
कल्याणकारी योजनाओं का लाभ अल्पसंख्यकों तक पहुंचाना ही आयोग का लक्ष्य: शमशेर आलम

रांची। राज्य सरकार व केंद्र सरकार की ओर से चलाये जा रहे कल्याणकारी योजनाओं का लाभ अल्पसंख्यकों तक पहुंचाना ही आयोग का लक्ष्य है। किसी भी स्तर पर अल्पसख्यकों के साथ भेदभाव या उनके अधिकारों का हनन ना हो, यह सुनिश्चित करना आयोग की प्रथम प्राथमिकता है। यह बातें झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष शमशेर आलम ने प्रेस कांफ्रेंस में अपने कार्यालय में कही। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों के समुचित विकास के लिए केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा कई तरह की कल्याणकारी योजना चलाई जा रही है। जिसका उद्देश्य अल्पसंख्यकों को शैक्षणिक, आर्थिक तौर पर मजबूती प्रदान करना है। लेकिन जानकारी के अभाव में इन योजनाओं का लाभ अल्पसंख्यक वर्ग के लोग नहीं उठा पाते हैं । आयोग इन योजनाओं की जानकारी ऐसे तबकों तक पहुंचाने में हर तरह की प्रक्रिया अपनाएगा। साथ ही आयोग अल्पसंख्यकों के सभी सामाजिक संगठनों से भी अपील करती है कि वे आयोग से योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर समाज में सरकार की लाभकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता चलायें।
मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना का लाभ उठाए
राज्य सरकार अल्पसंख्यक बेरोजगार युवकों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत 106 करोड़ की राशि अल्पसंख्यक वित्त निगम के माध्यम से 40 प्रतिशत अनुदान के साथ ऋण मुहैया करा रही है, जिसमें 50 हजार से लेकर 25 लाख तक ऋण देने का प्रावधान है। अल्पसंख्यक छात्रों के लिए विभिन्न प्रकार की छात्रवृति योजना चलाई जा रही है, जिनमें अल्पसंख्यकों के लिए मैट्रिक- पूर्व छात्रवृत्ति योजना, मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति योजना, व्यवसायिक मेरिट-सह-साधन आधारित छात्रवृत्ति योजना, अल्पसंख्यक छात्रों के लिए मौलाना आजाद राष्ट्रीय अध्यतावृत्ति योजना आदि शामिल हैं। जिसका लाभ अल्पसंख्यक छात्रों को उठाना चाहिए। अगर किसी तरह की जानकारी या बाधा उत्पन्न हो तो वे आयोग से सीधा संपर्क स्थापित कर सकते हैं। ज्य में बुनकरों की दयनीय स्थिति को देखते हुए सरकार ने अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से विरासत योजना चलाने का फैसला लिया है। जिसके तहत बुनकरों को शेड, मशीनरी, प्रशिक्षण, अनुदान सहित ऋण उपलब्ध कराया जाएगा।
महिलाओं के लिए महिला समृद्धि योजना
राज्य सरकार अल्पसंख्यक महिलाओं के लिए महिला समृद्धि योजना चलाने जा रही है, जिसमें महिलाओं को विभिन्न प्रकार का प्रशिक्षण देना हैं, प्रशिक्षण अवधि में मानदेय का भी प्रावधान है। प्रशिक्षित महिलाओं के लिए अनुदान सहित ऋण मुहैया कराना है, जिसे महिला आत्मनिर्भर बन सके। अल्पसंख्यकों के लिए चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं का लाभ जरूरतमंद व्यक्तियों तक पहुंच रही अथवा नहीं इसको लेकर आयोग जनवरी से जिलावार समीक्षा बैठक करेगी। साथ ही जनसुनवाई एवं स्थल निरीक्षण भी करेगी।