

रांची। झारखंड में शनिवार से बालू खनन पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने रोक लगा दी है। 10 मई से 15 अक्टूबर तक किसी भी नदी से बालू का खनन नहीं होगा। हालांकि बालू माफियाओं ने बालू की कीमत बढ़ा दी है। रांची में प्रति हाईवा करीब 800 सीएफटी बालू की कीमत 36 हो गई है, एक सप्ताह पहले यह 25 हजार रुपए में मिल रहा था। अब लोगों को घर बनाना आैर भी मंहगा हो जाएगा। मॉनसून के आगमन के पूर्व झारखंड में इस तरह का निर्णय लिया गया है। एनजीटी ने अपने आदेश में कहा है कि वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने बालू उत्खनन गाइडलाइन 2016 में खनन के लिए कुछ प्रावधान तय कर रखा है। इसके मुताबिक बरसात के मौसम में नदी क्षेत्र से बालू नहीं निकाला जा सकता है। ऐस में लोगों को मुंह मांगी कीमत पर बालू खरीदना होगा। पिछले साल भी किल्लत होने पर बिहार-बंगाल से बालू मंगाना पड़ा था। तब 18 हजार रुपए वाला बालू 48 हजार में बिका था।
बालू की नहीं होने दी जाएगी किल्लत
वहीं, जेएसएमडीसी ने कहा कि मानसून में खनन बंद रहने के बावजूद बालू की कमी नहीं होने दी जाएगी। कारपोरेशन के पास करीब 50 लाख सीएफटी बालू का स्टॉक है। इसके अलावा विभिन्न घाटों पर स्टॉकिस्ट के पास भी 50 लाख सीएफटी स्टॉक है। कॉन्ट्रैक्टर, बिल्डर व आम लोगों को सहज और सस्ते दर पर ऑनलाइन बुकिंग के माध्यम से बालू उपलब्ध कराया जाएगा। ऑनलाइन बुकिंग में 7.87 सीएफटी की दर से बालू मिलेगा।