मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड सुप्रीम कोर्ट के फैसले को देगा चुनौती : तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं का गुजारा भत्ता मंजूर नहीं
मजहब के मुताबिक जिन्दगी गुजारे ये हमारा पर्सनल राइट है
रांची। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की वर्किंग कमेटी की रविवार को दिल्ली में मीटिंग हुई। जिसमें कई प्रस्ताव पारित किए गए। बोर्ड के प्रवक्ता सैय्यद कासिम रसूल इलियास ने बताया कि पहला प्रस्ताव सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट पर है। इसमें कहा गया है कि निकाह एक पवित्र बंधन होता है, लेकिन हम अपने मजहब के मुताबिक जिन्दगी गुजारे ये हमारा पर्सनल राइट है। उन्होंंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ये महिलाओं के हित में है। हमें लगता है कि ये महिलाओं के हित में नहीं है। लीगल कमेटी से कंसल्ट करके इसे रोलबैक कराने पर विचार करेंगे। हाल में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था कि हर मत-मजहब की महिलाओं को भरण-पोषण यानी गुजारा भत्ता पाने का अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर इलियास ने कहा कि ये जो बात कही जाती है कि महिलाओं के हक में है, हम इससे इत्तेफ़ाक नहीं रखते। ऐसे तो शादी खराब हो तो भी पति तलाक नहीं देगा। कभी क्या ये सही होगा, बच्चों की जिम्मेदारी उस पर है। ऐसी महिलाओं के लिए जिनको कोई देखने वाला नहीं है वक्फ बोर्ड उनको गुजारा भत्ता दे। बका दें कि हाल ही में सर्वोच्च अदालत ने तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को इद्दत की अवधि के बाद गुजारा भत्ता मांगने की अनुमति दी है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की कार्यसमिति की बैठक में आठ प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। यह जानकारी बोर्ड के प्रवक्ता सैयद कासिम रसूल इलियास ने दी।
अब कई मस्जिदों को लेकर मुद्दा बनाया जा रहा
रसूल इलियास ने बताया कि दूसरा प्रस्ताव यूसीसी पर है। यूसीसी हमारे विविधता को खत्म करने कि कोशिश है। उत्तराखंड का यूसीसी मंजूर हुआ है। उसमें बहुत सारी चीजें हैं जो आम आदमी को परेशान करती हैं। उत्तराखंड यूसीसी को हम चुनौती देंगे। लीगल कमेटी इस पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में बहुत सारी वक्फ प्रॉपर्टी पर अतिक्रमण है। बहुत जगहों पर गवर्नमेंट ऑफिस हैं। वक्फ एक्ट में कोई तब्दीली लाने की कोशिश की जाएगी तो इसे हम स्वीकार नहीं करते हैं। बाबरी मस्जिद के फैसले को हमने स्वीकार नहीं किया, लेकिन फैसला हमारे खिलाफ गया। अब कई मस्जिदों को लेकर मुद्दा बनाया जा रहा है। हम सुप्रीम कोर्ट से गुजारिश करते हैं कि पूजा स्थल एक्ट में कोई विवाद हो रहा है तो उन मामलों को देखें।
नफरती राजनीति के खिलाफ वोट दिया
रसूल इलियास कहा कि इस चुनाव से बहुत स्पष्ट है कि हमारी अवाम ने नफरती राजनीति के खिलाफ वोट दिया है। मॉब लिंचिंग को बढ़ावा देंगे तो ये सिर्फ मुसलमानों तक सीमित नहीं रहेगा। गरीबों शोषितों पर भी असर हो रहा है। इजरायल हमास की जंग पर उन्होंने कहा कि फिलिस्तीन को लेकर हमारे देश का बहुत क्लियर स्टैंड रहा है। हमारे देश का स्टैंड है कि हम 2 नेशन को सपोर्ट करते हैं। बोर्ड ने इस पर भी विचार किया है और कहा है कि मुस्लिम मुल्क भी इसमें पहल नहीं कर रहे हैं। हम अपने देश से गुजारिश करते हैं कि इजराइल को हथियारों की सप्लाई बंद करें और सीजफायर की पहल करें।