सीएम से अवैध खनन मामले में 18 नवंबर 2022 को पूछताछ हुई थी
रांची। भूमि घोटाला मामले प्रवर्तन निदेशालय ( ईडी) ने झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को नोटिस भेजा है। ईडी इस मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के परिवार की संलिप्तता भी मान रही है, इसमें परिवार के सदस्य के नाम का जिक्र नहीं किया गया है। केस नंबर 25/23 के आधार पर यह नोटिस भेजा गया है। 14 अगस्त को हेमंत सोरेन को पूछताछ के लिए ईडी कार्यालय बुलाया गया है। इससे पहले ईडी ने अवैध खनन मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से 18 नवंबर 2022 को करीब 10 घंटे तक पूछताछ की थी।
जमीन घोटाले में सीएम का नाम
रांची में हुए जमीन घोटाले की जांच में अब मुख्यमंत्री का भी नाम सामने आ रहा है। इसी मामले में रांची प्रमंडल के तत्कालीन आयुक्त नितिन मदन कुलकर्णी की रिपोर्ट के आधार पर जांच हो रही है। सेना के कब्जे वाली जमीन के सिलसिले में जांच कर आयुक्त ने रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि फर्जी नाम और पते के आधार पर सेना की जमीन पर अवैध कब्जा किया गया है। रांची नगर निगम ने इस मामले की शिकायत दर्ज कराई है। ईडी ने इसी प्राथमिकी को इसीआइआर के रूप में दर्ज कर इसकी जांच शुरू की है। नवंबर 2022 में व्यापारी विष्णु अग्रवाल, अमित अग्रवाल के ठिकानों पर छापा पड़ा था। इस छापे में कई अहम दस्तावेज ईडी के हाथ लगे हैं। ईडी ने दूसरी बार छापा मारा 13 अप्रैल को रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन, बड़गाईं अंचल के अंचलाधिकारी मनोज कुमार, कर्मचारी भानु प्रताप समेत जमीन के कारोबार से जुड़े 21 ठिकानों पर छापा मारा था। रिमांड पर इन अभियुक्तों से हुई पूछताछ के दौरान जमीन के मूल दस्तावेज में छेड़छाड़ करने में शामिल अन्य लोगों की जानकारी मांगी गई थी।
ऐसे हुआ जमीन घोटाले का खुलासा
जमीन से जुड़े मामले को लेकर खुलासा तब हुआ जब रांची बरियातू के रहने वाले अफसर अली को ईडी ने गिरफ्तार किया था। इससे पहले साल 2022 के चार नवंबर को जमीन घोटाले में विष्णु अग्रवाल के कई ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की थी। बाद में तीन बार विष्णु अग्रवाल को पूछताछ के लिए समन भेजा गया। जमीन के तमाम मामलों के साथ चेशायर होम रोड की जमीन की खरीद में उनका नाम सामने आया था। जांच में ईडी ने पाया कि जमीन की इस डील में प्रेम प्रकाश की भूमिका भी सामने आयी थी। वहीं, पुगडू में 9.30 एकड़ खास महल जमीन की खरीद में भी फर्जीवाड़े की बात सामने आई थी।