वक्फ बिल का विरोध करने वालों को अमित शाह ने कहा- संसद का कानून सभी को मानना होगा


रांची। लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल 2025 पेश किए जाने के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार केवल अपनी संपत्तियों का दान कर सकती है, न कि सरकारी जमीनों का। शाह ने कहा, “गैर-मुस्लिमों को धार्मिक गतिविधियों से रोकने का प्रयास नहीं किया जा रहा। यह विपक्ष द्वारा वोटबैंक बचाने के लिए फैलाया गया भ्रम है।”
2013 के संशोधन पर प्रहार
शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि 2013 के संशोधन के कारण दिल्ली की लूटियंस जोन की 125 सरकारी संपत्तियां वक्फ को दी गईं, जिससे वर्तमान समस्याएं उत्पन्न हुईं। उन्होंने लालू प्रसाद यादव का हवाला देते हुए बताया कि 2001-2012 के बीच एक लाख करोड़ रुपये की संपत्तियों का अवैध कब्जा हुआ, जिसे रोकने के लिए यह बिल आवश्यक है।
बिल के प्रमुख प्रावधान
- वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन (मुतव्वली) में केवल मुस्लिम सदस्य ही शामिल होंगे।
- संपत्ति की वैधता की जांच कलेक्टर द्वारा की जाएगी, जिससे पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।
- ऑडिट व्यवस्था लागू कर अवैध कब्जों और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा।
राज्यों में दुरुपयोग के उदाहरण
शाह ने हिमाचल प्रदेश में वक्फ जमीन पर अवैध मस्जिद निर्माण और तमिलनाडु-कर्नाटक के मामलों का जिक्र कर विपक्ष की आलोचना की। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह बिल पुरातत्व विभाग (ASI) तथा आम नागरिकों की निजी संपत्तियों को सुरक्षा देगा।
कानून सभी के लिए बाध्यकारी
विपक्ष के “अल्पसंख्यक इस कानून को नहीं मानेंगे” के दावे को खारिज करते हुए शाह ने कहा, “संसद का बनाया कानून सभी के लिए बाध्यकारी है। इसे स्वीकार करना ही पड़ेगा।” उन्होंने स्पष्ट किया कि अब मात्र घोषणा से कोई जमीन वक्फ नहीं बनेगी, बल्कि कानूनी प्रक्रिया का पालन अनिवार्य होगा।