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![BJP has postponed the Women's Reservation Bill under the guise of census and delimitation: Ragini Nayak](https://newsboxbharat.com/wp-content/uploads/2023/09/121-1024x675.jpg)
महिला आरक्षण के विरोध में वाजपेयी, आडवानी, जेठमलानी व सिन्हा ने वोट किए थे
रांची। ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय प्रवक्ता रागिनी नायक ने महिला आरक्षण को लेकर केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाए। कांग्रेस भवन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि कांग्रेस ने हमेशा से महिलाओं के सशक्तिकरण की लड़ाई लड़ी है। देश की महिलाएं और बेटियां बड़ी उम्मीद से संसद के विशेष सत्र की ओर देख रही थीं, लेकिन जनगणना और परिसीमन की आड़ में इसे 2029 तक के लिए टाल कर भाजपा ने देश की महिलाओं के साथ फरेब किया है। रागिनी नायक ने कहा कि मोदी रीति सदा चली आयी, जो कह जाएं कभी न निभाई। रागिनी नायक ने कहा कि 1931 में कराची अधिवेशन में ही महिलाओं को समानता का अधिकार देने का प्रस्ताव नेहरू और महात्मा गांधी ने दिया था। महिला आरक्षण राजीव गांधी की इच्छा थी, लेकिन उस समय विरोध में 06 वोट पड़े थे। इसमें 04 वोट अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी, यशवंत सिन्हा और राम जेठमलानी के थे।
भाजपा अपनी पराजय को देखकर यह बिल लाई
रागिनी नायक ने कहा कि 2016 में सोनिया गांधी ने अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर मोदी सरकार को विधायिका में महिलाओं को आरक्षण देने का मुद्दा याद दिलाया था, इसके बाद 2017 में उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा। 2018 में राहुल गांधी ने भी महिला आरक्षण के लिए पीएम को पत्र लिखा था। नायक ने कहा कि पिछले 08-09 साल से पीएम मोदी ने महिला आरक्षण पर एक शब्द नहीं कहा। जब अगले 16 साल तक महिला आरक्षण लागू ही नहीं हो सकता है तो अभी आपा-थापी में क्यों इसे लाया गया, यह एक बड़ा सवाल है। रागिनी नायक ने कहा कि अपनी निश्चित पराजय को सामने देख मोदी सरकार ने महिलाओं के साथ धोखा किया है. उन्होंने पूछा कि महिला आरक्षण कानून में केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली, पुंडूचेरी और जम्मू कश्मीर में महिलाओं को आरक्षण कैसे मिलेगा, इस पर मोदी सरकार के महिला आरक्षण बिल में जिक्र ही नहीं है।
इंडिया अलायन्स का संकल्प जातीय जनगणना का है
रागिनी नायक ने कहा कि उनके नेता, राहुल गांधी दोहरी मार झेलने वाले महिलाओं के लिए कोटा के अंदर कोटा मांग रहे हैं और भाजपा नेताओं के मुंह में दही क्यों जमा हुआ है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि इंडिया अलायन्स का संकल्प जातीय जनगणना का है। उन्होंने उमा भारती और अनुप्रिया पटेल की मांग का हवाला देते हुए कहा कि हमारी नहीं तो कम से कम अपने नेताओं का ही सुन लीजिए। रागिनी नायक ने कहा कि भाजपा की महिला सांसद और मंत्री क्या सिर्फ भाजपा की प्रतिनिधि हैं? या वह महिलाओं की प्रतिनिधि हैं। ये महिलाओं के हक और अधिकार की आवाज क्यों नहीं उठातीं।
एनडीए सरकार जनता को मूर्ख बना रही
रागिनी नायक ने कहा कि एक तरफ कांग्रेस पार्टी है, जिसने देश को पहली महिला प्रधानमंत्री, पहली महिला राष्ट्रपति, पहली महिला गवर्नर और पहली महिला मुख्यमंत्री दिया और दूसरी तरफ भाजपा है, जो आधी आबादी को धोखा दे रही है। नायक ने तत्काल महिलाओं को लोकसभा और विधानसभा चुनाव में आरक्षण देने की मांग की। उन्होंने कहा कि जब 2026 में जनगणना शुरू होगी, उसमें 04 साल लगेंगे। फिर परिसीमन में 03-04 लगेंगे। फिर हाउस को डिजॉल्व होने तक के समय का इंतजार करना होगा। क्या यह नहीं लगता कि एनडीए सरकार जनता को मूर्ख बना रही है। मौके पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर, विधायक शिल्पा नेहा तिर्की, राकेश सिन्हा व अन्य शामिल थे।