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- मंदिर में एक समय में 20 हजार लोगों की बैठने की क्षमता होगी
- बिहार के पूर्वि चंपारण जिले में बन रहा है मंदिर
- दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग भी स्थापित किया जाएगा
- मंदिर का निर्माण पटना से 120 किमी दूर है
- पूर्व IPS अधिकारी की मेहनत रंग लाई
रांची। बिहार के पूर्वि चंपारण जिले में बन रहा दुनिया का सबसे बड़े रामायण मंदिर का निर्माण 2025 में हो जाएगा। पूर्व भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी व पटना स्थित महाविर मंदिर ट्रस्ट के सचिव आर्चाय किशोर कुणाल ने बताया कि कुछ माह पहले शुरू हुए निर्माण का कार्य 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा। आर्चाय किशोर कुणाल व राजस्थान हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एसएन झा के साथ मिलकर इसका शिलान्यास किया था। तीन मंजिले मंदिर का निर्माण करीब 500 करोड़ के गालत से किया जा रहा है। यह मंदिर कंबोडिया के 12वीं सदी के अंगकोरवाट मंदिर से भी ऊंचा होगा। इसमें कुल 22 मंदिर रामायण मंदिर के परिसर में बनाया जा रहा है। जिसमें सभी में भगवान विराजमान होंगे।
मंदिर में 12 गुंबद होंगे, सबसे ऊंचा गुंबद 270 फीट ऊंचा होगा
साथ ही इसमें दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग भी स्थापित किया जाएगा। वाल्मिकी रामायण में वर्णित सभी देवी-देवताओं का मंदिर बनाया जा रहा है। इसमें पुरोषोत्तम राम का भी मंदिर स्थापित है। मंदिर का निर्माण पटना से 120 किमी दूर है। मंदिर का निर्माण पू्र्वी चंपारण जिले में 3.76 लाख वर्ग फुट भूमि पर किया जाएगा। मंदिर में 12 गुंबद होंगे, जिलमें सबसे ऊंचा गुंबद 270 फीट ऊंचा होगा। साथ ही विभिन्न देवताओं के लिए 22 गर्भगृह भी होंगे। मंदिर की लंबाई 2800 फीट व चौड़ाई 1400 फीट है। मंदिर परिसर में विवाह हॉल व गेस्ट हाउस भी होंगे। मंदिर में एक समय में 20 हजार लोगों की बैठने की क्षमता होगी।
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