शामिल है।
- कानून-व्यवस्था प्रबंधन : दंडाधिकारियों और पुलिस बलों की उपलब्धता तथा उनकी ड्यूटी योजना।
- धार्मिक स्थलों की सुरक्षा : मुख्य धार्मिक स्थलों के आसपास सीसीटीवी कैमरों की स्थापना, इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और सुरक्षा चौकियों का गठन।
- जुलूस मार्गों का सत्यापन : जुलूस के मार्गों का भौतिक निरीक्षण, संवेदनशील बिंदुओं पर सुरक्षा व्यवस्था, और ड्रोन/वीडियोग्राफी से वास्तविक समय में निगरानी।
- अन्य उपाय…
- जुलूस मार्गों पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम और पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था।
- दंगा रोधी उपकरणों (वाटर कैनन, एंटी-राइट वाहन) की उपलब्धता।
- सोशल मीडिया और व्हाट्सऐप पर अफवाहों की निगरानी तथा उत्तेजक गानों (डीजे) पर प्रतिबंध।
- आपातकालीन चिकित्सा सुविधाएं और सुरक्षा बलों के लिए भोजन-पानी की व्यवस्था।
डीजीपी के प्रमुख निर्देश
- सोशल मीडिया निगरानी: अफवाह फैलाने वालों और उपद्रवियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई।
- हॉटस्पॉट्स पर फोकस: पूर्व में घटित सांप्रदायिक घटनाओं वाले क्षेत्रों में विशेष सतर्कता।
- महिला सुरक्षा: त्योहारी स्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा हेतु अतिरिक्त पेट्रोलिंग।
- शांति समितियों की भूमिका: जिला एवं थाना स्तर पर समितियों की बैठक कर छोटे-मोटे विवादों का निपटारा।
- त्वरित प्रतिक्रिया: अप्रत्याशित घटनाओं से निपटने के लिए क्यूआरटी (त्वरित कार्रवाई दल) की तैनाती।