About me

News Box Bharat
Welcome to News Box Bharat, your one-stop destination for comprehensive news coverage and insightful analysis. With a commitment to delivering reliable information and promoting responsible journalism, we strive to keep you informed about the latest happenings from across the nation and the world. In this rapidly evolving era, staying updated and making sense of the news is crucial, and we are here to simplify the process for you.

Recent Posts

+91 6205-216-893 info@newsboxbharat.com
Thursday, June 19, 2025
Latest Hindi News

Parasnath Hill : मरांग बुरू को संथालों का धार्मिक तीर्थ घोषित करने की मांग जोरों पर

Share the post

पारसनाथ पर संथालों का ऐतिहासिक दावा, सीएम को ज्ञापन : गिरिडीह स्थित मरांग बुरू (पारसनाथ पहाड़ी) को संथाल आदिवासियों का धार्मिक तीर्थ स्थल आधिकारिक रूप से घोषित किया जाए।

Parasnath Mountain (Marang Buru) : झारखंड के गिरिडीह स्थित पारसनाथ पर्वत (मरांग बुरू) को संथाल आदिवासियों का धार्मिक तीर्थ स्थल घोषित करने की मांग ने जोर पकड़ लिया है। इसी क्रम में सोमवार को भगवान बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि के अवसर पर ‘मरांग बुरू बचाओ संघर्ष समिति’ के 51 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से उनके आवास पर मुलाकात की।

प्रमुख मांगें:
प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन के माध्यम से निम्नलिखित मुख्य मांगें रखीं:

  1. धार्मिक तीर्थ घोषणा: गिरिडीह स्थित मरांग बुरू (पारसनाथ पहाड़ी) को संथाल आदिवासियों का धार्मिक तीर्थ स्थल आधिकारिक रूप से घोषित किया जाए।
  2. ग्राम सभा को अधिकार: इस स्थल के संरक्षण, प्रबंधन, निगरानी, नियंत्रण और अनुश्रवण की जिम्मेदारी स्थानीय आदिवासियों की ग्राम सभा को सौंपी जाए।
  3. ऐतिहासिक दावा: उन्होंने दावा किया कि छोटानगपुर कास्तकारी अधिनियम 1908, सर्वे भूमि अधिकार अभिलेख तथा कमीश्नरी कोर्ट, पटना हाई कोर्ट और प्रिवी काउंसिल कोर्ट के पूर्व निर्णयों से संथाल आदिवासियों का इस क्षेत्र पर अधिकार सिद्ध होता है। सदियों से संथाल समुदाय यहां ‘मरांग बुरु’ को ईश्वर के रूप में पूजता आया है।

अन्य प्रमुख मांगें:

  • आदिवासी धार्मिक स्थल संरक्षण अधिनियम: मरांग बुरु, लुगू बुरु, अतु ग्राम, जाहेर थान (सरना), मांझी थान, मसना, हड़गडी जैसे आदिवासी धार्मिक स्थलों की रक्षा के लिए एक विशेष अधिनियम बनाया जाए।
  • केंद्रीय आदेश रद्द करने की मांग: भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (संशोधन मेमोरंडम पत्र F.No 11-584/2014-WL, 05 जनवरी 2023) और झारखंड सरकार के पर्यटन, कला, संस्कृति विभाग (पत्रांक 1391, 22.10.2016 एवं पत्रांक 14/2010-1995, 21.12.2022) के उन आदेशों को रद्द किया जाए, जिनमें:
    • पारसनाथ पहाड़ को केवल जैन समुदाय का ‘सम्मेद शिखरजी’ तीर्थ बताया गया है (जिसे समिति एकतरफा और असंवैधानिक मानती है)।
    • इस क्षेत्र में मांस-मदिरा के सेवन एवं खरीद-बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया है।
  • वन अधिकार अधिनियम का दावा: सुप्रीम कोर्ट केस (संख्या 180/2011) और अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकार) अधिनियम, 2006 की धारा 3 के तहत सामूहिक वन भूमि अधिकार के आधार पर प्रबंधन ग्राम सभा को सौंपा जाए।
  • राजकीय महोत्सव: ‘मरांग बुरू युग जाहेर, बाहा-बोंगा पूजा महोत्सव’ (फाल्गुन शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि) को राजकीय महोत्सव घोषित किया जाए।
  • अवैध निर्माण हटाए जाएं: पारसनाथ पर्वत पर जैन समुदाय द्वारा वन भूमि पर अवैध रूप से बनाए गए मठ-मंदिर, धर्मशाला आदि को अतिक्रमण मुक्त कराया जाए।

मुख्यमंत्री का जवाब:
सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के अनुसार, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रतिनिधिमंडल को इन मुद्दों पर “विधिसम्मत निर्णय लेने” का आश्वासन दिया। मुलाकात में समिति के अध्यक्ष रामलाल मुर्मू, फागू बेसरा और साहित्यकार भोगला सोरेन भी मौजूद थे।

Leave a Response