

रांची। झारखंड विधानसभा के स्पीकर रविंद्र नाथ महत ने विपक्ष के 17 विधायकों को निलंबित कर दिया है। स्पीकर ने सभी विधायकों को 2 अगस्त तक के लिए दिन के 2 बजे तक के लिए निलंबित कर दिया है। सभी विधायकों का सदन में आचरण ठीक नहीं रहने के कारण निलंबित किया गया है। 18 निलंबित विधायक सभी भाजपा के हैं। वहीं आज झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र हो हल्ला हंगामा के बीच 12:30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया है। स्पीकर ने पूरे मामले की जांच का निर्देश सदाचार समिति को दिया है.।समिति एक सप्ताह के भीतर अपना रिपोर्ट सौंपेगी।
यह विधायक हुए निलंबित
पुष्पा देवी, नीरा यादव, अपर्णा सेनगुप्ता, सीपी सिंह, भानु प्रताप शाही, रणधीर सिंह, आलोक चौरसिया, किशुन दास, कुशवाहा, शशिभूषण मेहता, समरी लाल, अनंत ओझा, राज सिन्हा, नारायण दास, केदार हाजरा, कोचे मुंडा, अमित मंडल और बिरंची नारायण।
सीएम से मांग रहे थे जवाब
बुधवार से ही विपक्ष के विधायक अपने कई मांगों को लेकर मुख्यमंत्री से जवाब मांग रहे थे। बुधवार हो ही हो हल्ले हंगामा के बीच विपक्ष के सभी विधायक वेल में पहुंचकर धरना पर बैठ गए। इसके बाद सीएम विधायकों को मनाने पहुंचे और धरना खत्म करने की बात कही लेकिन विधायक उनकी बात नहीं माने और धरना पर बैठे रहे। रात करीब 10:00 बजे मार्शल ने सभी विधायकों को वेल से बाहर निकाल दिया। सभी विधायक रात भर धरना पर बैठे रहे। गुरुवार सुबह से ही विपक्षी विधायक फिर हंगामा करने लगे।
विधायक सुदिव्य ने विपक्ष के रवैये पर सवाल उठाया
आज सभा की कार्रवाई शुरू होते ही झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने विपक्ष के रवैये पर सवाल उठाया। सदन को हाईजैक करने की कोशिश का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सदन को बंधक बनाने की कोशिश की गयी। इन सभी पर कार्रवाई की जानी चाहिए। झामुमो विधायक ने धरना में शामिल विधायकों का नाम भी पढ़ा। इसपर नाराजगी जताते हुए नेता प्रतिपक्ष ने अपनी बात रखने की कोशिश की, लेकिन हंगामा बढ़ता चला गया। सत्ता पक्ष के विधायक भी वेल में आ गए। माहौल इस कदर बिगड़ गया कि मुख्य सचेतक बिरंची नारायण रिपोर्टिंग टेबल के पास आ गये। इस दौरान भाजपा विधायकों ने सीएम के जवाब पर आधारित मांग की प्रति को फाड़कर वेल में उछालना शुरू कर दिया। धरना में शामिल सिर्फ नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी और आजसू विधायक लंबोदर महतो को निलंबित नहीं किया।