दुर्गा पूजा में संवेदनशील पंडालों व सांप्रदायिक व्यक्तियों पर रहेगी पुलिस की कड़ नजर | रांची के 60 से 65 पंडाल संवेदनशील


सांप्रदायिक वारदातों में 10 सालों में सक्रिय रहे लोगों को चिन्हित किया गया
रांची। झारखंड में दुर्गा पूजा को लेकर हर तरफ तैयारी चल रही है। पंडालों को अंतिम रूप दिया जा रहा। इसको लेकर झारखंड की पुलिस सतर्कता बरत रही है। सभी जिले में पुलिस के द्वारा संवेदनशील स्थानों को चिन्हित करने से लेकर सांप्रदायिक वारदातों में पिछले दस सालों में सक्रिय रहे लोगों को भी चिन्हित किया गया है। राज्य भर में 713 पंडालों को संवेदनशील घोषित किया गया है। जबकि 6847 व्यक्तियों को सांप्रदायिक मानते हुए उन पर नजर रखने को कहा गया है। झारखंड में कुल 713 पंडाल संवेदनशील श्रेणी में रखे गए हैं। राजधानी में 400 के करीब छोटे बड़े पंडाल बने हैं, जिनमें 60 से 65 संवेदनशील श्रेणी में आते हैं। रांची जोन में कुल 642 पंडाल में 157 पंडाल, हजारीबाग जोन में 779 पंडाल में कुल 163, बोकारो जोन में 808 में 82, कोल्हान में 853 में 141 और दुमका जोन में 821 पंडालों में 170 संवेदनशील हैं।
सीसीटीवी से निगरानी
सभी संवेदनशील पंडाल को सीसीटीवी की निगरानी में रखने के साथ पुरुष और महिला दोनों ही बल तैनात किया जाएगा। राज्य के वैसे लोग जो पर्व त्योहारों के दौरान पिछले 10 सालों में किसी भी तरह के सांप्रदायिक वारदातों में शामिल रहे हैं वैसे प्रत्येक व्यक्ति की जानकारी पुलिस के द्वारा जुटाई गई है। पूरे राज्य भर में ऐसे लोगों की संख्या 6847 है। पुलिस मुख्यालय की तरफ से सभी पुलिस अधीक्षकों को या निर्देश दिया गया है कि वह ऐसे व्यक्तियों को थाने पर बुलाकर उनसे बांड भरवाएं।
सांप्रदायिक वारदातों में सबसे ज्यादा 3759 लोग हजारीबाग के
सांप्रदायिक वारदातों में सबसे ज्यादा 3759 लोग हजारीबाग के हैं। रांची जोन के पांच जिलों में 1907, बोकारो में 1876, कोल्हान प्रमंडल में 405, संताल परगना जोन में 449 और पलामू जोन में 358 लोग को सांप्रदायिक तत्व के रूप में चिन्हित किया गया है। सांप्रदायिक तनाव को लेकर झारखंड के हजारीबाग, जमशेदपुर, रांची, पलामू और लोहरदगा जैसे शहरों पर विशेष नजर रखने की हिदायत दी गई है।