रांची। झारखंड पुलिस मुख्यालय में झंडातोलन के बाद DGP अजय कुमार ने कहा कि झारखंड के कोल्हान में नक्सली और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ में झारखंड जगुआर के दो जवानों की शहादत हुई है। इस शहादत का बदला लेने के लिए सुरक्षबलों ने कमर कस लिया है। अपने साथी को खोने का गम है, लेकिन अब माओवादियों के खत्मे को लेकर अभियान तेज कर दिया है। पुलिस के मुखिया DGP ने साफ कहा है कि अब नक्सलियों के खात्मा तक झारखंड में अभियान जारी रहेगा। DGP ने दोनों जवानों की शहादत पर दुख जताया। उन्होंने बताया कि यह अभियान एक महीने से जारी है। देर रात नक्सलियों के गतिविधि की सूचना थी, जिसपर अभियान में सुरक्षा बल निकले हुए थे। कोल्हान में नक्सली अब अपने आखरी पड़ाव पर है। अंतिम सांस गिन रहे है, पुलिस की बढ़ती दबिश के बाद नक्सली अपनी करतूस कर रहे है। साथ ही तीन जवान के लापता होने की ख़बर को गलत बताया। उन्होंने बताया कि दोनों जवान झारखंड जगुआर के है। कुछ नक्सली कोल्हान में बचे है। कोल्हान में भी CRPF और झारखंड पुलिस कार्रवाई में लगी है, अगर कुछ घटनाओं को छोड़ कर देखे तो पुलिस को कई कामयाबी मिली है। बड़े नक्सली पुलिस की दबिश के कारण आत्म समर्पण कर चुके है।
झारखंड जगुवार के 2 जांबाज शहीद हुए
सोमवार रात चाईबासा में पुलिस व नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में झारखंड जगुवार के 2 जांबाज शहीद हो गए। भाकपा के माओवादी मिसिर बेसरा के दस्ते के साथ हुई इस मुठभेड़ में सब इंस्पेक्टर अमित तिवारी और हवलदार गौतम कुमार शहीद हो गए हैं। शहीद अमित तिवारी 2012 बैच के सब इंपेक्टर थे, वह पलामू के रहने वाले थे। झारखंड जगुआर की एक टीम नक्सलियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन कर वापस लौट रही थी। इसी दौरान घात लगाकर नक्सलियों ने टीम पर फायरिंग कर दी। इस फायरिंग में इंस्पेक्टर अमित तिवारी और गौतम कुमार को गोली लग गई। नक्सलियों का हमला इतना घातक था कि दोनों मौके पर ही शहीद हो गए। पुलिस ने जवाबी फायरिंग शुरू की तब नक्सली जंगल का फायदा उठाकर फरार हो गए।
शहीद इंस्पेक्टर का 3 दिन पूर्व ही बेटे का जन्म हुआ थानक्सलियों के हाथों शहीद हुए इंस्पेक्टर अमित तिवारी पलामू के रहने वाले थे। 3 दिन पूर्व ही उनके बेटे का जन्म हुआ था। अभियान खत्म कर अमित तिवारी घर लौटने वाले थे, ताकि अपने बेटे को देख सकें। लेकिन नक्सलियों के द्वारा किए गए कायरतापूर्ण हमले में वह शहीद हो गए। अमित तिवारी के परिवार का अधिकांश सदस्य पुलिस विभाग में ही कार्यरत है। शहीद हुए हवलदार गौतम कुमार को अपने पिता के मौत के बाद अनुकंपा पर नौकरी मिली थी।
4 दिन पहले ही सीआरपीएफ का हवलदार शहीद हुआ थाझारखंड के चाईबासा में नक्सलियों का तांडव लगातार जारी है। इससे पहले 11 अगस्त 2023 को चाईबासा के ही टोंटो थाना इलाके में भी नक्सलियों के साथ सुरक्षाबलों की मुठभेड़ हुई थी। घने जंगल में एक करोड़ के इनामी नक्सली मिसिर बेसरा के बंकर को सुरक्षाबलों ने ढूंढ निकाला था और उसपर कब्जा कर लिया था। एसपी आशुतोष शेखर के नेतृत्व में बंकर में मौजूद सामान वापस लाने के लिए सुरक्षाबल जा रहे थे। तभी माओवादियों ने फायरिंग शुरू कर दी थी, जिसमें सीआरपीएफ के हवलदार सुशांत कुमार खुंटिया शहीद हो गए थे।