

रांची। भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर झारखंड की राजधानी रांची में दुश्मन देश द्वारा संभावित हवाई हमले की स्थिति में तैयारी को लेकर एक मॉक ड्रिल सफलतापूर्वक आयोजित की गई। इस अभ्यास के लिए डोरंडा इलाके को केंद्र बनाया गया, जहां शाम के समय हवाई हमले का सायरन बजते ही पूरे क्षेत्र को ब्लैक आउट कर दिया गया। सायरन शुरू होते ही नागरिकों, दुकानों, सरकारी कार्यालयों और वाहनों ने तत्परता दिखाते हुए सभी लाइटें बंद कर दीं। पुलिस द्वारा पहले से जागरूक किए जाने के कारण पूरे डोरंडा में अंधेरा छा गया और निर्धारित समय तक कहीं भी प्रकाश की झलक नहीं मिली। इस ड्रिल का मकसद आम जनता और प्रशासन को युद्धकालीन परिस्थितियों के लिए तैयार करना था। यह अभ्यास ऐसे समय में किया गया है, जब भारत ने कश्मीर में 26 पर्यटकों की हत्या के बाद पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर जवाबी हमला किया है। सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि दुश्मन देश पलटवार की योजना बना सकता है। इसी को देखते हुए देशभर में ऐसे मॉक ड्रिल के जरिए सुरक्षा तंत्र को दुरुस्त किया जा रहा है। रांची पुलिस के डीआईजी व एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने इस अभियान में जनसहयोग की सराहना की और कहा कि ऐसे प्रशिक्षण से आपात स्थितियों में नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की क्षमता बढ़ेगी। ध्यान रहे कि रांची जिला प्रशासन ने मॉक ड्रिल के संबंध में पहले ही एक सलाह जारी की थी। इसके तहत डोरंडा क्षेत्र के निवासियों से अपील करते हुए जिला उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने स्पष्ट किया कि यह अभ्यास नागरिक सुरक्षा को ध्यान में रखकर आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सायरन बजने पर लोगों को घबराने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि इस दौरान अपने घरों की लाइट, वाहनों की हेडलाइट और जेनरेटर आदि बंद रखने का अनुरोध किया गया है। यह अभ्यास केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार “ऑपरेशन अभ्यास” के तहत आयोजित किया जा रहा है, ताकि आपात स्थिति में नागरिक सुरक्षा प्रक्रियाओं का परीक्षण और सुधार किया जा सके।