नेशनल शूटर तारा शाहदेव मामला: सीबीआई ने रंजीत | पूर्व रजिस्ट्रार मुश्ताक अहमद व कौशल रानी को दोषी करार दिया
सजा के बिंदु पर 5 अक्टूबर को होगी सुनवाई
रांची। झारखंड की नेशनल शूटर तारा शाहदेव से जुड़े केस में सीबीआई कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत ने अपना फैसला सुना दिया। कोर्ट ने इस केस में ट्रायल फेस कर रहे तीनों आरोपियों रंजीत कोहली उर्फ रकीबुल हसन, हाईकोर्ट के बर्खास्त पूर्व रजिस्ट्रार (विजिलेंस) मुश्ताक अहमद और कोहली की मां कौशल रानी को दोषी करार दिया है। अब सजा के बिंदु पर 5 अक्टूबर को सुनवाई होगी। सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने 23 सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। सीबीआई की ओर से केस साबित करने के लिए कुल 26 गवाह पेश किये गए। उन गवाहों और सीबीआई द्वारा पेश किये गये सबूतों के आधार पर कोर्ट ने रकीबुल हसन उर्फ रंजीत कोहली, मुश्ताक अहमद और कौशल रानी को दोषी करार दिया। वहीं, बचाव पक्ष द्वारा पेश किये गए 4 गवाह कोर्ट में तीनों की बेगुनाही साबित नहीं कर पाए।
26 गवाह पेश किए गए
झारखंड की नेशनल राइफल शूटर तारा शाहदेव के धर्म परिवर्तन, यौन उत्पीड़न और दहेज प्रताड़ना से संबंधित मामले में रांची स्थित सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में आज यानि 30 सितंबर को फैसला सुनाया। सीबीआई ने इस मामले की जांच वर्ष 2015 में शुरू की थी। आठ साल पुराने मामले में आरोपी रंजीत कोहली, उनकी मां कौशल्या रानी और हाई कोर्ट के बर्खास्त रजिस्ट्रार मुश्ताक अहमद की किस्मत का फैसला शनिवार को हो गया। इससे पहले 23 सितंबर 2023 को दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद सीबीआई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा लिया था। 8 साल तक चली सुनवाई के दौरान आरोपों को सिद्ध करने के लिए सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ 26 गवाह और साक्ष्य पेश किए। वहीं, आरोपियों ने अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए 4 गवाह पेश किए थे।
सीबीआई ने इस मामले की जांच वर्ष 2015 में शुरू की थी
सीबीआई ने इस मामले की जांच वर्ष 2015 में शुरू की थी। झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने 2015 में टेकओवर किया था। जांच पूरी होने के बाद सीबीआई ने 2017 में रंजीत उर्फ रकीबुल, उसकी मां कौशल रानी और झारखंड उच्च न्यायालय के तत्कालीन रजिस्ट्रार (सतर्कता) मुश्ताक अहमद के खिलाफ चार्जशीट फाइल की गई थी। आरोपियों के खिलाफ 2 जुलाई 2018 को आरोप गठित किया गया था। इसके बाद से तीनों लगातार ट्रायल फेस कर रहे थे।