रांची। ईरान-इजरायल (Iran-Israel) के बीच तनाव अब युद्ध में बदल गया है। भारतीय समयनुसार शनिवार रात के करीब 2 बजकर 20 मिनट में ईरानी प्रेस टीवी ने कहा कि ईरान के विशिष्ट रिवोल्यूशनरी गार्ड ने इजराइल में के खिलाफ व्यापक ड्रोन हमले शुरू किए हैं। इस खबर पर अंग्रेजी भाषा के मीडिया आउटलेट ने ईरानी स्रोतों का हवाला दिया। अल जजीरा के अनुसार इजराइली हवाई क्षेत्र आगमन और प्रस्थान के लिए बंद कर दिया। इराक के परिवहन मंत्रालय ने घोषणा की, देश का हवाई क्षेत्र अब बंद है। इरबिल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के प्रबंधन ने भी एक समाचार बयान में पुष्टि की कि इराकी हवाई क्षेत्र को बंद करने के निर्णय में इराक का कुर्द क्षेत्र भी शामिल है। इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने एक बयान जारी कर कहा, हमने सीरिया में ईरानी वाणिज्य दूतावास को निशाना बनाने के ज़ायोनी इकाई (Zionist entity’s) के अपराध के जवाब में ड्रोन और मिसाइलों का उपयोग करके एक ऑपरेशन शुरू किया है। लक्ष्यों पर हमला करने के लिए दर्जनों मिसाइलों और ड्रोन के साथ ऑपरेशन चलाया गया।
इजरायली प्रधानमंत्री ने युद्ध कैबिनेट बुलाई
ईरान के द्वारा इजराइल पर हमले के बीच बीच इजरायली प्रधानमंत्री के कार्यालय ने युद्ध कैबिनेट तेल अवीव में सैन्य मुख्यालय में बुलाई। इजरायली सैन्य प्रवक्ता डेनियल हगारी ने एक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा, हम ईरान द्वारा भेजे गए इजरायल के रास्ते में आने वाले ईरानी हत्यारे ड्रोनों पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। एनएससी के प्रवक्ता एड्रिएन वॉटसन ने कहा कि राष्ट्रपति बिडेन को उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम द्वारा स्थिति पर नियमित रूप से अपडेट किया जा रहा है और वह आज दोपहर व्हाइट हाउस में उनके साथ मुलाकात करेंगे। यह हमला कई घंटों में सामने आने की संभावना है। राष्ट्रपति बिडेन ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है की इजराइल की सुरक्षा के लिए हमारा समर्थन दृढ़ है। संयुक्त राज्य अमेरिका इजराइल के लोगों के साथ खड़ा रहेगा और ईरान से इन खतरों के खिलाफ उनकी रक्षा का समर्थन करेगा।
खामेनेई ने कहा- सजा तो जरूर मिलेगा
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने एक वीडियो के साथ एक्स पर एक पोस्ट में बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि इजरायली “शासन” सभी “द्वेष, बुराई और त्रुटि” पर है। इजराइल को उसके किए पर सजा जरूर मिलेगा। भारतीय समयनुसार शनिवार रात 3.30 बजे इजराइल की एक चैनल-12 की रिपोर्ट है कि क्रूज मिसाइलें अब लॉन्च की गई हैं और ड्रोन की तुलना में उनकी उड़ान का समय कम है। चैनल का यह भी कहना है कि इजरायल की ओर ईरानी ड्रोन की तीसरी लहर लॉन्च की गई है। वहीं, सीएनएन के अनुसार लेबनानी समूह हिजबुल्लाह ने एक बयान में दावा किया है कि उसके योद्धाओं ने गोलान हाइट्स के कैला बैरक क्षेत्र में इजराइल रक्षा बलों (IDF) वायु रक्षा मुख्यालय को निशाना बनाते हुए दर्जनों कत्युशा रॉकेट लॉन्च किए। हिजबुल्लाह ने गाजा में फिलिस्तीनी लोगों के लिए अपना समर्थन और नागरिक क्षेत्रों पर इजरायली हमलों के खिलाफ उनके प्रतिरोध की घोषणा की है।
तेहरान किसी भी देश को दृढ़ता से जवाब देगा
वहीं, ईरान की अधिकारिक मेहर समाचार एजेंसी की रिपोर्ट है कि देश के रक्षा मंत्री मोहम्मद रजा अष्टियानी (Mohammad Reza Ashtiani) ने चेतावनी जारी की है कि तेहरान किसी भी देश को दृढ़ता से जवाब देगा जो “इजराइल द्वारा ईरान पर हमलों के लिए अपना हवाई क्षेत्र या क्षेत्र खोलता है। रात 3.40 में मिस्र के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी किया है, जिसमें ईरान द्वारा इजराइल के खिलाफ ड्रोन और मिसाइल हमले शुरू करने के बाद क्षेत्र और उसके लोगों को अस्थिरता और तनाव के अन्य कारकों से बचाने के लिए अत्यधिक संयम बरतने का आह्वान किया गया है। वहीं, ईरान की सरकारी आईआरएनए समाचार एजेंसी ने एक जानकार सूत्र के हवाले से खबर दी है कि इजराइल में बैलिस्टिक मिसाइलों का एक बैच लॉन्च किया गया था।
ईरानी की चेतावनी, अमेरिका को दूर रहना चाहिए
संयुक्त राष्ट्र में ईरान के मिशन का एक्स पर कहना है कि इजराइल पर उसका ड्रोन और मिसाइल हमला “वैध रक्षा से संबंधित संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 51 के बल पर” और सीरिया के दमिश्क में उसके दूतावास पर इजराइल के 1 अप्रैल के हमले के जवाब में किया गया था। ईरान का कहना है, ”हमले के साथ ही मामले को ख़त्म माना जा सकता है.” “हालांकि, अगर इजरायली शासन ने एक और गलती की, तो ईरान की प्रतिक्रिया काफी गंभीर होगी। यह ईरान और दुष्ट इजरायली शासन के बीच एक संघर्ष है, जिससे अमेरिका को दूर रहना चाहिए। X पर यह पोस्ट किया गया (Permanent Mission of I.R.Iran to UN, NY): Conducted on the strength of Article 51 of the UN Charter pertaining to legitimate defense, Iran’s military action was in response to the Zionist regime’s aggression against our diplomatic premises in Damascus. The matter can be deemed concluded. However, should the Israeli regime make another mistake, Iran’s response will be considerably more severe. It is a conflict between Iran and the rogue Israeli regime, from which the U.S. MUST STAY AWAY!
बता दें कि 1 अप्रैल 2024 को इजराइल ने सीरिया में ईरानी एम्बेसी के पास एयरस्ट्राइक की थी। इसमें ईरान के दो टॉप आर्मी कमांडर्स समेत 13 लोग मारे गए थे। इसके बाद ईरान ने बदला लेने के लिए इजराइल पर अटैक करने की धमकी दी थी। जो शनिवार यानी 14 अप्रैल को शुरू हुए।
ईरानी सेना ने कार्गो शिप पर कब्जा किया
शनिवार को ही ओमान की खाड़ी से होर्मुज पास होते हुए भारत आ रहे एक कार्गो शिप पर ईरान की सेना ने कब्जा कर लिया है। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक जहाज पर 17 भारतीय नागरिक भी मौजूद है। कार्गो शिप लंदन बेस्ड एक कंपनी का है, जिसका मालिकाना हक एक इजराइली अरबपति के पास है। घटना के बाद इजराइली सेना के प्रवक्ता डेनियार हगारी ने कहा- हम किसी भी तरह के हमलों पर चुप नहीं बैठेंगे। इसका जवाब दिया जाएगा। इधर, भारत समेत 6 देशों- अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस और जर्मनी ने अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है। इसमें नागरिकों को ईरान और इजराइल न जाने की सलाह दी गई है।