

रांची। झारखंड के चाईबासा में नक्सली हमले में शहीद सीआरपीएफ जवान सुनील मंडल को रांची में भावपूर्ण श्रद्धांजलि रांची स्थित सीआरपीएफ कैंप में दी गई। शनिवार को चाईबासा में नक्सलियों के आईईडी हमले में शहीद हुए सब-इंस्पेक्टर सुनील कुमार मंडल को राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान राज्यपाल और सीएम ने शहीद के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें संबल दिया। मुख्यमंत्री ने कहा, शहीद के परिवार के साथ सरकार हर कठिनाई में खड़ी रहेगी। नक्सलविरोधी अभियान जारी रहेगा, क्योंकि ऑपरेशन से हताश होकर नक्सलियों ने यह हमला किया।
ऐसे हुआ था हादसा
सीआरपीएफ की 193वीं बटालियन के जीडी (जनरल ड्यूटी) सब-इंस्पेक्टर सुनील मंडल अपनी टीम के साथ चाईबासा के छोटानागरा थाना क्षेत्र में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन में तैनात थे। इसी दौरान जंगल में नक्सलियों द्वारा जमीन में दबाए गए आईईडी का विस्फोट हुआ, जिसमें सुनील और जवान पार्थ गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें हेलीकॉप्टर से रांची के अस्पताल लाया गया, लेकिन सुनील को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
शहीद का परिचय
सुनील मंडल पश्चिम बंगाल के मिदनापुर जिले के निवासी थे। श्रद्धांजलि समारोह में झारखंड के मुख्य सचिव, डीजीपी अनुराग गुप्ता, आईजी अभियान, आईजी सीआरपीएफ, आईजी रांची और एसएसपी चंदन कुमार सहित कई अधिकारी मौजूद रहे। सीएम सोरेन ने जोर देकर कहा, नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबलों का अभियान और तेज किया जाएगा। इस घटना ने एक बार फिर राज्य में नक्सल हिंसा की गंभीरता को रेखांकित किया है, जहां सुरक्षाकर्मी अक्सर ऐसे घातक हमलों का शिकार होते हैं।
सिमडेगा के शहीद हवलदार किशोर बाड़ा को अंतिम विदाई
सिमडेगा जिले के ननेसेरा तुरतुरी पानी गांव के वीर सपूत हवलदार किशोर बाड़ा लद्दाख में भूस्खलन का शिकार होकर शहीद हो गए। सेना ने रविवार को उनका पार्थिव शरीर तिरंगे में लपेटकर उनके गांव पहुंचाया, जहां सैकड़ों ग्रामीणों ने आंसू भरी आंखों से उन्हें अंतिम बार नमन किया। 20 मार्च को लद्दाख में वाहन से गश्त के दौरान हवलदार किशोर बाड़ा और उनके साथी का वाहन भूस्खलन की चपेट में आ गया। इस घटना में दोनों की मौत हो गई। रांची मिलिट्री स्टेशन की टुकड़ी ने उनके शव को गांव पहुंचाया, जहां धार्मिक संस्कारों के बाद सेना ने उन्हें अंतिम सलामी दी।
परिवार पर मौत का सदमा
किशोर बाड़ा के निधन से परिवार टूट गया। वह अपनी पत्नी संहिता मिंज, तीन बेटियों अनीशा, एंजल और एंजेलिना तथा एक अविवाहित छोटी बहन को छोड़ गए हैं। उनकी बड़ी बहन मारियाना बाड़ा ने बताया कि बचपन में ही मां का निधन हो गया था, और पिता भी 5 साल पहले चल बसे थे। किशोर परिवार का एकमात्र सहारा थे, जिन्होंने मुश्किलों में अपने भाई-बहनों की देखभाल की और तीन बहनों की शादी करवाई।
श्रद्धांजलि और सहायता का आश्वासन
शहीद को श्रद्धांजलि देने सिमडेगा विधायक, उपायुक्त अजय कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक सौरभ कुमार सहित कई अधिकारी गांव पहुंचे। उन्होंने परिवार को सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ तथा शहीद की एक बेटी को अनुकंपा नियुक्ति दिलाने का वादा किया। विधायक ने कहा, शहीद की तीनों बेटियों के भविष्य की जिम्मेदारी हमारी है। किशोर बाड़ा सेना की 699 टाट्रा बटालियन में तैनात थे। उनके बलिदान ने न केवल गांव बल्कि पूरे क्षेत्र को शोक में डाल दिया। अंतिम संस्कार के समय उनकी तीनों बेटियों ने पिता को भावभीर्ण विदाई दी, जबकि ग्रामीणों ने उनके साहस को याद करते हुए उन्हें सच्चे देशभक्त का सम्मान दिया।