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Saturday, July 27, 2024
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झारखंड की खिलाड़ी बेटियों का दम देखो: पहले सिपाही अब आईपीएस बनीं | नाम है सरोजनी लकड़ा व एमेल्डा एक्का

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आईपीएस डॉ. सरोजनी लकड़ा
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आसिफ नईम। रांची

वर्ष 1986 में झारखंड की दो बेटियों को पुलिस विभाग में सिपाही के पद पर नौकरी मिलता है। ये दोनों खिलाड़ियों को स्पोर्ट्स कोटा के आधार पर नौकरी दिया जाता है। 24 जुलाई 2023 को झारखंड के लातेहार जिला की रहने वाली डॉ. सरोजनी लकड़ा व एमेल्डा एक्का को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आईपीएस का बैच लगाकर सम्मानित करते हैं। जब सीएम इन दोनों नव प्रोन्नत आईपीएस अधिकारियों को बैच लगा रहे थे तो वहां मौजूद कई आईएएस व आईपीएस व अन्य पदाधिकारी तालियां बजाने पर मजबूर हो गए। सरोजनी लकड़ा व एमेल्डा एक्का के आंखों में खुशी के आंसू झलक रहे थे। मीडिया के लोग दनादन फोटो खिंच रहे थे। कई अधिकारी इन दोनों बेटियों को शुभकामनाएं दे रहे थे। सीएम, मुख्य सचिव व डीजीपी अपने संबोधन में इन दोनों खिलाड़ियों की उपलब्धियों का बखान कर रहे थे। 24 आईपीएस अधिकारियों को बैच सीएम लगाए, लेकिन चर्चा का केंद्र ये दो बेटियां ही रही। सबसे पहले इन 24 आईपीएस अधिकारियों में से बैच सरोजनी लकड़ा व दूसरा एमेल्डा एक्का को लगाया गया। बता दें कि सोमवार को झारखंड मंत्रालय में सीएम ने झारखंड को मिले 24 आईपीएस अधिकारियों को बैच लगाकर सम्मानित किया।

मिला था आउट ऑफ टर्म प्रमोशन
सरोजनी व एमेल्डा खेल में प्रतिभा के बल पर दिसंबर 1986 में बिहार पुलिस में सिपाही के पद पर बहाल हुई थीं। इसके बाद दोनों ने खेल में बेहतर प्रदर्शन किया। इसको देखते हुए दोनों को आउट ऑफ टर्म प्रमोशन देकर 1991 में सीधे इंस्पेक्टर बना दिया गया। वर्ष 2008 में इन्हें इंस्पेक्टर से डीएसपी में प्रोन्नति दी गई। फिर 2019 में प्रोन्नत होकर दोनों एएसपी बनीं। अब प्रमोट कर आईपीएस बन गईं।

खेल के साथ पढ़ाई भी

सरोजनी अपने समय की ऑलराउंडर एथलीट थीं। दौड़, हाइ जंप, लांग जंप व हेप्टाथलॉन में दर्जनों पदक जीत राज्य व देश का नाम रौशन किया। वर्तमान में सरोजनी वायरलेस डिपार्टमेंट में प्रभारी एसपी व खेल विभाग में बतौर निदेशक अपनी सेवा दे रही हैं। वहीं, एमेल्डा एक्का 400 मीटर दौड़ में कई पदक जीत चुकी हैं। फिलहाल वह एंटी करप्शन ब्यूरो में अपनी सेवा दे रही हैं। स्पोर्ट्स ग्राउंड से पुलिस सर्विस में आने के बाद खुद को निखारने और उच्च शिक्षा हासिल करने वाली इन दोनों एथलीट ने डिपार्टमेंट, राज्य और देश को गर्व के कई मौके दिए। सरोजनी लकड़ा राज्य के लातेहार जिला अंतर्गत गारू प्रखंड के रामसेली गांव से आती हैं।

पुलिस विभाग के लिए कई मेडल जीते

सरोजनी का बचपन से खेल के मैदान से नाता रहा, महुआडांड स्थित संत टेरेसा स्कूल के एथलेटिक्स सेंटर की छात्रा रहीं सरोजनी का ट्रैक एंड फील्ड का सफर 1984 में शुरू हुआ था। ऑलराउंडर एथलीट के तौर पर उन्होंने 100 मीटर हर्डल, 100 एवं 400 मीटर रिले, हाई जंप, लांग जंप, हेप्थाटलन में राज्य और देश के स्तर पर दर्जनों पदक जीते। उन्होंने वर्ष 1994 तक इंडिया पुलिस गेम्स में भाग लिया। कई मेडल पुलिस विभाग को दिए। इसी बीच तत्कालीन बिहार सरकार ने उन्हें वर्ष 1986 में कांस्टेबल के तौर पर नौकरी दी थी। इस बीच स्पोर्ट्स, नौकरी के साथ-साथ उनका शिक्षा का सफर जारी रहा। उन्होंने वर्ष 2018 में जर्मनी से ओलिंपिक स्टडी में एमए की पढ़ाई पूरी की।

कभी एमेल्डा के पास जूते तक नहीं थे

इसी तरह महुआडांड़ थाना क्षेत्र के चैनपुर की एमेल्डा एक्का ने भी नेशनल गेम में एकीकृत बिहार का प्रतिनिधित्व किया और 100, 200 व 400 मीटर तथा रिले रेस में राज्य स्तर पर कई रिकॉर्ड भी बनाए थे। एथलीट के तौर पर एमेल्डा ने जब सफर शुरू किया था, जब उनके पांवों में जूते तक नहीं होते थे।

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