मंत्रियों को मिला टास्क ! आप्त सचिव तथा निजी Staff रखते समय उसकी पृष्ठभूमि जरूर देख लें
रांची. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में शुक्रवार को मंत्रिपरिषद की बैठक सम्पन्न हुई। झारखंड मंत्रालय में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य सरकार के सभी मंत्रीगणों को अपने-अपने विभागीय कार्यों के सम्पादन हेतु निम्नलिखित महत्वपूर्ण बिंदुओं पर परामर्श दिया गया। सभी माननीय मंत्रीगण सरकार के इस कार्यकाल में वर्णित इन तथ्यों का विशेष ध्यान रखेंगे
1. मंत्रिपरिषद् में भेजे जाने वाले प्रस्ताव पर स्वयं संतुष्ट हो लें। वित्त विभाग/विधि विभाग/कार्मिक विभाग से भी सम्पर्क करें ताकि, ससमय मंत्रिपरिषद् की बैठक में प्रस्ताव आ सके।
2. सभी मंत्रीगण अपने-अपने विभाग के सभी जिला के क्षेत्रीय कार्यालय में जा कर विभागीय कार्यकलाप की समीक्षा करें तथा विभागीय योजना के लाभुकों से मुलाकर कर feedback लें।
3. विभागीय कार्यकलाप का समीक्षा करें। सभी योजनाओं को समझ कर उसके गुण-दोष का अध्ययन करें।
4. वैसी योजनाएं जो बहुत दिनों से लम्बित हैं, उसके लम्बित रहने के कारण की समीक्षा करें और उसको पूरा कराने के लिए कार्रवाई करें।
5. कई योजनाएं ऐसी हैं, जिसमें आज की पृष्ठभूमि में बदलाव अपेक्षित है या फिर कुछ प्रावधान के कारण क्रियान्वयन में कठिनाई होती है उसके निराकरण का प्रस्ताव प्राप्त कर कार्रवाई करें।
6. राज्य में आपके विभाग के योजना से अगर कोई क्षेत्र छूटा हुआ है, खासकर दूर-दराज के क्षेत्र, SC/ST क्षेत्र, पहाड़ी क्षेत्र उसके लिए योजना के प्रस्ताव पर विचार करें।
7. वैसे विभाग जिनमें राजस्व प्राप्ति की बेहतर संभावनाएँ हैं, वे राजस्व स्रोत की समीक्षा कर राजस्व प्राप्ति की बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव तैयार करें।
8. भवन जैसे Infrastructure वाली योजना की विशेष समीक्षा करें ताकि, बना हुआ भवन का वास्तविक इस्तेमाल हो सके। अनावश्यक भवन आदि की योजना न लिया जाय।
9. वर्ष 2025-26 में ली जाने वाली योजनाओं की रूप-रेखा तैयार करें।
10. अधिनस्थ अधिकारी, कर्मचारी के प्रोन्नति की स्थिति की समीक्षा करें और प्रोन्नति प्रदान करें।
11. पदस्थापना की समीक्षा करें और आवश्यकता या कम जरूरी के आधार पर adjustment करें।
12. आप्त सचिव तथा निजी Staff रखते समय उसकी पृष्ठभूमि जरूर देख लें ताकि विवादित कर्मी मंत्री कार्यालय में स्थान नहीं पायें।
13. कोर्ट केस मामले की भी समीक्षा करें ताकि सरकार केस कम से कम हारे।
14. अपने विधान-सभा क्षेत्र से बाहर भी हर जिला में भ्रमण करें और लोगों से मिलकर वहां की समस्या (खासकर अपने विभाग से संबंधित) के निपटारा के लिए प्रयास करें।
15. क्षेत्रीय पदाधिकारियों के बारे में क्षेत्र भ्रमण के क्रम में feedback प्राप्त करें और मुख्यमंत्री को समय-समय पर अवगत कराएँ।
16. स्थानीय जन प्रतिनिधियों से मिलने के लिए तिथि का निर्धारण कर दें, ताकि सभी को सहुलियत हो।
17. सभी मंत्रीगण समय-समय पर अपने विभाग की उपलब्धियों के विषय में प्रेस के प्रतिनिधियों को Press Conference कर जानकारी उपलब्ध कराते रहेंगे।