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Saturday, July 27, 2024
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बिग ब्रेकिंग- 17वें दिन मिल गई कामयाबी : सुरंग में फंसे 41 मजदूर बाहर निकले | इनमें झारखंड के 15 मजदूर

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टनल से बाहर निकलते ही सभी मजदूरों को फूल-माला पहनाकर स्वागत किया गया

– चिन्यालीसौंण अस्पताल में जाया गया सभी मजदूरों को

– सुरंग के अंदर इमरजेंसी अस्पताल बनाया गया

– टनल के अंदर ही एंबुलेंस भेजी गई थी

– NDRF की टीम टनल से मजदूरों को बाहर निकाला

– किसी मजदूर की हालत खराब हुई, तो एयरलिफ्ट कर AIIMS ऋषिकेश भेजा जाएगा

– बाहर आए सभी मजदूर सुरक्षित

रांची। उत्तराखंड के उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकाल लिया गया है। 17वें दिन सभी मजदूर सही सलामत बाहर निकाल लिए गए। टनल से बाहर निकलते ही सभी मजदूरों का ट्रीटमेंट हुआ, फिर सभी मजदूरों को एंबुलेंस से अस्पताल भेज दिया गया। सभी मजदूरों को चिन्यालीसौंण अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका प्राथमिकी उपचार होगा। जहां 41 बेड का स्पेशल हॉस्पिटल बनाया गया है। अगर किसी मजदूर की हालत खराब हुई, तो उन्हें फौरन एयरलिफ्ट कर AIIMS ऋषिकेश भेजा जाएगा। मजदूरों के साथ उनके परिजनों भी एंबुलेंस में साथ गए। सभी मजदूरो‍ं के बाहर निकलते ही फूल-माला पहनाकर स्वागत किया गया। बता दें कि सबसे ज्यादा मजदूर 15 झारखंड से थे, सभी सुरक्षित बाहर आ गए। टनल में 8 राज्यों के 41 मजदूर फंसे हुए थे। बता दें कि उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग का हिस्सा ढहने से 12 नवंबर को मलबे में 41 मजदूर फंस गए थे।

सुरंग के अंदर ही अस्थायी चिकित्सा सुविधा

बचाव अभियान को देखते हुए सुरंग के अंदर अस्थायी चिकित्सा सुविधा का विस्तार किया गया है। फंसे हुए मजदूरों को निकालने के बाद यहां स्वास्थ्य प्ररीक्षण किया जाएगा। किसी भी तरह की दिक्कत होने पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से 8 बेड की व्यवस्था की गई है और डॉक्टरों व विशेषज्ञों की टीम तैनात की गई है।

झारखंड के ये मजदूर सुरंग से बाहर निकले

विश्वजीत कुमार, श्राजेद बेदिया, गुनोधर, ,समीर, चमरा उरांव, सुबोध कुमार, सुकराम, रंजीत, महादेव, विजय होरो, अनिल बेदिया, टिंकू सरदार, रविंद्र, भुक्तू मूर्मू व गणपति।

आपका साहस हर किसी को प्रेरित कर रहा: पीएम

पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने X अकाउंट पर लिखा- उत्तरकाशी में हमारे श्रमिक भाइयों के रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता हर किसी को भावुक कर देने वाली है। टनल में जो साथी फंसे हुए थे, उनसे मैं कहना चाहता हूं कि आपका साहस और धैर्य हर किसी को प्रेरित कर रहा है। मैं आप सभी की कुशलता और उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं। यह अत्यंत संतोष की बात है कि लंबे इंतजार के बाद अब हमारे ये साथी अपने प्रियजनों से मिलेंगे। इन सभी के परिजनों ने भी इस चुनौतीपूर्ण समय में जिस संयम और साहस का परिचय दिया है, उसकी जितनी भी सराहना की जाए वो कम है। मैं इस बचाव अभियान से जुड़े सभी लोगों के जज्बे को भी सलाम करता हूं। उनकी बहादुरी और संकल्प-शक्ति ने हमारे श्रमिक भाइयों को नया जीवन दिया है। इस मिशन में शामिल हर किसी ने मानवता और टीम वर्क की एक अद्भुत मिसाल कायम की है।

आप सभी की वीरता और साहस को सलाम: हेमंत सोरेन

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने X अकाउंट पर लिखा- हमारे 41 वीर श्रमिक उत्तराखण्ड में निर्माणाधीन सुरंग की अनिश्चितता, अंधकार और कपकाती ठंड को मात देकर आज 17 दिनों के बाद जंग जीतकर बाहर आये हैं। आप सभी की वीरता और साहस को सलाम। जिस दिन यह हादसा हुआ उस दिन दीपावली थी, मगर आपके परिवार के लिए आज दीपावली हुई है। आपके परिवार और समस्त देशवासियों के तटस्थ विश्वास और प्रार्थना को भी मैं नमन करता हूं। इस ऐतिहासिक और साहसिक मुहिम को अंजाम देने में लगी सभी टीमों को हार्दिक धन्यवाद। देश के निर्माण में किसी भी श्रमिक की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। प्रकृति और समय का पहिया बार-बार बता रहा है कि हमारी नियत और नीति में श्रमिक सुरक्षा और कल्याण महत्वपूर्ण भूमिका में रहे।

12 नवंबर को हुआ था हादसा

ब्रह्मखाल-यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन 4.5 किलोमीटर लंबी सिलक्यारा टनल का एक हिस्सा 12 नवंबर को धंस गया था। चारधाम प्रोजेक्ट के तहत यह टनल ​​​​ब्रह्मखाल और यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर सिल्क्यारा और डंडलगांव के बीच बनाई जा रही है। हादसा 12 नवंबर की सुबह 4 बजे हुआ था। टनल के एंट्री पॉइंट से 200 मीटर अंदर 60 मीटर तक मिट्टी धंसी। इसमें 41 मजदूर अंदर फंस गए थे।

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