

रांची। झारखंड के मुख्यमंत्रीे हेमंत सोरेन भ्रष्टाचार को लेकर एक्शन मोड में हैं। सीएम हेमंत ने भ्रष्ट इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया है। जल संसाधन विभाग के 37 इंजीनियर्स पर कार्रवाई की तैयारी अंतिम चरण में है। इन इंजीनियरों पर रांची, खूंटी, लोहरदगा, जमशेदपुर सहित अन्य जिलों की सिंचाई योजनाओं में वित्तीय अनियमितता और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप है। 8 साल से आरोपी इंजीनियर्स के खिलाफ मामला चल रहा है, इसमें 15 से ज्यादा इंजीनियर रिटायर हो चुके हैं। जल संसाधन विभाग के कई इंजीनियर दूसरे विभाग में योगदान दे रहे हैं। सीएम ने उनकी भी सूची मांगी है, जिनका मूल विभाग जल संसाधन है। पहले चरण में 37 ऐसे इंजीनियरों की सूची सीएम को भेजी जाएगी, जिन पर आरोप तय होने के बाद भी वर्षों से कार्रवाई लंबित है।
ये है आरोपी इंजीनियर
रामेश्वर मिस्त्री जेई दुमका, रामअवतार ठाकुर एआई डिवीजन रांची, राजेंद्र रविदास एई जामताड़ा, राजेंद्र साजू जेई सिमडेगा, अरूण प्रसाद दास ईई, प्रमोद प्रसाद जेई, निरंजन उरांव, विरोद कुमार झा एमआई डिवीजन रांची, अमरनाथ सिंह ईई गिरिडीह, कृष्णानंदन सिंह, फलेश्वर पाठक जेई जमशेदपुर, जवादर प्रसाद मंडल जेई देवघर, धनुषधारी राय जेई देवघर, मथुरा प्रसाद जेई भंडरा ब्लॉक, अरूण कुमार सिंह ईई मेदिनीनगर, अशोक कुमार साहा जेई दुमका, कृष्ण देव नारायण सिंह ईई रांची, गणेश राम ईई खूंटी, राघवेंद्र चौधरी ईई खूंटी, सतीश चंद्र ईई रिटायर, विशंभर चौबे ईई रिटायर, बिजेंद्र प्रसाद सिन्हा ईई रिटायर, भीम कुमार ईई मोहरमा, अशोक कुमार एई हुसैनाबाद, अनिल कुमार जेई जमशेदपुर, मो. सरफराज इंद्रपुरी, विश्वनाथ बोईपोई एसई ईचागढ़, विवेकानंद मिश्रा चीफ इंजीनियर आदित्यपुर, शैलेंद्र कुमार मंडल ईई आदित्यपुर, रविकांत चौधरी एई लोहरदगा व राम इकबाल चौधरी एई जमशेदपुर।