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Monday, December 11, 2023
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मुस्लिम समाज के लोग सीएम से मिले- रांची हिंसा मामले में हस्ताक्षेप की मांग | पुलिस बेगुनाह लोगों को फंसा रही

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रिटायर्ड जज से जांच कराने की मांग

रांची। राजधानी में पिछले वर्ष 10 जून 2022 को हुई हिंसा मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। मुस्लिम समाज के लोगों में इस कांड को लेकर दिनोंदिन रोष बढ़ता ही जा रहा है। लोगों को कहना है कि पुलिस ने बेकसूर लोगों को जान से भी मारा आैर अब बेगुनाहों पर केस करके उन्हें परेशान किया जा रहा है। न्यायालय से वारंट के लिए गुहार लगाया जा रहा। इसी को लेकर मंगलवार को मुस्मिल समाज के प्रबुद्ध लोग अंजुमन इस्लामिया के अध्यक्ष मुख्तार अहमद के नेतृत्व में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम से प्रोजेक्ट भवन में मुलाकात किए। प्रतिनिधिमंडल ने सीएम को बताया कि इस कांड के बाद से मुस्लिम समाज में काफी रोष है। इस कांड में दो लोगों की जान गई। कई लोग जख्मी हुए। लेकिन अभी तक इनके परिवार को न्याय नहीं मिला। उल्टे पुलिस प्रशासन बेगुनाह लोगों को परेशानी कर रही है। इस कांड को अंजाम देने में पुलिस ने अपना सारा तंत्र लगा दिया। पुलिस के चलते ही यह कांड हुआ। लेकिन अबतक दोषियों पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई। सीएम हेमंत सोरेन व आलमगीर आलम को बताया गया कि उस वक्त दंगे में 22 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया। इसके अलावा 40 आैर लोगों का नाम शामिल कर लिया गया। 8-10 हजार लोगों को अज्ञात नामजद भी बनाया गया है। प्रतिनिधिमंडल ने इस मामले पर सीएम से हस्ताक्षेप करने की मांग की।

दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ अबतक कुछ नहीं किया गया

साथ ही इनलोगों के वारंट को लेकर पुलिस कोर्ट में गुहार भी लगाई। काम करने वाले, स्टूडेट्स व बुढ़े लोगों को पुलिस ने नामजद बनाया है। जबकि इस कांड में शामिल दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ अबतक कुछ नहीं किया गया। प्रतिनिधिमंडल ने यह मांग किया कि इस कांड का उच्च स्तरीय जांच किसी रिटायर्ड जज से कराना चाहिए। साथ ही सीआईडी से भी जांच कराना चाहिए।

सीएम ने न्याय उचित कार्रवाई का भरोसा दिया

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि रांची में 10 जून के कांड में उचित कार्रवाई की जाएगी। दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। इस मामले को लेकर सरकार चिंतित है। वहीं, संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि इसमें जो भी दोषी होंगे उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा। सरकार इस मामले पर नजर बनाई हुई है। जहां तक सवाल बेगुनाहों का है तो उसे न्याय जरुर मिलेगा। प्रतिनिधिमंडल में मुख्य रूप से झामुमो के जिला अध्यक्ष मुश्ताक आलम, कांग्रेस नेता शमशेर आलम, सोशल वर्कर एस अली, अंजुमन इस्लामिया के अध्यक्ष मुख्तार अहमद, सचिव तारिक हुसैन, राइन पंचायत के सदर हाजी फिरोज व इदारे शरिया के कुतुबुद्दीन रिजवी शामिल थे।

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