आज ही विश्वासमत के बाद नए मंत्री राजभवन में लेंगे शपथ | कांग्रेस के इरफान अंसारी की मंत्रिमंडल में होगी इंट्री


रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज यानी सोमवार 8 जुलाई 2024 को झारखंड विधानसभा के सदन में विश्वासमत हासिल करेंगे। इस विधानसभा के कार्यकाल में हेमंत सोरेन की यह दूसरी पारी होगी। वह दूसरी बार सदन में बहुमत हासिल करने पहुंचेंगे। सत्ता पक्ष यानी इंडिया गठबंधन के पास बहुमत का मजबूत आंकड़ा है। ऐसे में किसी तरह की कोई परेशानी हेमंत को फ्लोर टेस्ट के दौरान नहीं होगी। बहुमत हासिल करने के बाद हेमंत अपनी सेना के साथ मंत्रिमंडल विस्तार में 11 मंत्रियों की टीम लेकर राजभवन जाएंगे, जहां नए मंत्री दिन के 3.30 बजे शपथ लेंगे। नए मंत्रियों की सूची आज ही राजभवन भेजी जाएगी। इसको लेकर राजभवन ने तैयारी पूरी कर ली है। शपथ ग्रहण को लेकर अतिथियों को निमंत्रण पत्र भेज जा रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार पिछली सरकार के सभी मंत्री रिपिट होंगे। बस कांग्रेस कोटे से इरफान अंसारी को मंत्री बनाया जा सकता है। अभी विधानसभा में विधायकों की संख्या 77 (मनोनित विधायक सहित) है। बहुमत के लिए हेमंत को 39 विधायकों का समर्थन चाहिए। हेमंत के पास 47 विधायक साथ में है। वहीं, विपक्ष के पास 28 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। 2 निर्दलीय विधायक सरयू राय व अमित मंडल हैं। अगर जेपी पटेल विरोध में वोट किए तो फिर 27 का आंकड़ा रहेगा।
77 निर्वाचित विधायकों की विधानसभा
सदन में विपक्ष के हर सवालों का जवाब देने के लिए हेमंत सोरेन तैयार हैं। फिलहाल 77 (मनोनित विधायक सहित) विधायकों की विधानसभा है। विश्वास मत जीतने के लिए 39 विधायकों का समर्थन हेमंत सरकार को चाहिए। इस तरह अगर नंबर्स को देखें तो सत्ताधारी दल के पास झामुमो का 27, कांग्रेस का 17, राजद और सीपीआई माले का 01-1 विधायकों का समर्थन यानी कुल मिलाकर 46 विधायक समर्थन में है। ऐसे में कहीं कोई दिक्कत नहीं है। वहीं, विपक्ष में बीजेपी के पास 23, आजसू के पास 3, एनसीपी 1, निर्दलीय 2 विधायक हैं।
कई विधायक बन गए सांसद
81 निर्वाचित सदस्यों वाली झारखंड विधानसभा के कई विधायकों नें सांसद बनने पर इस्तीफा दे दिया है। वहीं, कुछ ने लोकसभा चुनाव से पहले दूसरे दल में शामिल होने पर विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। इस्तिफा देने वाले विधायकों में सीता सोरेन, जोबा मांझी, नलिन सोरेन, मनीष जायसवाल, ढुल्लू महतो का नाम शामील है। इन लोगों ने सदन की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। वहीं, 2019 विधानसभा चुनाव में भाजपा के सिंबल पर चुनाव जीतकर विधायक बने जयप्रकाश भाई पटेल 2024 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस के सिंबल पर लड़े थे, लेकिन विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिया। ऐसे में दल बदल कानून के तहत उनकी सदस्यता रद्द करने का मामला विधानसभा न्यायाधिकरण में चल रहा है।