राज्यसभा में हर शुक्रवार को संसद सत्र के दौरान मिलने वाले अतिरिक्त 30 मिनट के ब्रेक को समाप्त कर दिया गया


उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने नियमों में बदलाव करके खत्म कर दिया
रांची। संसद सत्र के दौरान हर शुक्रवार को नमाज के लिए मिलने वाले आधे घंटे के ब्रेक को राज्यसभा में खत्म कर दिया गया है। यह व्यवस्था राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने दी है। उन्होंने इसे संबंधित नियमों में भी बदलाव का निर्देश दिया है। राज्यसभा में अभी हर शुक्रवार को लंच ब्रेक 1 से 2:30 बजे तक होता था, जबकि लोकसभा में लंच ब्रेक 1 से 2 बजे तक होता है। राज्यसभा में यह अतिरिक्त आधा घंटा नमाज के लिए दिया जाता था जो अब सभापति ने नियमों में बदलाव करके खत्म कर दिया है। पूरा मामला 8 दिसंबर 2023 का है। तब राज्यसभा में जीरो ऑवर चल रहा था। सांसद अपने सवालों के जवाब पूछ रहे थे।
द्रमुक सांसद तिरुची शिवा ने पूछा था सवाल
द्रमुक सांसद तिरुची शिवा ने हस्तक्षेप किया। राज्यसभा के सभापति जयदीप धनखड़ पीठाधीन थे। तिरुची शिवा को सभापति ने बोलने का मौका दिया। उन्होंने शुक्रवार के दिन राज्यसभा के कामकाज की समयसीमा को लेकर सवाल पूछा। डीएमके सांसद ने कहा कि आमतौर पर शुक्रवार के दिन सभा का कामकाज लंच ब्रेक के बाद 2.30 बजे शुरू होता है। यह और बात है कि आज के संशोधित कार्यक्रम के अनुसार यह 2 बजे से ही है। इस बारे में निर्णय कब लिया गया? इस बारे में सदन के सदस्य नहीं जानते, ये बदलाव क्यों हुआ? इस पर सभापति ने जवाब दिया कि ये बदलाव आज से नहीं है। यह बदलाव वह पहले ही कर चुके हैं। उन्होंने इसका कारण भी बताया। वह बोले कि लोकसभा में कार्यवाही 2 बजे से होती है। लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही संसद का हिस्सा हैं। दोनों के काम के समय में समानता होनी चाहिए। यही कारण है कि उन्होंने पहले ही इस बारे में नियम बना दिए थे।
डीएमके के सांसद अब्दुल्ला ने नाखुशी जाहिर की
सभापति की इस बात से डीएमके के मुस्लिम सांसद एम मोहम्मद अब्दुल्ला ने नाखुशी जाहिर की। वह बोले कि हर शुक्रवार को मुस्लिम सदस्य नमाज पढ़ने के लिए जाते हैं। लिहाजा, इस दिन सदन शुरू करने के लिए 2.30 बजे का समय तय है। सभापति ने अब्दुल्ला की बात सुनने के बाद उन्हें बैठने के लिए कहा। वह दोबारा बोले कि लोकसभा के साथ एकरूपता करने के लिए एक साल पहले ही सदन के समय में बदलाव कर दिया गया था। इसमें कुछ भी नया नहीं है।