रांची। कांग्रेस के पूर्व सांसद राहुल गांधी ने ‘मोदी सरनेम’ मामले में माफी मांगने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर उन्होंने कहा कि, माफी मांगने का सवाल ही नहीं उठता। पहली नजर में ये मानहानि का मामला ही नहीं बनता। राहुल गांधी ने कहा, माफी मांगने का कोई कृत्य ही नहीं है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने सर्वोच्च न्यायालय हलफनामा दाखिल कर ये बातें कही। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने जवाब में ये भी कहा कि, माफी मांगने से मामले में चल रहे ट्रायल की दिशा बदल सकती है। राहुल ने कहा कहा कि, आरपी एक्ट के तहत आपराधिक प्रक्रिया और उसके परिणामों का उपयोग करना कोर्ट में चल रही प्रक्रिया का दुरुपयोग भी हो सकता है। राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में दिए हलफनामे में कहा कि उनके खिलाफ मामला एक अपवाद है। जिसके मद्देनजर दोषसिद्धि पर रोक लगाई जाए।
गुजरात हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की मांग
राहुल गांधी ने शीर्ष अदालत से गुजरात हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की मांग की है। कांग्रेस नेता ने 2019 मानहानि मामले में दोषसिद्धि पर रोक लगाने की अपनी याचिका पर पूर्णेश मोदी के जवाब पर एफिडेविट दाखिल किया है। राहुल गांधी ने मामले से जुड़े याचिकाकर्ता पूर्णेश मोदी द्वारा खुद को ‘अहंकारी’ कहने पर उनके जवाब की निंदा की। राहुल ने अपने एफिडेविट में कहा कि मेरे खिलाफ पूर्णेश मोदी ने ‘अहंकारी’ शब्द का प्रयोग सिर्फ इसलिए किया, क्योंकि उन्होंने इस मामले में माफी मांगने से इनकार करते हुए मामला अदालत पर छोड़ दिया।
4 अगस्त को होगी अगली सुनवाई
राहुल गांधी ने शीर्ष अदालत को दिए हलफनामे में कहा है कि, उनके माफी मांगने से इस मामले में चल रहे ट्रायल की दिशा बदल सकती है। साथ ही, आरपी एक्ट के तहत आपराधिक प्रक्रिया और उसके परिणामों का उपयोग करना अदालत में चल रही प्रक्रिया का दुरुपयोग भी हो सकता है। राहुल ने अपने जवाब में आगे कहा कि, बिना किसी गलती के माफी मांगने के लिए किसी भी जनप्रतिनिधि को मजबूर नहीं किया जा सकता है। यह जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत आपराधिक प्रक्रिया के साथ-साथ न्यायिक प्रक्रिया का घोर दुरुपयोग जैसा है। सुप्रीम कोर्ट को इसे स्वीकार नहीं करना चाहिए। शीर्ष अदालत अब 4 अगस्त को मामले की सुनवाई करेगा।