रांची! आज झारखंड विधानसभा शीतकालीन सत्र का अंतिम कार्य दिवस है. इस दिन गैर-सरकारी संकल्प के साथ साथ सरकार सदन में अपना वक्तव्य देगी. हो-हंगामे के बीच गुजरा शीत सत्र के अंतिम दिन भी हंगामे के आसार हैं. पिछले कार्य दिवसों में भी विपक्ष ने अपने तेवर तल्ख करते हुए, सदन के अंदर और बाहर सरकार को घेरने का प्रयास किया. 20 दिसंबर को 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति विधेयक को सदन में पारित कराया गया था. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बिना संशोधन के बिल पारित करने का प्रस्ताव रखा. जिसके बाद 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति विधेयक बिना संशोधन के सदन से पारित कराया गया. इसी पाली में प्रज्ञान इंटरनेशनल विश्वविद्यालय (निरसन) विधेयक 2023 सदन में पेश किया गया, इसे भी सदन में पारित करा लिया गया. पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023 को भी सदन से पारित कराया गया. इसके बाद स्थानीय नीति विधेयक को लेकर सदन में चर्चा की गयी. जिसमें सदस्यों ने अपनी वक्तव्य पेश किया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि संविधान में नियम बनाने का शक्ति विधानमंडल को है.
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